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जांजगीर-चांपा: नियमों की धज्जियां उड़ा रहे क्रशर संचालक, जिम्मेदार मौन

मवेशी के शव के पास पत्थर के टुकड़े पाए गए हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है. आस-पास रहने वाले लोगों का कहना है कि वे ब्लास्टिंग की वजह से हमेशा डरे रहते हैं.

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Published : Jun 1, 2019, 1:22 PM IST

मवेशी के शव के पास पत्थर के टुकड़े पाए गए हैं

जांजगीर-चांपा: जिले में क्रशर संचालक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. पकरिया से लगे सिल्ली मुख्य मार्ग पर ब्लास्टिंग में मवेशी की मौत हो गई. मवेशी के शव के पास पत्थर के टुकड़े पाए गए हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है. आस-पास रहने वाले लोगों का कहना है कि वे ब्लास्टिंग की वजह से हमेशा डरे रहते हैं.

नियमों की धज्जियां उड़ा रहे क्रशर संचालक

मवेशी का मालिक कोटवार को लेकर घटनास्थल पहुंचा, जिसके कुछ देर बाद गांव के सरपंच उपसरपंच ने ग्रामीणों के साथ क्रशर के पास पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी ली. क्रेशर मालिक ने इस तरह की घटना से इनकार कर दिया है. क्रशर मालिक का कहना है कि उसने मवेशी को पानी पिलाकर उसकी जान बचाने की कोशिश की थी.

ब्लास्टिंग की वजह से लोग परेशान
आस-पास रहने वाले लोगों का आरोप है कि ब्लास्टिंग की वजह से उन्हें डर कर रहना पड़ता है. ग्रामीण मनसराम सुमन ने कहा कि वो अपने परिवार के साथ ब्लास्टिंग के दौरान तखत के नीचे छुप जाते हैं. वहीं एक परिवार ने अपना घर छोड़ दिया है. पकरिया के होटल संचालक अजय कैवर्त्य का कहना है कि ब्लास्टिंग की वजह से उनके घर की दीवार फट गई. वहीं धूल की वजह से आने-जाने वालों को परेशानी होती है.

जानकारी के बाद भी कार्रवाई नहीं
घटना की जानकारी कई बार अफसरों को दी गई है लेकिन अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. इस तरह क्रशर संचालकों की मनमानी से विभाग पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं.

सरपंच ने लगाया आरोप
ग्राम पकरिया के सरपंच ने मनीष सिंगसर्वा ने क्रशर संचालक पर शासकीय जमीन पर मिट्टी डंप करने का आरोप लगाया है. सरपंच ने इसकी शिकायत पटवारी से भी की है, जिसके बाद पटवारी ने दोबारा सीमांकन की बात कही है.

जांजगीर-चांपा: जिले में क्रशर संचालक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. पकरिया से लगे सिल्ली मुख्य मार्ग पर ब्लास्टिंग में मवेशी की मौत हो गई. मवेशी के शव के पास पत्थर के टुकड़े पाए गए हैं, जिससे लोगों में आक्रोश है. आस-पास रहने वाले लोगों का कहना है कि वे ब्लास्टिंग की वजह से हमेशा डरे रहते हैं.

नियमों की धज्जियां उड़ा रहे क्रशर संचालक

मवेशी का मालिक कोटवार को लेकर घटनास्थल पहुंचा, जिसके कुछ देर बाद गांव के सरपंच उपसरपंच ने ग्रामीणों के साथ क्रशर के पास पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी ली. क्रेशर मालिक ने इस तरह की घटना से इनकार कर दिया है. क्रशर मालिक का कहना है कि उसने मवेशी को पानी पिलाकर उसकी जान बचाने की कोशिश की थी.

ब्लास्टिंग की वजह से लोग परेशान
आस-पास रहने वाले लोगों का आरोप है कि ब्लास्टिंग की वजह से उन्हें डर कर रहना पड़ता है. ग्रामीण मनसराम सुमन ने कहा कि वो अपने परिवार के साथ ब्लास्टिंग के दौरान तखत के नीचे छुप जाते हैं. वहीं एक परिवार ने अपना घर छोड़ दिया है. पकरिया के होटल संचालक अजय कैवर्त्य का कहना है कि ब्लास्टिंग की वजह से उनके घर की दीवार फट गई. वहीं धूल की वजह से आने-जाने वालों को परेशानी होती है.

जानकारी के बाद भी कार्रवाई नहीं
घटना की जानकारी कई बार अफसरों को दी गई है लेकिन अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. इस तरह क्रशर संचालकों की मनमानी से विभाग पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं.

सरपंच ने लगाया आरोप
ग्राम पकरिया के सरपंच ने मनीष सिंगसर्वा ने क्रशर संचालक पर शासकीय जमीन पर मिट्टी डंप करने का आरोप लगाया है. सरपंच ने इसकी शिकायत पटवारी से भी की है, जिसके बाद पटवारी ने दोबारा सीमांकन की बात कही है.

Intro:जांजगीर चाम्पा:- जिले के पकरिया से लगरा सिल्ली मुख्य मार्ग से लगा हुआ सड़क किनारे संचालित हो रहा बाके बिहारी मिनरल्स क्रेसर द्वारा नियमो की धज्जिया उड़ाते हुए मनमानी पूर्वक संचालित हो रहे है।

जानकारी के अनुसार ग्रामीणों का कहना है कि क्रेशर संचालक द्वारा ब्लास्टिंग किया गया था जिसके चपेट में आने से एक गर्भवती गाय की मौके पर मौत हो गई , वही घटना स्थल पर पत्थर का टुकड़ा पाया गया है , जिसके बाद ग्रामीणों का कहना है कि मवेशि गाय की मौत ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर से हुआ है। गाय मालिक को जब इस बात का जानकारी मिला तो वह अपने परिवार के साथ गांव के कोटवार को लेकर घटना स्थल पर पहुँचा वही कुछ देर के बाद गांव के सरपंच उपसरपंच ने ग्रामीणों के साथ क्रेसर के पास पहुचकर घटना के संबंध में जानकारी लिया । वही जब इस घटना के बारे में सरपंच ने क्रेशर संचालक से घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि क्रेशर से लगभग 300 मीटर की दूरी पर गाय खेत पर चिल्ला रही थी और उठ बैठ रही थी तो मेरे और मेरे स्टॉप के द्वारा उसे पानी पिला गया वही साफ शब्दों में क्रेशर मालिक ने कह दिया कि ये मेरे यहाँ ब्लास्टिंग से मवेशि गाय खत्म नही हुई है । वही गाय मालिक के साथ ग्रामीणों ने मुआवाज़ा कि मांग किया तो संचालक ने साफ कहा कि यहाँ घटना मेरे से संबंधित नहीं है |



वही गाय मालिक अपना और अपना पूरा परिवार का गाय दूध बेचकर भरण पालन करता था अब उसके ऊपर बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है।
वही क्रेशर के पास रह रहे करीब आधा दर्जन घर बलस्टिंग के चपेट में आया है जैसे कि कच्चा खप्पर का घर सीट वाला मकान व बलस्टिंग से टूटे- फूटे पाया गए । वही वहा पे रह रहे ग्रामीण मनसराम सुमन ने बताया कि बलस्टिंग के दौरान मैं और मेरे परिवार छोटे छोटे बच्चो को तखत के नीचे छुपाना पड़ता है । वही विजय चौहान ने बताया कि मेरे घर पर भी खप्पर पर कई बार पत्थर गिर चुका है जिससे मैं और मेरा परिवार के साथ कई बार घटना होते हुए बच गए है। साथ ही वहाँ के एक परिबार ने क्रेशर के बलस्टिंग से त्रस्त होकर अपने परिवार के साथ ससुराल के घर में रहना मुनासिब समझा । इतना ही नही पकरिया के होटल संचालक अजय कैवर्त्य के घर पर बलस्टिंग के पत्थर से पूरा दीवार से फट गया। जोकि अजय के द्वारा कई बार इसकी जानकारी क्रेसर संचालक को दिया गया उसके बावजूद भी संचालक मनमानी तरीके से अपना काम धड़ले से किया जा रहा है।

धूल निकलने से राहगीरों को हो रही है परेशानी


आपको बता दे कि क्रेशर प्लांट से पत्थर तोड़ने के दौरान धूल निकलने का सिलसिला चलता रहता है। लेकिन क्रेशर स्थित मुख्य मार्ग पकरिया से ग्राम लगरा सिल्ली खपरी जोगीदीपा जुड़ा हुआ है जिससे आसपास के गांव के लोग सैकड़ो की संख्या में अपने रोजमर्रा दिनचर्या के कामो को लेकर यहाँ से रोजाना आवागमन करते है । वही यहाँ से प्रतिदिन गुजरने वाले राहगीरों ग्रमीणों छात्र छात्राओं का कहना है कि क्रेशर के धूल के कारण यहाँ से गुजरना जी का जंजाल साबित होता है कई बार तो ब्लास्टिंग के समय वहा रुकना पड़ जाता है जिससे हमारे जान का खतरा बना रहता है।

जानकारी के बावजूद भी कार्यवाही नही

इतना ही नही इस तरह की घटना के बारे में कई बार अधिकारीयो को अवगत कराया गया , फिर भी इस ओर कार्यवाही नहीं होना समझ से परे है। जिससे क्रेशर संचालक की मनमानी चरम सीमा पर है। यहाँ तक क्रेशर संचालक शासन के मानकों को मानने तैयार नही है। क्रेशर संचालको के लिए शासन ने जो नियम निर्धारित किया है उसका उद्ददेश् क्रेशर मशीनों के आसपास ग्रमीणों को प्रदूषण से बचाना है। इतना ही नही क्रेशर संचालन को लाइसेंस देते समय यह दिशा निर्देश का पालन अनिवार्य है। वही क्रेशर संचालन का लाइसेंस लेते समय क्रेशर प्लांट के संचालको को नियमो का पालन करने का हवाला लिखित में देते\ है लेकिन लाइसेंस मिलने के बाद क्रेशर संचालको की मनमानी देखते ही शुरू हो जाती है।

विभाग का कार्यवाही न करना एक बड़ा सवाल

वही शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का किसी भी तरह से पालन नही होने के बाद इस तरह से विभाग का कार्यवाही न करना बड़ा सवाल है। क्रेशरों से बड़ी मात्रा में धूल के कण दिन रात निकलते रहते है वही इससे आसपास के वातावरण में धूल के गुबार से वहाँ से गुजरने वाले राहगीरों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्रेशर संचालक के द्वारा लगातार नियमो की अनदेखी करने के बाद भी शासन के अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार के कार्यवाही नही होने से संचालक के हौसले बुलंद है। पकरिया में संचालित क्रेशर प्लांट के संचालक ने न तो पर्यावरण की सुरक्षा की दृष्टि से अपने क्रेशर प्लांट में नियम के मुताबिक पौधारोपण किया है। और न ही क्रेशर के परिछेत्र में जहा पत्थर तोड़ने की मशीन लगाई गई है वहाँ के आसपास पानी का छिड़काव भी नही किया जाता है।

सरपंच ने लगाया आरोप

ग्राम पकरिया के सरपंच ने मनीष सिंगसर्वा ने बताया कि क्रेशर संचालक के द्वारा अपने लीज जमीन के बाद पंचायत के बिना अनुमति के क्रेशर पर ही अपने लीज जमीन से ज्यादा शासकीय जमीन पर दंबगई पूर्वक मिट्टी डपिंग किया है इतना ही नही सरपंच ने इसकी शिकायत कई बार पटवारी से की उसके बावजूद भी क्रेशर संचालक सरपंच को नेतागिरी का दौंश दिखाते हुए कब्जा कर रखा हुआ है। वही मौके पर पटवारी ने दोबारा सीमांकन कर जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है।

बाइट:-ग्रामीण (सर में पगड़ी)
बाइट:-देव लाल केवट ग्रामीण (गमछा वाला)
बाइट :-मनीष कुमार सिंह सरपंच (काला टी शर्ट वाला(Body:विसुअल बाइटConclusion:
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