जांजगीर चाम्पा : जिले में खनन का ठेका समाप्त होने के बाद भी हसदेव और महानदी से रेत का अवैध उत्खनन जारी है.इस बारे में कई बार शिकायत खनिज विभाग और परिवहन की जिम्मेदारी उठाने वालों से की गई.लेकिन ऐसा लग रहा था मानो जिम्मेदार आंखों में पट्टी और कानों में रूई डालकर सो रहे हैं.फिर भी लगातार शिकायत और बढ़ते दबाव के कारण कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लिया. इस दौरान महानदी और हसदेव नदी में पुलिस और राजस्व विभाग ने टीम बनाकर छापामार कारवाई की. जिसमें 50 वाहनों के खिलाफ खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई.
खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई : कलेक्टर जांजगीर चाम्पा और पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में खनिज विभाग के साथ पुलिस की संयुक्त टीम जिले में खनिज का अवैध परिवहन कर रहे वाहनों की सघन जांच के लिए निकले.इस टीम ने पीथमपुर, कुदरी बैराज, बलौदा, पनतोरा, नैला जांजगीर क्षेत्र में अवैध रूप से रेत, गिट्टी, ईंट परिवहन कर रहे वाहनों की जांच की . जिसमें रेत परिवहन करने वाले 5 हाईवा,10 ट्रेक्टर, गिट्टी परिवहन करने वाले 5 ट्रेक्टर और ईंट परिवहन करने वाले 2 ट्रैक्टर के साथ कुल 22 वाहनों के खिलाफ कार्यवाई की.वहीं दूसरी टीम थाना शिवरीनारायण के महानदी और बिर्रा क्षेत्र के हसदेव नदी में अवैध रेत परिवहन करने वाले 2 हाईवा, 1 हाइवा कोयला, 4 हाइवा गिट्टी, रेत परिवहन करते पाये जाने पर 19 ट्रेक्टर एवं गिट्टी परिवहन करने वाले 2 ट्रेक्टर को पकड़ा गया और वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाई की गई.
ये भी पढ़ें- जांजगीर चांपा में सौंदर्यीकरण के नाम पर अवैध कब्जा हटाने का विरोध
शासन को लाखों को लग रहा चूना : जांजगीर चाम्पा जिले में दो बड़ी नदी है. जिनमें से लगातार रेत का अवैध उत्खनन की शिकायत ग्रामीण कर रहे थे.ग्रामीणों ने बताया कि बिना रॉयल्टी दिए रेत को जांजगीर ही नहीं बल्कि बिलासपुर और आसपास के जिला में परिवहन किया जा रहा था. साथ ही अकलतरा चाम्पा और बलौदा क्षेत्र से गिट्टी, ईंट का भी अवैध परिवहन किया जा रहा था. खनिज विभाग कार्रवाई के बजाय आंख बंद कर शिकायत को अनसुना कर देते थे.लेकिन हाल में हुई कार्रवाई ने खनिज विभाग की कलई खोल कर रख दी है. जिला प्रशासन और पुलिस ने विशेष अभियान के तहत 12 हाइवा और 38 ट्रेक्टर को जब्त किया है. इन सभी वाहन मालिकों और वाहनों चालकों के खिलाफ के छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 , छत्तीसगढ़ खान एवं खनिज ( विकास एवं विनियमन ) अधिनियम 1957 के तहत कार्रवाई की गई है.