जांजगीर-चांपा: केएसके महानदी पॉवर प्लांट में लंबे समय से कर्मियों के साथ गतिरोध के बाद प्लांट प्रबंधन ने तालाबंदी कर दी है. प्रबंधन के इस फैसले के बाद प्रशासनिक स्तर पर हड़कंप मचा हुआ है. जिला प्रशासन ने श्रम विभाग के साथ बैठक कर समिति गठित की है. श्रम विभाग ने पॉवर प्लांट तुरंत चालू करने के लिए प्रबंधन को आदेश दिया है.
निजी क्षेत्र के सबसे बड़े प्लांट की एकतरफा तालाबंदी के बाद हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. श्रम कानून के मुताबिक यह मामला प्रबंधन के खिलाफ जाता है. इसी कड़ी में जिला श्रम पदाधिकारी ने नोटिस जारी कर प्रबंधन से एकतरफा तालाबंदी के फैसले के खिलाफ 7 दिन के अंदर जवाब भी मांगा है.
4 हजार कर्मचारियों प्रभावित
अकलतरा ब्लॉक के नरियलरा गांव में स्थापित प्लांट में लंबे समय से रोजगार और वेतन भत्ते को लेकर चल रहे विवाद के बाद मंगलवार को प्लांट में तालाबंदी कर दी गई. प्लांट प्रबंधन के इस फैसले के बाद करीब 4 हजार कर्मचारियों और विस्थापितों के लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.
प्रबंधन ने लिया एकतरफा तालेबंदी का निर्णय
यह मामला तालाबंदी तक क्यों पहुंचा, इस पर प्रशासन की उदासीनता भारी पड़ रही है. दरअसल, केएसके पॉवर प्लांट में कर्मियों के दो गुट हैं. छत्तीसगढ़ पॉवर मजदूर संघ और यूनियन मजदूर संघ के बीच टकराव की नौबत होते रहती है. चार रोज पहले कुछ अधिकारियों से मारपीट का जुर्म दर्ज होने के बाद इस मामले को सुलझाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. यही कारण है कि प्रबंधन की ओर से एकतरफा तालाबंदी का निर्णय लिया गया.