जांजगीर चांपा: अभियुक्त डॉ. आरएल धृतलहरे साल 2010 से 2016 तक जांजगीर चांपा जिले के सीएमएचओ थे. राज्य आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो रायपुर को तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. रामलाल धृतलहरे के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति Disproportionate assets case against former CMHO Dr RL Dhritlahre अर्जित करने की शिकायत मिली थी. 26 अगस्त 2012 को तत्कालीन सीएमएचओ जांजगीर चांपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. जिसके बाद एसीबी ने तत्कालीन सीएमएचओ के घर और कार्यालय में छापा मारा था, जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति का पता चला था. एसीबी ने 1 करोड़ 4 लाख 61 हजार रुपए की अवैध संपत्ति को सीज किया था, जो उनके रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई थी.
भ्रष्टाचार मामले में विशेष अदालत ने सुनाई सजा: एसीबी ने डॉ. आरएल धृतलहरे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें न्यायालय में पेश किया. आय से अधिक संपत्ति रखने के अभियुक्त पूर्व सीएमएचओ डॉ. रामलाल धृतलहरे के मामले में अदालत ने फैसला दे दिया है. मामले में सुनवाई के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश सुरेश जून (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. रामलाल धृतलहरे को 07 साल जेल और 10 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. उन्होंने 1 करोड़ 4 लाख 61 हजार 335 रुपए की अवैध संपत्ती को जब्त करने का आदेश दिया है.
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एसीबी को मिली थी आरोपी और परिजनों के नाम सम्पत्ति: प्रकरण में एसीबी के अधिकारी टीम बनाकर तत्कालीन सीएमएचओ के घरों और कार्यालय समेत तमाम ठिकानों पर छापेमारी की गई. भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व CMHO और परिजन के नाम सम्पत्ति मिली थी. जिसमें कई शहरों में जमीन, मकान, कार, विभिन्न पॉलिसी, बांड और शेयर शामिल हैें. अभियुक्त आय से अधिक व्यय किये जाने के संबंध में अभियोग पत्र विशेष न्यायालय जांजगीर में पेश किया गया था.
ये सम्पति होगी जब्त: न्यायालय ने आरोपी के 1 करोड़ 04 लाख 61 हजार की सम्पत्ति को जब्त करने के आदेश दिये हैं. जिसके तहत नया रायपुर स्थित मकान, टाटीबंध रायपुर स्थित मकान, उसकी पत्नी द्वारा ग्राम खरमोरा में खरीदे गये भूमि, बिलासपुर सीएलसी प्लाजा में स्थित व्यवसायिक भवन, बिलासपुर में स्थित अन्य भूमि जो व्यावसायिक भूमि है, ग्राम पहुंदा तहसील पाटन में स्थित भूमि को जब्त करने के आदेश दिये हैं.
7 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना लगाया: लोक अभियोजक राजेश पांडेय ने बताया कि "आय से अधिक संपत्ति के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांजगीर के पूर्व सीएमएचओ पर कार्रवाई की थी. जिसमें कुल आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ था. मामले में एसीबी ने प्रकरण को जांजगीर के विशेष न्यायालय में पेश किया था, जिसकी आज सुनवाई पूरी हुई और जज ने सजा का ऐलान किया है. पूर्व सीएमएचओ डॉ आरएल घृतलहरे को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश जून ने 7 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना किया है. वहीं न्यायालय ने अभियुक्त के 1 करोड़ 4 लाख की अवैध संपत्ति को राजसात करने के आदेश दिए हैं."