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पाकिस्तान की जेल में बंद है छत्तीसगढ़ का घनश्याम, परिवार ने लगाई वापस लाने की गुहार - राजधानी इस्लामाबाद
जांजगीर चांपा जिले का रहने वाला परिवार साल 2014 में जम्मू कश्मीर के एक ईंट भठ्ठे पर काम करने गया था, लेकिन कुछ दिन में लापता हो गया, जिसे परिवार पिछले 5 साल से तलाश कर रहा है.
पाकिस्तान की जेल मे बंद है छत्तीसगढ़ का घनश्याम
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Published : Nov 10, 2019, 11:16 PM IST
जांजगीर चांपा : जिले के मालखरौदा के पिहरीद गांव का रहने वाला एक गरीब परिवार अपने गुमशुदा बेटे की लौटने की आस में पिछले 5 वर्षों से अलग-अलग दफ्तरों में गुहार लगा रहे हैं. परिवार का कहना है कि उनका बेटा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के जेल में बंद है, जिसके वापसी के लिए अधिकारी और नेताओं से गुहार लगाई है.
पाकिस्तान की जेल मे बंद है छत्तीसगढ़ का घनश्याम पीड़ित परिवार साल 2014 में जम्मू कश्मीर के एक ईंट भठ्ठे में काम करने गया था. जहां इस परिवार बेटा मानसिक संतुलन बिगड़ने के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर गया. इसके बाद परिवार ने पतासाजी की, तो पता चला कि उनका बेटा भटक कर सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया है.
बॉर्डर के पास फौजियों ने पकड़ा
इसी बीच परिवार को जानकारी मिली कि युवक को अमृतसर में बॉर्डर के पास भारतीय फौज ने पकड़ा है और उसे कैंप में रखा. जब परिजन वहां पहुंचे, तो कैंप से जानकारी मिली कि युवक बॉर्डर पार जाने के संदेह में पकड़ा गया था, लेकिन बाद में पूछताछ करके छोड़ दिया गया था.
परिवार को उम्मीद जगी
परिजनों ने ETV भारत से बताया कि करीब तीन महीने पहले जिले के मालखरौदा थाने से जानकारी मिली कि पाकिस्तान की इस्लामाबाद जेल में एक घनश्याम नाम का युवक बंदी है. इसके बाद परिवार को उम्मीद जगी कि उनका बेटा वापस आ जाएगा.
केंद्र सरकार को भेजी जाएगी जानकारी
घनश्याम के परिवार वालों ने अफसरों से लेकर नेताओं और विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाई है, लेकिन अब तक युवक की वापसी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं मामले में एसपी पारुल माथुर का कहना है कि केंद्र सरकार को जानकारी भेजी जाएगी. यह संवेदनशील मामला है. ऐसे में हर स्तर पर पहल करने की कोशिश होगी.
जांजगीर चांपा : जिले के मालखरौदा के पिहरीद गांव का रहने वाला एक गरीब परिवार अपने गुमशुदा बेटे की लौटने की आस में पिछले 5 वर्षों से अलग-अलग दफ्तरों में गुहार लगा रहे हैं. परिवार का कहना है कि उनका बेटा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के जेल में बंद है, जिसके वापसी के लिए अधिकारी और नेताओं से गुहार लगाई है.
पाकिस्तान की जेल मे बंद है छत्तीसगढ़ का घनश्याम पीड़ित परिवार साल 2014 में जम्मू कश्मीर के एक ईंट भठ्ठे में काम करने गया था. जहां इस परिवार बेटा मानसिक संतुलन बिगड़ने के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर गया. इसके बाद परिवार ने पतासाजी की, तो पता चला कि उनका बेटा भटक कर सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया है.
बॉर्डर के पास फौजियों ने पकड़ा
इसी बीच परिवार को जानकारी मिली कि युवक को अमृतसर में बॉर्डर के पास भारतीय फौज ने पकड़ा है और उसे कैंप में रखा. जब परिजन वहां पहुंचे, तो कैंप से जानकारी मिली कि युवक बॉर्डर पार जाने के संदेह में पकड़ा गया था, लेकिन बाद में पूछताछ करके छोड़ दिया गया था.
परिवार को उम्मीद जगी
परिजनों ने ETV भारत से बताया कि करीब तीन महीने पहले जिले के मालखरौदा थाने से जानकारी मिली कि पाकिस्तान की इस्लामाबाद जेल में एक घनश्याम नाम का युवक बंदी है. इसके बाद परिवार को उम्मीद जगी कि उनका बेटा वापस आ जाएगा.
केंद्र सरकार को भेजी जाएगी जानकारी
घनश्याम के परिवार वालों ने अफसरों से लेकर नेताओं और विदेश मंत्रालय तक गुहार लगाई है, लेकिन अब तक युवक की वापसी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं मामले में एसपी पारुल माथुर का कहना है कि केंद्र सरकार को जानकारी भेजी जाएगी. यह संवेदनशील मामला है. ऐसे में हर स्तर पर पहल करने की कोशिश होगी.
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पाकिस्तान के जेल मे बंद छत्तीसगढ़ का युवक..
पांच साल से नहीं लौटा घर..
विदेश मंत्रालय से मंत्रियों, अफसरों तक फरियाद लगा रहा परिवार
अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है गुमशुदा युवक के माता पिता को आस
इंट्रो -: पांच साल पहले जांजगीर चांपा जिले के मालखरौदा थाने के अंतर्गत पिहरीद गांव का रहने वाला एक गरीब परिवार अपने गुमशुदा बेटे की आस लेकर पिछले 5 सालों से अलग-अलग स्तरों पर गुहार लगा रहा है। परिवार का कहना है कि उनका बेटा पाकिस्तान के जेल में बंद है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ने भी बताया कि विदेश मंत्रालय से जो जानकारी दी गई थी उसमें पीहरीद गांव के रहने वाला युवक की तस्दीक की गई है । पर इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। यही कारण है कि गुमशुदा युवक के परिजनों को निराशा हाथ लगी है । पर अभी उनको प्रधानमंत्री से आस लगी है ।
यूं तो छत्तीसगढ़ से काम करने वाले किसान मजदूर उत्तर भारत की ओर पलायन करते हैं । इसमें मालखरौदा थाने के अंतर्गत पिहरीद गांव के सम्मेलाळ जाटवर के परिजन भी शामिल थे। सन 2014 में जम्मू के एक ईट भठ्ठे में काम करने गया यह परिवार उस समय संकट में आ गया जब उसका बेटा, जिस का मानसिक संतुलन बिगड़ जाने के कारण से भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर गया। बेटे के मानसिक संतुलन बिगड़ जाने के कारण परिवार भी उसके पीछे पता शादी में लगा रहा इस बीच अमृतसर के आर्मी कैंप में उन्हें पता चला कि उनका बेटा सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गया है जिसके बाद बेटा घनश्याम फिर अपने परिवार से वापस नहीं मिल पाया,,, युवक का परिवार विदेश मंत्रालय से लेकर अन्य मंत्रियों और अफसरों तक अपने बेटे की वापसी की फरियाद लगाता घूम रहा है,,, लेकिन अब तक युवक की वापसी को लेकर कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं हो पाई है,, घनश्याम के माता पिता का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि उनका बेटा पाकिस्तान की इस्लामाबाद जेल में बंद है,,, ईटीवी भारत से सम्मेलाळ एवं घनश्याम की माता ने बताया कि साल 2014 में जम्मू के नवा शहर के ईंट भट्ठे में रोजगार के लिए गया था,,, जहां से सम्मेलाल का 19 साल का बेटा घनश्याम जाटवर, 14 अप्रेल 2014 को कहीं चला गया,,, बताया जा रहा है कि युवक मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर है,, काफी खोजबीन के बाद भी युवक का कोई पता नहीं चला,,,इसके बाद युवक का परिवार वापस अपने गांव "पिहरिद" आ गया,,,
इसी बीच परिवार को जानकारी मिली कि युवक को अमृतसर में बॉर्डर के पास फौजियों ने पकड़ा है और उसे कैंप में रखा गया है,, जब परिजन वहां पहुंचे तो कैंप से जानकारी मिली कि युवक बॉर्डर पार जाने के संदेह में उसे पकड़ा गया था,,, लेकिन बाद में पूछताछ कर छोड़ दिया गया था,,,इसके बाद युवक बॉर्डर पार कर पाकिस्तान चला गया,, बेटे के पाकिस्तान चले जाने की बात से समेलाल का पूरा परिवार सदमे में आ गया और उसकी तलाश में दिन.रात एक कर दी,,, वे पिछले पांच साल से विदेश मंत्रालय से लेकर नेताओं.अफसरों तक अपने बेटे की वतन वापसी की गुहार लेकर घूम रहे हैं,,, परिजनों ने बताया कि करीब तीन माह पूर्व मालखरौद थाने में जानकारी मिली कि पाकिस्तान की इस्लामाबाद जेल में युवक बंदी है,,,इसके बाद परिवार को उम्मीद जगी कि उनका बेटा वापस आ जाएगा,, इस बारे में कार्रवाई पूरी कराने के लिए वे स्थानीय सांसद से मिले , सांसद ने विदेश मंत्रालय को इस बारे में चिठ्ठी भी लिखी, लेकिन विदेश मंत्रालय की ओर से इसे लेकर कोई जवाब अभी तक नहीं मिला है,,, मामले में एसपी पारुल माथुर का कहना है कि केंद्र सरकार को जानकारी भेजी जाएगी। यह संवेदनशील मामला है, ऐसे में हर स्तर पर पहल करने की कोशिश होगी।
बाइट-: 1,, सम्मे लाल जाटवर,,, युवक का पिता
बाइट-: 2,,, पीटर बाई जाटवर,,, युवक का माता जी
बाइट-: 3,,, पारुल माथुर ,,, एसपी जांजगीर चाम्पाBody:,,,Conclusion:,,,,