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क्रेशर संचालक की सामने आई दबंगई, सड़क निर्माण के लिए काटे सैकड़ों पेड़

जल, जंगल और जमीन की हिफाजत करने वाले आदिवासियों के सामने ही क्रेशर संचालकों ने सैकड़ों पेड़ों काटकर वहां सड़कों का निर्माण कर लिया.

Crusher operators arbitrariness came to fore
क्रेशर संचालक की सामने आई दबंगई
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Published : Nov 18, 2021, 10:10 AM IST

Updated : Nov 18, 2021, 11:33 AM IST

जांजगीर चांपा: बाराद्वार क्षेत्र में संचालित क्रेशर संचालकों की दबंगाई सामने आई है. क्रेशर संचालकों की ओर से गुंडागर्दी कर ग्रामीण क्षेत्र में जल, जंगल और जमीन को तबाह कर अपने फायदे के लिए सड़क बना दी. ताकि क्रेशर संचालकों की भारी भरकम गाड़िया दौड़ सके. क्रेशर संचालकों की गुंडागर्दी से ग्रामीण दहशत में है.

सैकड़ों पेड़ों की चढ़ाई बलि

ग्राम छितापडरिया के ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर संचालक उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं. मना करने पर गांव में गुंडे लेकर आ जाते हैं और ग्रामीणों को धमकाया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि क्रेशर संचालक के गुंडे दल बल के साथ गांव में घुसकर गांव के नदी नाले यहां तक कि ग्रामीणों के मरघट की जमीन पर कब्जा कर सड़क बना दी है. ग्रामीणों में क्रेशर संचालक के खिलाफ जमकर आक्रोश पनप रहा है.

जानकारी मिली है प्रशासन कार्रवाई करेगा- एसडीएम

पेसा कानून के लिए आदिवासियों को मिलकर आवाज उठाना होगाः राज्यपाल अनुसुईया उइके

जिम्मेदार हुए 'गैर जिम्मेदार'

पहले क्रेशर संचालक ने दबंगाई दिखाते हुए गांव में तबाही मचाई. जब ग्रामीणों ने विरोध किया और प्रशासन से सहयोग मांगा तो प्रशासन ही ग्रामीणों को धमकाने लगा. क्रेशर संचालक के गुंडे गांव में घुसकर किसानों की फसल तबाह कर देते हैं. किसानों की फल सब्जी से लगे खेतो में गाड़िया चला दी. लेकिन इनकी मदद के लिए कोई सामने नहीं आया है. यहां तक कि गांव के सरपंच भी ग्रामीणों के साथ खड़े होने के बजाए क्रेशर संचालक का साथ दे रहे हैं.

क्रेशर ओर माईनस से हजारों ग्रामीणों के जीवन मे मंडरा रहा खतरा

बाराद्वार क्षेत्र में कई पत्थर खदान ओर क्रेशर संचालित होती है. जिसके चलते ग्रामीण पहले से ही परेशान है. आये दिन कोई न कोई इनकी गाड़ियों के साथ दुर्घटना का शिकार हो रहा है. क्षेत्र की सड़कों का बुरा हाल हो चुका है. लेकिन क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि आंखे बंद कर ग्रामीणों को मुसीबत में छोड़ दिया है. अब ऐसे में ग्रामीण आखिर जाए तो जाए कहां जाए.

जांजगीर चांपा: बाराद्वार क्षेत्र में संचालित क्रेशर संचालकों की दबंगाई सामने आई है. क्रेशर संचालकों की ओर से गुंडागर्दी कर ग्रामीण क्षेत्र में जल, जंगल और जमीन को तबाह कर अपने फायदे के लिए सड़क बना दी. ताकि क्रेशर संचालकों की भारी भरकम गाड़िया दौड़ सके. क्रेशर संचालकों की गुंडागर्दी से ग्रामीण दहशत में है.

सैकड़ों पेड़ों की चढ़ाई बलि

ग्राम छितापडरिया के ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर संचालक उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे हैं. मना करने पर गांव में गुंडे लेकर आ जाते हैं और ग्रामीणों को धमकाया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि क्रेशर संचालक के गुंडे दल बल के साथ गांव में घुसकर गांव के नदी नाले यहां तक कि ग्रामीणों के मरघट की जमीन पर कब्जा कर सड़क बना दी है. ग्रामीणों में क्रेशर संचालक के खिलाफ जमकर आक्रोश पनप रहा है.

जानकारी मिली है प्रशासन कार्रवाई करेगा- एसडीएम

पेसा कानून के लिए आदिवासियों को मिलकर आवाज उठाना होगाः राज्यपाल अनुसुईया उइके

जिम्मेदार हुए 'गैर जिम्मेदार'

पहले क्रेशर संचालक ने दबंगाई दिखाते हुए गांव में तबाही मचाई. जब ग्रामीणों ने विरोध किया और प्रशासन से सहयोग मांगा तो प्रशासन ही ग्रामीणों को धमकाने लगा. क्रेशर संचालक के गुंडे गांव में घुसकर किसानों की फसल तबाह कर देते हैं. किसानों की फल सब्जी से लगे खेतो में गाड़िया चला दी. लेकिन इनकी मदद के लिए कोई सामने नहीं आया है. यहां तक कि गांव के सरपंच भी ग्रामीणों के साथ खड़े होने के बजाए क्रेशर संचालक का साथ दे रहे हैं.

क्रेशर ओर माईनस से हजारों ग्रामीणों के जीवन मे मंडरा रहा खतरा

बाराद्वार क्षेत्र में कई पत्थर खदान ओर क्रेशर संचालित होती है. जिसके चलते ग्रामीण पहले से ही परेशान है. आये दिन कोई न कोई इनकी गाड़ियों के साथ दुर्घटना का शिकार हो रहा है. क्षेत्र की सड़कों का बुरा हाल हो चुका है. लेकिन क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि आंखे बंद कर ग्रामीणों को मुसीबत में छोड़ दिया है. अब ऐसे में ग्रामीण आखिर जाए तो जाए कहां जाए.

Last Updated : Nov 18, 2021, 11:33 AM IST
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