जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक ने जांजगीर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन-सुनवाई की. सुनवाई में 21 प्रकरण रखे गए थे. जिसमें एक प्रकरण सुनवाई के पहले रजामंदी होने के कारण रद्द किया गया. इसी प्रकार 8 प्रकरणों को भी रजामंदी और सुनवाई योग्य नहीं होने के कारण रद्द किया गया. डाॅ. श्रीमती नायक ने महिलाओं को समझाते हुए कहा कि घरेलू, आपसी मनमुटाव का समाधान परिवार के बीच किया जा सकता है. घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान और आपसी सामंजस्य सुखद गृहस्थ के लिए महत्वपूर्ण है.
सभाकक्ष में आयोजित सुनवाई में मुख्य रूप से महिलाओं से मारपीट, मानसिक प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, शारीरिक प्रताड़ना से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान कलेक्टर यशवंत कुमार, एसपी पारूल माथुर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
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पति पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप
एक अन्य प्रकरण में महिला ने अपने पति से मानसिक प्रताड़ना की शिकायत में भरण पोषण की मांग की थी. अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को गंभीरता से सुनने के बाद पति-पत्नि को सुलह के साथ रहने की सलाह दी. माता-पिता के बीच समझौता कराने के लिए आयोग ने बच्चों को ही निगरानी करने कहा. इस दौरान पति ने पत्नि को नियमित भरण पोषण के लिए 15 हजार रुपये हर महीने बैंक अकाउन्ट में आरटीजीएस से भेजना स्वीकार किया. जिसकी जानकारी आयोग को प्रति महीने उनके बच्चे देंगे.