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सांसद गोद ग्राम है बदहाल, बुनियादी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं ग्रामीण - गोद ग्राम की खराब हालत

जांजगीर चांपा से वर्तमान सांसद कमला देवी पाटले के गोद लिए गांव जाबलपुर का दौरा कर हमने यह जानने की कोशिश की कि, आपने जिन्हें अपना कीमती वोट देकर दिल्ली भेजा, उन्होंने अपने क्षेत्र में कितना विकास किया.

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Published : Mar 29, 2019, 11:35 PM IST

Updated : Mar 30, 2019, 1:02 AM IST

जांजगीर चांपा: सांसद कमला देवी पाटले ने जिस वक्त जाबलपुर गांव को गोद लिया था, उस दौरान हर किसी ने सपना देखा था कि गांव सांसद की गोद में बैठा है, अब इसका उद्धार होगा. हर ओर विकास की बयार बहेगी. लेकिन अफसोस उनका यह सपना अधूरा रह गया.


गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है, न ही सड़क का इंतजाम, न बिजली की रोशनी है और है, न स्वास्थ्य को दुरुस्त करने के लिए अस्पताल. गांव की दूरी जिला मुख्यालय से भले ही 15 किलोमीटर हो लेकिन विकास के कदम अब तक यहां नहीं पड़े हैं.

स्टोरी पैकेज


शौचालय निर्माण की नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
यहां स्कूल भवन तो है, लेकिन बाउंड्री वाल नहीं है, क्लासरूम तो है, लेकिन किचन शेड नदारद है. ग्रामीणों को आरोप है कि गर्मी के दिनों पीने के पानी के लिए जूझना पड़ता है. इसके साथ ही यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत उन्होंने शौचालय तो अपने जेब से रकम खर्च कर बनवा लिया लेकिन इसका भुगतान आज तक नहीं हुआ है.


बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा
गांव के युवाओं का कहना है कि रोजगार के साधन नहीं होने की वजह से वो बोरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हैं. शायद यही वजह रही होगी कि इस बार पार्टी ने छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है. अब देखना यह होगा कि नए चेहरे पुराने चेहरों की गलतियों को ढककर पार्टी की नैया पार लगा पाते हैं या नहीं.

जांजगीर चांपा: सांसद कमला देवी पाटले ने जिस वक्त जाबलपुर गांव को गोद लिया था, उस दौरान हर किसी ने सपना देखा था कि गांव सांसद की गोद में बैठा है, अब इसका उद्धार होगा. हर ओर विकास की बयार बहेगी. लेकिन अफसोस उनका यह सपना अधूरा रह गया.


गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है, न ही सड़क का इंतजाम, न बिजली की रोशनी है और है, न स्वास्थ्य को दुरुस्त करने के लिए अस्पताल. गांव की दूरी जिला मुख्यालय से भले ही 15 किलोमीटर हो लेकिन विकास के कदम अब तक यहां नहीं पड़े हैं.

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शौचालय निर्माण की नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
यहां स्कूल भवन तो है, लेकिन बाउंड्री वाल नहीं है, क्लासरूम तो है, लेकिन किचन शेड नदारद है. ग्रामीणों को आरोप है कि गर्मी के दिनों पीने के पानी के लिए जूझना पड़ता है. इसके साथ ही यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत उन्होंने शौचालय तो अपने जेब से रकम खर्च कर बनवा लिया लेकिन इसका भुगतान आज तक नहीं हुआ है.


बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा
गांव के युवाओं का कहना है कि रोजगार के साधन नहीं होने की वजह से वो बोरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हैं. शायद यही वजह रही होगी कि इस बार पार्टी ने छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों के टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है. अब देखना यह होगा कि नए चेहरे पुराने चेहरों की गलतियों को ढककर पार्टी की नैया पार लगा पाते हैं या नहीं.

Intro:जांजगीर चाम्पा:- जांजगीर-चांपा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र जिसमें कुल 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जहां के वर्तमान बीजेपी सांसद कमला देवी पाटले पिछले दो पंचवर्षीय से सांसद रहे हैं और उनके गोद ग्राम जावलपुर जिसे सांसद आदर्श ग्राम कहां जाता है यह ग्राम पंचायत चर्चा में तब आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र में एक गांव को गोद लेने और आदर्श ग्राम की बनाने का निर्देश दिया। एक आदर्श ग्राम होने के लिए गांव में बेहतर शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, बेहतर सड़क, बिजली-पानी के साथ साथ जन जागरूकता और जनसंपर्क जरूरी है. लेकिन सांसद कमला देवी पाटले के आदर्श ग्राम जावलपुर में एक भी व्यवस्था नहीं है. जावलपुर जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेकिन वहां के हालात बद से बदतर है एक आदर्श ग्राम के लिए जरूरी होता है स्वास्थ्य शिक्षा पानी बिजली जो कि लोगों की मूलभूत सुविधाओं के लिए जरूरी होता है लेकिन यहां के स्कूलों में ना तो बाउंड्री वाल है ना ही पर्याप्त कमरे कमरों के हालात जर्जर है वहीं किचन सेट अब तक नहीं बन पाया है वहीं कन्या शाला में बाउंड्री वाल ना होने की वजह से छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वहीं ग्रामीणों की माने तो यहां की एक और सबसे बड़ी समस्या है पानी की समस्या नहरों में भी पानी की समस्या बनी रहती है तो वहीं गर्मी के दिन होते ही पूरे गांव में पानी की सप्लाई नहीं हो पाती वहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद के ठेकेदार द्वारा पुराने बिछाए गए लोहे की पाइप लाइन को निकाल कर बेच दिया गया ।वहीं प्लास्टिक की पाइप लाइन टूट-फूट होते नजर आ रहे हैं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सांसद गोद लेने के बाद गांव में बहुत कम ही बार आए हैं उनका कहना है कि सांसद आदर्श ग्राम होने के बावजूद भी वहां के ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। या ना तो इलाज के लिए अस्पताल है ना ही पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सालय है ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर ना तो अब तक शौचालय निर्माण की पूर्ण राशि मिली है ना ही आवास का ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर सांसद आदर्श ग्राम बनने के बाद एक विकास हुआ है जो है अटल समरसता भवन का निर्माण हुआ है लेकिन वह भी स्कूल मैदान के अंदर जिसका कोई मतलब नहीं है। वहीं युवाओं की माने तो यहां के युवा बेरोजगार हैं। कुल मिलाकर यह कहा जाए की सांसद गोद ग्राम जबलपुर अब भी सांसद के गोद में ही है यहां क्या गांव का अब तक विकास नहीं हो पाया इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि कमला देवी पाटले के संसदीय क्षेत्र जांजगीर चाम्पा में सांसद आदर्श ग्राम योजना का यह हाल है तो अन्य गांव का हाल क्या होगा।
p2c ओपनिग हुमेश जायसवाल
बाइट :- सुभाष शुक्ला ग्रामीण
बाइट:-सोमेश साहू
बाइट :- सुकृता बाई
बाइट:- हीरा बाई
बाइट:- मोहन मिश्रा
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Last Updated : Mar 30, 2019, 1:02 AM IST
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