जांजगीर चांपा : छत्तीसगढ़ में पानी बर्बाद करने का सिलसिला कांकेर के परलकोट से जो शुरु हुआ वो बेदस्तूर जारी है. कहीं स्टॉप डैम बनाने के नाम पर तालाब तोड़कर पानी बहाया जा रहा है तो कहीं मछली पकड़ने तो कहीं मेंटनेंस के नाम पर गर्मी में पानी बहाकर अफसर जिम्मेदारी निभा रहे हैं. ताजा तस्वीर जांजगीर चांपा के नगर पालिका में सामने आई है.जहां स्वीमिंग पूल में इकट्ठा किए गए 19 हजार लीटर पानी को पंप लगाकर बहा दिया गया.जब अफसरों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने रटा रटाया जवाब देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली.
कब से स्वीमिंग पूल का निर्माण है जारी : जिला में नगर पालिका 2016 से स्वीमिंग पूल बना रहा है. 1 करोड़ 82 लाख की लागत से स्विमिंग पूल बनाने के लिए 2018 तक का समय निर्धारित था. लेकिन ठेकेदार की लेटलतीफी और फिर गलत नक्शा के कारण इसे 2020 तक का एक्सटेंशन दिया गया. यहां तक तो ठीक था. लेकिन एक बार फिर तकनीकी खामियों का बहाना बनाकर स्विमिंग पुल का निर्माण 2023 तक पूरा नहीं किया जा सका .अब कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश के बाद स्विमिंग पुल को आनन फानन में शुरू करने की कवायद तेज की गई है. लेकिन इसमें इकट्ठा पानी को खराब बताकर फेंककर क्लोरीन से साफ करने की बात कही जा रही है.
पानी बहाने को लेकर विपक्ष में नाराजगी : एक तरफ स्वीमिंग पूल के निर्माण में करोड़ों रुपए फूंके गए.इसके बाद भी निर्माण तय समय में पूरा नहीं हो सका.इसके बाद अब भीषण गर्मी में जहां पूरे नगर पालिका में पानी की किल्लत है,वहां स्वीमिंग पूल के पानी को खराब बताकर फेंका जा रहा है. जिसके बाद अब नगरपालिका के नेता प्रतिपक्ष ने अफसरों और ठेकेदार को आड़े हाथों लिया है. जांजगीर नैला नगर पालिका के अधिकांश वार्ड इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.सडक किनारे लगे पेड़ पौधे पानी की कमी के कारण सूख गए हैं. लेकिन नगर पालिका ने स्विमिंग पूल के हजारों लीटर पानी बहा चुका है.