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जांजगीर-चांपा: प्रवासी मजदूरों की बढ़ी मुसीबत, क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं है जगह

दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर लगातार वापस लौट रहे हैं. मजदूरों को गृह जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है. जिले के क्वॉरेंंटाइन सेंटर फुल हो चुके हैं लिहाजा अब श्रमिकों को होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.

migrant laborers
प्रवासी मजदूर
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Published : Jun 19, 2020, 2:56 PM IST

जांजगीर-चांपा: जिले में प्रवासी मजदूरों की वापसी अचानक से बढ़ी है. रोज 4 हजार से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों से लौट रहे हैं. स्थिति यह है कि अब इन मजदूरों को क्वॉरेंटाइन भी नहीं किया जा सकता क्योंकि क्वॉरेंटाइन सेंटर पूरी तरह भरा हुआ है. जगह नहीं होने की वजह से प्रशासन ने इन मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन होने को कहा है.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में जगह नहीं

जिले में 16 जून को 78 हजार से ज्यादा मजदूर लौटे हैं और आज इनकी संख्या बढ़कर 86 हजार के पार पहुंच गई है. इनमें से ज्यादातार मजदूर उत्तर प्रदेश से लौट रहे हैं.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में हो रही मौत

कुछ दिनों पहले तक जिले में रोज डेढ़ हजार से दो हजार मजदूर दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे थे, लेकिन यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार का 23 मई तक का डाटा कहता है कि प्रदेश में एक लाख 53 हजार से ज्यादा मजदूर सकुशल लौटे हैं. लेकिन अपने घर लौटने के बाद कितने कुशल हैं, इसका डाटा किसी के पास नहीं और जाने मिलेगा भी या नहीं. छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटरों का हाल भगवान भरोसे है. यहां बदइंतजामी की खबरों के बीच सबसे चिंताजनक है मौतों का आंकड़ा.

migrant laborers
मजदूरों की वापसी का आकड़ा

ये है आंकड़े

छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटर से आती तस्वीरों और खबरों ने कई सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश के कई जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर्स से अव्यवस्था की खबरें आ रही हैं. प्रदेश में 20 से ज्यादा प्रवासी मजदूर काल के गाल में समा गए हैं. गरियाबंद में गर्भवती की मौत हुई. बालोद में 4 महीने की बच्ची की जान गई तो कांकेर में होम आइसोलेशन में युवक ने खुदकुशी कर ली. वहीं कवर्धा में भी मासूम ने दम तोड़ दिया. अब क्वॉरेंटाइन सेंटर फुल होने की वजह से श्रमिक परेशान हैं.

जांजगीर-चांपा: जिले में प्रवासी मजदूरों की वापसी अचानक से बढ़ी है. रोज 4 हजार से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों से लौट रहे हैं. स्थिति यह है कि अब इन मजदूरों को क्वॉरेंटाइन भी नहीं किया जा सकता क्योंकि क्वॉरेंटाइन सेंटर पूरी तरह भरा हुआ है. जगह नहीं होने की वजह से प्रशासन ने इन मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन होने को कहा है.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में जगह नहीं

जिले में 16 जून को 78 हजार से ज्यादा मजदूर लौटे हैं और आज इनकी संख्या बढ़कर 86 हजार के पार पहुंच गई है. इनमें से ज्यादातार मजदूर उत्तर प्रदेश से लौट रहे हैं.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में हो रही मौत

कुछ दिनों पहले तक जिले में रोज डेढ़ हजार से दो हजार मजदूर दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे थे, लेकिन यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार का 23 मई तक का डाटा कहता है कि प्रदेश में एक लाख 53 हजार से ज्यादा मजदूर सकुशल लौटे हैं. लेकिन अपने घर लौटने के बाद कितने कुशल हैं, इसका डाटा किसी के पास नहीं और जाने मिलेगा भी या नहीं. छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटरों का हाल भगवान भरोसे है. यहां बदइंतजामी की खबरों के बीच सबसे चिंताजनक है मौतों का आंकड़ा.

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मजदूरों की वापसी का आकड़ा

ये है आंकड़े

छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटर से आती तस्वीरों और खबरों ने कई सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश के कई जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर्स से अव्यवस्था की खबरें आ रही हैं. प्रदेश में 20 से ज्यादा प्रवासी मजदूर काल के गाल में समा गए हैं. गरियाबंद में गर्भवती की मौत हुई. बालोद में 4 महीने की बच्ची की जान गई तो कांकेर में होम आइसोलेशन में युवक ने खुदकुशी कर ली. वहीं कवर्धा में भी मासूम ने दम तोड़ दिया. अब क्वॉरेंटाइन सेंटर फुल होने की वजह से श्रमिक परेशान हैं.

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