जांजगीर-चांपा: डभरा ब्लॉक के केनापाली ग्राम पंचायत के सरपंच गुरबारी सिदार और सचिव मिथिलेश मरावी पर 14वें वित्त की राशि गबन करने का आरोप लगाया गया है. सरपंच और सचिव पर आरोप है कि उन्होंने 14वें वित्त की राशि जो करीब 1 लाख 70 हजार रुपये और 2 लाख रुपये बताई जा रही है. उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर में खर्च करने के नाम पर डीएससी के माध्यम से निकालकर गबन कर लिया है. जबकि ग्राम पंचायत में प्रवासी मजदूरों की कुल संख्या सिर्फ 50 थी.
जानकारी के मुताबिक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले 50 प्रवासी मजदूरों का खर्च शासन के निर्धारित दर के मुताबिक 42 हजार हो रहा है, लेकिन सरपंच और सचिव ने मनमानी करते हुए 14वें वित्त की राशि यानी 3 लाख 70 हजार रुपये को प्रवासी मजदूरों के नाम पर खर्च करना बताकर गबन कर लिया है. इसकी लिखित शिकायत ग्रामीणों ने डभरा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को 7 अगस्त को की थी. साथ ही सरपंच और सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने गठित की थी जांच टीम
ग्रामीणों की शिकायत पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने 3 सदस्यी जांच टीम गठित की, जो जांच करने केनापाली पहुंची. जहां उन्होंने सरपंच और सचिव से जानकारी मांगी, लेकिन सरपंच और सचिव पूरी जानकारी नहीं दे पाए. वहीं जांच टीम के सामने खर्च किए गए राशि का गोल मोल जवाब देने लगे.
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वहीं ग्राम पंचायत के पंचों ने बताया कि प्रस्ताव में 90 हजार रुपये की राशि खर्च होने की बात कहकर साइन कराया गया था, लेकिन सरपंच और सचिव ने फर्जी तरीके से 1 लाख 98 हजार की राशि निकाल ली. पंचों ने बताया कि जब जांच टीम ग्राम पंचायत पहुंची तो उन्हें प्रस्ताव रजिस्टर को दिखाया गया, जिसमें 1 लाख 98 हजार राशि को कुछ सामान खरीदने के नाम पर निकाला गया था.
जांच में सही पाई गई राशि गबन करने की शिकायत
इस पर जांच टीम ने पाया कि सिर्फ 80 हजार रुपये का फर्नीचर खरीदा गया है, बाकी के पैसे का सरपंच और सचिव ने फर्जी हिसाब दिखाकर गबन किया है.