जांजगीर चांपा: जिला के कुटुंब न्यायालय में शनिवार को तृतीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस आयोजन में हाई कोर्ट के जस्टिस और विधिक लोक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी ने शिरकत की. उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए लोक अदालत के माध्यम से न कोई हार न कोई जीत का संदेश देते हुए दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से समझौता करने वाला बताया. इस तरह के आयोजन से न्यायालय में पेंडेंसी कम होने की बात कही. (Lok Adalat in Janjgir Champa )
शनिवार सुबह से जांजगीर में झमाझम बारिश हो रही थी. लोगों का घर से निकलना बंद हो गया था. इसके बावजूद जिला मुख्यालय के कुटुंब न्यायालय में आयोजित तृतीय लोक अदालत में शामिल होने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी ने लोक अदालत की शुरुआत की. सुबह से लेकर शाम तक लोक अदालत में 6 हजार से अधिक मामले की सुनवाई हुई. राजीनामा कर पक्षकारों को लाभ पहुंचाया गया.
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आपसी समझौते से मामलों का निराकरण: जिला स्तरीय तृतीय लोक अदालत में 3 ऐसे पारिवारिक मामले आए. जिसमे पति पत्नी के बीच मतभेद का मामला 1 साल से न्यायालय ने लंबित था. जिसमे न्यायाधीश गौतम भादुड़ी की उपस्थिति में एक दंपत्ति को सुना गया. उन्होंने बताया कि 2005 में उनका विवाह हुआ था. 5 साल की उनकी बेटी है. लेकिन रिश्ते में कड़वाहट आने के कारण एक दूसरे से अलग होना चाहते है. इस मामले में दोनों पक्ष को उनके अधिवक्ताओं के समक्ष न्यायाधीश ने समझाया और दोनों की रजामंदी से एक साथ रहने को तैयार किया. इस तरह लंबे समय से पारिवारिक कलह से जूझ रहे परिवार को मिलाया. परिवार को मिलाकर उन्हें गुलदस्ता देकर विदा किया.
ऑनलाइन ऑफलाइन दोनों मामलों से हुई सुनवाई: जिला स्तरीय लोक अदालत में दो तरह की सुनवाई का इंतजाम किया गया था. जिसमे एक तो पक्षकारों को भौतिक रूप से उपस्थिति में सुनवाई की गई. कई पक्षकारों को ऑनलाइन के माध्यम से सुनवाई कर मध्यस्थता कराई गई. जिले में कुल 6136 मामलों में सुनवाई हुई. जिसमे 5062 प्री लिटिगेशन और 1074 न्यायालय में लंबित मामले शामिल थे. प्री लिटिगेशन में राजस्व मामले 4811 लंबित थे. जिसे लोक अदालत के माध्यम से निराकृत किया गया.