जांजगीर-चांपा/रायपुर: कोरोना संक्रमण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के 5 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण की स्थिति और व्यवस्थाओं पर चर्चा की. चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर यशवंत कुमार की ओर मुखातिब हुए उन्होंने चर्चा के दौरान पूछा कि जिले में कितने गांव हैं और वहां कि क्या स्थिति है ? कलेक्टर ने कहा कि जिले में 1400 गांव हैं. इस दौरान पीएम ने ये पूछ लिया कि कितने गांवों में कोरोना का एक भी केस नहीं है. इस पर कलेक्टर कुछ देर के लिए चुप हो गए फिर उन्होंने कहा कि ये जानकारी फिलहाल उनके पास नहीं है. इस दौरान कलेक्टर हड़बड़ाते दिखे.
पीएम ने दी सूची बनाने की सलाह
जवाब से असंतुष्ट दिखे प्रधानमंत्री ने कलेक्टर को ऐसे गांव की सूची बनाने की सलाह दी है. इससे पहले कलेक्टर यशवंत कुमार ने पीएम को जिले के बारे में जानकारी दी. कलेक्टर ने बताया कि जिले में पॉजिटिविटी रेट 30 फीसदी से घटकर 14 फीसदी तक आ गई है. जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को अवेयर किया गया. लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए जागरूक किया. जिलाधिकारी ने बताया कि ऑक्सीजन रिफिलिंग की व्यवस्था बेहतर है. उन्होंने बताया कि जिले में ऑक्जीसन बिस्तर बढ़ाए गए हैं. जिले में 1691 कुल बेड हैं, जिनमें से 883 खाली हैं. ऑक्सीजन बेड 297 खाली हैं. आईसीयू बेड 20 तैयार हैं, इसमें से 9 पर मरीज हैं. 11 आईसीयू बेड खाली हैं.
छत्तीसगढ़ के कलेक्टर को कोरोना की तीसरी लहर के लिए अलर्ट कर गए पीएम मोदी
स्वास्थ्य मंत्री ने किया बचाव
प्रधानमंत्री के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जांजगीर कलेक्टर के जवाब नहीं दे पाने पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कभी-कभी घबराहट में गलतियां हो जाती हैं. जैसा कि बच्चे एग्जाम टाइम में घबरा जाते हैं ऐसा ही अचानक प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में घबरा जाने के कारण वे घबरा गए होंगे. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी कहा कि जिले के कलेक्टर को सारी जानकारियां होनी चाहिए.