जांजगीर चांपाः जिले के चिसदा नवोदय विद्यालय में के हास्टल वार्डन इन दिनों अपनी बेटी की स्वास्थ्य समस्या से परेशान (Troubled by daughter health problem) है. 2 साल की बेटी के फेफड़ा में कफ जमने की इलाज के लिए डाक्टर के चक्कर काट रहे दंपत्ति ने स्कूल के प्राचार्य से कालोनी में अलग क्वार्टर देने की मांग की लेकिन प्राचार्य द्वारा मांग पर विचार नहीं करने पर पद्मिनी कैवर्त्य ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है.
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2 साल की बेटी के साथ पहुंची कलेक्टर की दहलीज
जांजगीर के कलेक्टर कार्यालय में अपनी 2 साल की बेटी को गोद में लिए आई ये महिला पद्मिनी कैवर्त्य है. इनका पति जिला के नवोदय विद्यालय चिसदा में बायोलॉजी शिक्षक है और होस्टल अधीक्षक के पद पर भी है. हॉस्टल में पति-पत्नी के साथ 2 साल की बेटी भी रहती है. पद्मिनी कैवर्त्य के मुताबिक पहले मिजोरम में थे और वहां से ट्रांसफर में चिस्दा नवोदय विद्यालय आए हैं.
यह पद लेने के साथ ही बेटी कोविड 19 से ग्रसित हो गई और बड़ी मुस्किल से 45 दिन बाद बेटी कोविड से निगेटिव हुई लेकिन अभी भी उसके शरीर कमजोर है और फेफड़ा में कफ जम गया है. हॉस्टल में पति की नियुक्ति के कारण बेटी के दिनचर्या अव्यवस्थित हो गया है और दिन भर कमरे में बंद रहने के कारण शुद्ध हवा और सूर्य की किरण के लिए भी मोहताज हो जाते हैं.