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जांजगीर-चांपा: पामगढ़ में मनाया गया छेरछेरा, लोगों में दिखा उत्साह

लोगों ने खुशी से सभी को छेरछेरा के रूप में मुठ्ठी भर धान दिया. इसी क्रम में पामगढ़ में भी छेरछेरा को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला.

Pamgarh people celebrated Chherchera
पामगढ़ में मनाया गया छेरछेरा
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Published : Jan 10, 2020, 7:17 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 7:57 PM IST

जांजगीर-चांपा: प्रदेश का पारंपरिक लोक त्योहार छेरछेरा हर्षोल्लास के साथ शुक्रवार को पूरे प्रदेश में मनाया गया. सुबह से ही बच्चे और युवा घर-घर जाकर धान के रूप में छेरछेरा मांगा और लोगों ने खुशी से सभी को छेरछेरा के रूप मुठ्ठी भर धान दिया. इसीक्रम में पामगढ़ में भी छेरछेरा को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला.

पामगढ़ में मनाया गया छेरछेरा

प्रदेश में यह त्यौहार काफी लोकप्रिय है. और इसे सदियों से मनाया जा रहा है. इस त्यौहार में सभी महिलाएं अपने घरों में तरह-तरह के पकवान बनाती हैं.

पढ़ें: नक्सलियों के इस नए प्लान के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन लॉन्च करेगी बस्तर पुलिस

गांव में किसान फ़सल की मिंजाई के पश्चात धान को कोठी में भरते हैं, फिर उसी को खुशी से दान करते हैं और इसे छेरछेरा त्योहार के रूप में मनाते हैं.

जांजगीर-चांपा: प्रदेश का पारंपरिक लोक त्योहार छेरछेरा हर्षोल्लास के साथ शुक्रवार को पूरे प्रदेश में मनाया गया. सुबह से ही बच्चे और युवा घर-घर जाकर धान के रूप में छेरछेरा मांगा और लोगों ने खुशी से सभी को छेरछेरा के रूप मुठ्ठी भर धान दिया. इसीक्रम में पामगढ़ में भी छेरछेरा को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिला.

पामगढ़ में मनाया गया छेरछेरा

प्रदेश में यह त्यौहार काफी लोकप्रिय है. और इसे सदियों से मनाया जा रहा है. इस त्यौहार में सभी महिलाएं अपने घरों में तरह-तरह के पकवान बनाती हैं.

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गांव में किसान फ़सल की मिंजाई के पश्चात धान को कोठी में भरते हैं, फिर उसी को खुशी से दान करते हैं और इसे छेरछेरा त्योहार के रूप में मनाते हैं.

Intro:गांवों में मनाएगा छेर-छेरा का त्यौहार,
पूरे गांव में दिखा खुशी का माहौल।

जांजगीर-चांपा/पामगढ़
छत्तीसगढ़ का पारंपरिक लोग त्यौहार छेरा-छेरा हर्षोल्लास के साथ आज पूरे छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में मनाया गया। सुबह से ही सभी बच्चे और युवा घर-घर जाकर में धान के रूप में छेर छेरा-छेरा मांगे और लोगों ने खुशी से सभी को छेर-छेरा के रूप मुठ्ठी भर धान दिया।

छत्तीसगढ़ का यह त्यौहार काफी लोकप्रिय है। और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस त्यौहार में सभी महिलाएं अपने घरों में तरह-तरह के पकवान बनातीं हैं जैसे की बडा़, पूड़ी, भजिया, पकौड़ी इत्यादि।

गांव में किसान फ़सल की मिंजाई के पश्चात धान को कोठी में भरते हैं, फिर उसी को खुशी से अन्न दान करते हैं और छेर छेरा के रूप में इस त्योहार को मनाते हैं।

बुजुर्ग लोग भजन कीर्तन के साथ घरों-घर जाकर छेरछेरा मांगते हैं और राम भजन गाते हैं। इससे गांव में भक्ति का माहौल भी बना रहता है।

बाइट नंबर 1- आशीष तिवारी (ग्रामीण)Body:,,,,,Conclusion:।।।।।
Last Updated : Jan 10, 2020, 7:57 PM IST
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