जांजगीर चांपा : जांजगीर नैला नगर पालिका में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. बीजेपी के 11 पार्षदों ने कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष के खिलाफ कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन सौपा. वहीं नगर पालिका अध्यक्ष ने 14 पार्षदों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के आवेदन दिया है.इस दौरान उपाध्यक्ष पर कई आरोप लगाए गए हैं.
अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप : प्रदेश में सत्ता बदलते ही जांजगीर नैला नगर पालिका में सत्ता बदलने का दौर शुरू हो गया है.बीजेपी पार्षदों ने कांग्रेस के अध्यक्ष को हटाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है.बीजेपी समर्थित नगर पालिका उपाध्यक्ष की अगुवाई में मंगलवार को अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्टर को आवेदन सौंपा गया था.
उपाध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों ने खोला मोर्चा : नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए बीजेपी पार्षदों के एक जुट होने के बाद कांग्रेसी पार्षदों ने भी अपनी ताकत दिखाई. अब कांग्रेसी पार्षद अध्यक्ष की कुर्सी बचाने का दावा करते हुए बीजेपी समर्थित नगर पालिका उपाध्यक्ष को पद से हटाने का दावा कर रहे हैं.इसके लिए कांग्रेसी पार्षदों ने बुधवार को उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताल लाने का आवेदन कलेक्टर को सौंपा.
क्या है नगर पालिका का समीकरण : जांजगीर नैला नगर पालिका में अध्यक्ष मिलाकर कुल 25 पार्षद हैं. जिसमें 11 पार्षद बीजेपी और 13 पार्षद कांग्रेस के हैं.वहीं एक पार्षद निर्दलीय है.दोनों ही दलों के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर को आवेदन सौंपा है. अगर अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग होती है तो कुर्सी बचाने के लिए एक तिहाई मत हासिल करना जरुरी है. यानी 25 पार्षदों में 8 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करेंगे तो अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त हो जाएगा. जबकि कांग्रेस के पास 13 पार्षद है और बीजेपी के पास 11 पार्षद तय है. ऐसी स्थिति में अगर किसी पार्टी के पार्षद बगावत कर विरोध में वोटिंग करेंगे या प्रक्रिया से अलग रहेंगे . फिर भी अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा.
पामगढ़ जनपद अध्यक्ष की जा चुकी है कुर्सी : आपको बता दें कि जांजगीर चांपा जिला के पामगढ़ जनपद अध्यक्ष के खिलाफ बीजेपी समर्थित सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था.जिसके बाद अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया. अब जांजगीर नैला नगर पालिका में भी कांग्रेसी अध्यक्ष को हटाने बीजेपी के 11 पार्षद लामबंद हुए हैं. वहीं कांग्रेसी पार्षदों ने भी नगर पालिका में कब्जा बनाए रखने के लिए 14 पार्षदों के साथ उपाध्यक्ष को हटाने का मन बनाया है.