जांजगीर-चांपा: जिले के अंतिम छोर पर महानदी किनारे चंद्रपुर में स्थित चंद्रहासिनी मंदिर में आज सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही. छत्तीसगढ़ अंचल के गांवों और ओडिशा राज्यों से हजारों की संख्या में भक्तों ने पहुंचकर मां चंद्रहासिनी देवी के दरबार मे माथा टेका. दूर दराज से श्रद्धालुओं ने परिवार सहित महानदी गंगा में मकर स्नान किया. चित्रोंपल्ला गंगा नदी में भक्तों ने दान का महापर्व मकर संक्रांति पर डुबकी लगाई.
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चंद्रहासिनी माता के मंदिर में लोग अपने परिवार के साथ पहुंचे. सभी लोगों ने मां से मनोकामना मांगी. भक्तों ने कतार में लगकर मां चंद्रहासिनी के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया. मंदिर ट्रस्ट की ओर मकर संक्रांति पर्व पर मंदिर में आकर्षक सजावट की गई है. श्रद्धालुओं के लिए भी खास व्यवस्था की गई है. मंदिर प्रबंधन ने कैमरा लगाया है, जिसके जरिए निगरानी की जा रही है. पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम मंदिर परिसर और नगर क्षेत्र में किया है.
मंदिर की है विशेष मान्यता
छत्तीसगढ़ की चित्रोंपल्ला गंगा कही जाने वाली महानदी के पावन धरा पर अनेकों ऐतिहासिक मंदिर स्थित है. उन्हीं में से एक है माता चंद्रहासिनी देवी का मंदिर है, जो चित्रोंपप्ला गंगा के किनारे बसा हुआ है. ये प्राचीनतम शक्तिपीठों में से एक है. एक ओर जहां महानदी का स्वच्छ जल प्रवाहित धारा माता चंद्रहासिनी के पाव पखारती है तो वहीं दूसरी हो जीवनदायिनी माड़ नदी का प्रवाहित निर्मल जल क्षेत्रवासियों के लिए भी वरदान है. कुछ वर्ष पूर्व चंद्रहासिनी का मंदिर पुरातन स्वरूप में था, लेकिन जब से मंदिर का प्रबंधन गोपाल जी महाप्रभु और मां चंद्रहासिनी मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है उसके बाद से विख्यात देवी माता का मंदिर व परिसर का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है.
चंद्रहासिनी मंदिर स्थल तक पहुंचने के लिए 3 सीढ़ियां बनी हुई है. मुख्य सीढ़ी के दोनों और पौराणिक कथाओं पर आधारित सुंदर व जीवंत झांकियां बनी हुई है, जिसमें गंगा समुद्र मंथन गज मगरमच्छ युद्धों का सजीव चित्रण किया गया है, वहीं द्रोपदी चीर हरण इसके साथ ही यहां मनोकामना ज्योति कलश व अखंड दीप कक्ष बनाया गया है. बाराही रूपी माता चंद्रहासिनी की चंद्रमा अकार आभायुक्त प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. देवी चंद्रहासिनी की प्रतिमा का मुख्य मंडल सफेद धवला चांदी की तरह चमकता रहता है. छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी इस दिन पहुंचते हैं.