जांजगीर-चांपा: जिले में प्रवासी मजदूरों की वापसी अचानक से बढ़ी है. रोज 4 हजार से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों से लौट रहे हैं. स्थिति यह है कि अब इन मजदूरों को क्वॉरेंटाइन भी नहीं किया जा सकता क्योंकि क्वॉरेंटाइन सेंटर पूरी तरह भरा हुआ है. जगह नहीं होने की वजह से प्रशासन ने इन मजदूरों को होम क्वॉरेंटाइन होने को कहा है.
जिले में 16 जून को 78 हजार से ज्यादा मजदूर लौटे हैं और आज इनकी संख्या बढ़कर 86 हजार के पार पहुंच गई है. इनमें से ज्यादातार मजदूर उत्तर प्रदेश से लौट रहे हैं.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में हो रही मौत
कुछ दिनों पहले तक जिले में रोज डेढ़ हजार से दो हजार मजदूर दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे थे, लेकिन यह संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार का 23 मई तक का डाटा कहता है कि प्रदेश में एक लाख 53 हजार से ज्यादा मजदूर सकुशल लौटे हैं. लेकिन अपने घर लौटने के बाद कितने कुशल हैं, इसका डाटा किसी के पास नहीं और जाने मिलेगा भी या नहीं. छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटरों का हाल भगवान भरोसे है. यहां बदइंतजामी की खबरों के बीच सबसे चिंताजनक है मौतों का आंकड़ा.
ये है आंकड़े
छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटर से आती तस्वीरों और खबरों ने कई सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश के कई जिलों के क्वॉरेंटाइन सेंटर्स से अव्यवस्था की खबरें आ रही हैं. प्रदेश में 20 से ज्यादा प्रवासी मजदूर काल के गाल में समा गए हैं. गरियाबंद में गर्भवती की मौत हुई. बालोद में 4 महीने की बच्ची की जान गई तो कांकेर में होम आइसोलेशन में युवक ने खुदकुशी कर ली. वहीं कवर्धा में भी मासूम ने दम तोड़ दिया. अब क्वॉरेंटाइन सेंटर फुल होने की वजह से श्रमिक परेशान हैं.