जांजगीर चांपा : नगरीय निकाय क्षेत्रों के साथ गांव गांव को साफ सुथरा रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. लेकिन जांजगीर नैला नगर पालिका में सफाई की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. नगर के 25 वार्डों से निकलने वाली कचरा का उचित निस्तारण नहीं होने के कारण खोखरा मुख्य मार्ग में श्रम विभाग के पास फेंका जा रहा है. नगर ने इस कचरा से शासकीय कार्यालय के साथ कॉलेज और दीनदयाल कॉलोनी के रहने वाली भारी परेशान है. नगर पालिका अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर कचरा हटाने की मांग कर चुके हैं. अब नगर पालिका भी इस कचरे को हटाने और उस का उचित स्थान में उपयोग करने की तैयारी में है.
कचरा के कारण बीमारी की समस्या : जिला मुख्यालय और जांजगीर नैला नगर पालिका का वार्ड नंबर 25 शांति नगर के साथ साथ टीसीएल कॉलेज, और मंडी परिसर इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहा है. श्रम विभाग के पास खाली शासकीय भूमि को नगर पालिका द्वारा कचरा डंप करने का स्थान बना दिया गया है. नगर के 25 वार्डों का कचरा कलेक्शन कर उसी स्थान में फेंका जा रहा है.बिना प्लानिंग के बनाए गए कचरा डंप करने से आस पास के सैकड़ों लोग प्रदूषित हवा से परेशान हैं. वहीं कचरा में असामाजिक तत्वों के आग लगाए जाने से दीनदयाल कालोनी में रहने वालों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. लोग बीमार हो रहे हैं. इस समस्या को दूर करने की मांग को लेकर स्थानीय लोग कई बार अधिकारियों के चक्कर काटकर थक गए हैं. लेकिन समस्या का निराकरण अब तक नही हो सका है. नगर के प्रवेश द्वार पर कचरा डंप करने और उससे हो रही परेशानी को लेकर लोगों ने मुख्यमंत्री से भी अपनी शिकायत दर्ज कराई और मदद की गुहार लगाई है.
कचरा निष्पादन का नहीं है प्लान : इस मामले में नगर पालिका के सीएमओ ने भी कचरा प्रबंधन के लिए नगर पालिका के पास को खास योजना नहीं होने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ''वार्डों से कचरा कलेक्शन के लिए टीम लगाई गई है. सूखा कचरा को एसएलआरएम सेंटर के माध्यम से छटाई कराई जाती है. लेकिन गीला कचरा को प्रोसेसिंग के लिए इंतजाम नहीं होने के कारण श्रम विभाग के पास की जमीन पर फेंका जाता है. जिससे नगर के आसपास लोग प्रदूषण की शिकायत कर रहे हैं. सीएमओ ने बताया कि नगर के कचरा में असामाजिक तत्व आग भी लगा देते हैं. जिसके कारण धुंए से लोग बीमार पड़ रहे हैं. इसे व्यवस्थित करने के लिए बिलासपुर नगर निगम के प्रोसेसिंग यूनिट से चर्चा की जा रही है. साथ ही 2 सीमेंट फैक्ट्री ने भी पॉलिथीन को इकट्ठा कर प्लास्टिक बैग बनाने की सहमति दी है. जिसके लिए नगर पालिका अभी योजना बना रही है.''
स्वच्छता रैंकिंग में पड़ रहा असर : नगर पालिका जांजगीर नैला द्वारा नगर की सफाई व्यवस्था के लिए प्रति माह लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन वार्डों में नाली ,सड़क और पानी की समस्या बरकरार है. नगर में कचरा डंप करने और उसका निस्तारण करने के लिए योजना नहीं होने के कारण नगर पालिका जांजगीर नैला स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ता जा रहा है.