जांजगीर-चांपा: बारदाने की कमी की धान खरीदी बंद होने के कगार पर है, जिसकी वजह से किसान परेशान है. धान खरीदी केंद्रों में धान की आवक नहीं के बराबर है. धान का उठाव नहीं होने से भी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. जांजगीर-चांपा जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2020-2021 के लिए 1 लाख 87 हजार 77 पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के लिए 230 उपार्जन केंद्रों की व्यवस्था की गई है.
किसान हालातों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं. बारदाना नहीं मिलने से धान की बिक्री लगभग बंद है. धान का उठाव नहीं होने के कारण धान खरीदी केंद्रों में धान जाम पड़ा है. ETV भारत की टीम ने जिले के पामगढ़ ब्लॉक के कोसला धान खरीदी केंद्र का जायजा लिया. यहां सामने आ रही समस्याओं के संबंध में किसानों और धान खरीदी केंद्र प्रभारी से बातचीत की.
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धान खरीदी पर लगा ग्रहण
इस साल किसानों से 80.55 लाख क्विंटल धान की खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी उपार्जन केंद्रों में जरूरी व्यवस्था की गई है. जिले में अब तक एक लाख 908 क्विंटल से ज्यादा धान किसान बेच चुके हैं. राज्य में सबसे अधिक धान खरीदी जांजगीर-चांपा जिले में होती है, लेकिन बारदाने की कमी और उठाव की समस्या के चलते धान खरीदी पर ग्रहण लगा हुआ है.