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रामनामी मेला: एक ऐसा समाज जिनके लिए राम नाम ही दुनिया - Janjgir-Champa latest news

जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पीरदा गांव में रामनामी समाज का मेला शुरू हो गया है. यहां दलित समाज के लोग राम भजन को लेकर मेले का आयोजन करते हैं.

रामनामी समाज का मेला
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Published : Nov 5, 2019, 12:38 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 4:07 PM IST

जांजगीर-चांपा: जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पीरदा गांव में रामनामियों का मेला शुरू हो गया है. यह अपने आप में एक अनूठा मेला है. जहां दलित समाज के लोग राम भजन को लेकर मेले का आयोजन करते हैं.

रामनामी समाज का मेला

आस्था के साथ मेले का आयोजन
"राम से बड़ा, राम का नाम" इसी आस्था के साथ यह मेले का आयोजन होता है. रामनामी दलित समाज के लोग पूरे शरीर में नख से लेकर सिर तक राम नाम का (टैटू) लिखाते हैं. ऐसा उदाहरण शायद ही भारत में कहीं मिलता होगा.

अनूठी है परम्परा
राम के नाम को ही सब कुछ मानने वाला यह समाज अपने आप में अनूठा है. 3 दिनों तक चलने वाले इस मेले में दूर-दूर से रामनामी शामिल होते हैं.

पढ़े: सावधान! प्रदूषण के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे खतरनाक, टॉप 50 शहरों में कोरबा और रायगढ़ का नाम

109 साल पहले से चली आ रही है परंपरा
समाज के प्रमुख रामप्यारे ने बताया कि पिरदा गांव में मेले का आयोजन 109 वर्ष पहले शुरू हुआ था, जो लगातार अब तक चल रहा है. हालांकि रामनामी की संख्या पहले से कम होती जा रही है. फिर भी रामनामियों की आस्था और मान्यता को बचाने के लिए समाज के लोग बड़ी शिद्दत से काम कर रहे हैं.

जांजगीर-चांपा: जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पीरदा गांव में रामनामियों का मेला शुरू हो गया है. यह अपने आप में एक अनूठा मेला है. जहां दलित समाज के लोग राम भजन को लेकर मेले का आयोजन करते हैं.

रामनामी समाज का मेला

आस्था के साथ मेले का आयोजन
"राम से बड़ा, राम का नाम" इसी आस्था के साथ यह मेले का आयोजन होता है. रामनामी दलित समाज के लोग पूरे शरीर में नख से लेकर सिर तक राम नाम का (टैटू) लिखाते हैं. ऐसा उदाहरण शायद ही भारत में कहीं मिलता होगा.

अनूठी है परम्परा
राम के नाम को ही सब कुछ मानने वाला यह समाज अपने आप में अनूठा है. 3 दिनों तक चलने वाले इस मेले में दूर-दूर से रामनामी शामिल होते हैं.

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109 साल पहले से चली आ रही है परंपरा
समाज के प्रमुख रामप्यारे ने बताया कि पिरदा गांव में मेले का आयोजन 109 वर्ष पहले शुरू हुआ था, जो लगातार अब तक चल रहा है. हालांकि रामनामी की संख्या पहले से कम होती जा रही है. फिर भी रामनामियों की आस्था और मान्यता को बचाने के लिए समाज के लोग बड़ी शिद्दत से काम कर रहे हैं.

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इंट्रो
जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पास पीरदा गांव में रामनामियो का मेला शुरू हो गया है। यह अपने आप में एक अनूठा मेला है । जहां दलित समाज के लोग राम भजन को लेकर मेला आयोजन करते है। "राम से बड़ा, राम का नाम" इसी आस्था के साथ यह मेले का आयोजन होता है। रामनामी दलित समाज के लोग पूरे शरीर में, नख से लेकर सिख तक, राम नाम का गोदना टैटू लिखाते हैं। ऐसा उदाहरण शायद ही भारत में कहीं मिलता होगा। राम के नाम को ही सब कुछ मानने वाला यह समाज अपने आप में अनूठा है। 3 दिनों तक चलने वाले इस मेले में दूर-दूर से रामनामी शामिल होते हैं । समाज के प्रमुख रामप्यारे ने बताया कि पिरदा गांव में मेला का आयोजन 109 वर्ष पहले शुरू हुआ था, जो लगातार अब तक चला रहा है। हालांकि रामनामी की संख्या पहले से कम होती जा रही है। फिर भी रामनामीयों की आस्था और मान्यता को बचाने के लिए समाज के लोग बड़ी शिद्दत से काम कर रहे हैं।
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Last Updated : Nov 5, 2019, 4:07 PM IST
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