जांजगीर चांपा: 'जब सैंया भये कोतवाल, फिर डर काहे का' ये कहावत इन दिनों जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रश्मि गबेल के पति नारायण गबेल पर बिल्कुल फिट बैठ रहा है. क्योंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और पत्नी पार्टी की जिला अध्यक्ष हैं. इस बात का फायदा उठाने से नारायण गबेल नहीं चूक रहे हैं. कहने को तो वे कृषि विभाग में कार्यरत हैं, लेकिन जिले में कांग्रेस की हर चुनावी बैठक में उनकी उपस्थिति देखी जा रही है.
कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में लोकसभा क्षेत्र में जहां-जहां कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा है, वहां पूरे समय तक उनकी उपस्थिति बनी रहती है. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में इन दिनों जमकर वायरल हो रही है. तस्वीरें वायरल होने के बाद जिले में राजनीतिक माहौल गरमाने लगी है. वहीं भूपेश बघेल के कार्यक्रम में भी वे इर्द-गिर्द घूमते नजर आ रहे हैं. जब उनसे मीडियाकर्मियों ने इस बारे में पूछा तो उनका इससे भी शर्मनाक बयान आया. उनका कहना है कि, 'पुलिस वाले भी सरकारी नौकरी करते है और हर राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल रहते हैं.'
सोशल मीडिया में वायरल हो रहा वीडियो
बताया जा रहा है कि, वे अपने ड्यूटी पर उपस्थित रहने के बजाय नेतागिरी में इस कदर व्यस्त रहते हैं कि, उन्हें भारत निर्वाचन आयोग की कार्रवाई का भी कोई डर नहीं है. राजनीतिक कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति की कई तस्वीरें और वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. लोगों का कहना है कि, यही काम अगर कोई शासकीय सेवक करता तो उसे तत्काल निलंबित कर दिया जाता, लेकिन जिला अध्यक्ष के पति को यह काम करने की खुली छूट मिली हुई है.
शुरू से ही राजनीति कर रहे नारायण
नारायण गबेल ऐसी मनमानी पहली बार नहीं कर रहे हैं. साल 2003 के पहले से ही वे राजनीति में सक्रीय हैं और पूरे समय अपनी पत्नी के इर्द-गिर्द रहकर नेतागिरी करते रहते हैं. 2003 में जब उनकी पत्नी ने चंद्रपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, तब भी नारायण गबेल ने खुलकर नेतागिरी करते हुए कांग्रेस का प्रचार किया था. इसके बाद पंचायत चुनावों में भी नारायण गबेल ने अपनी पत्नी रश्मि गबेल के पक्ष में वोट मांगते दिखे.