सरकारी सुविधा के नाम पर एक रुपये की भी मदद नहीं
दुर्गा प्रसाद के लिए सरकारी दावे और वादे बस कहने-सुनने के लिए रह गए हैं. दुर्गा प्रसाद को सरकारी सुविधा के नाम पर एक रुपये की भी मदद नहीं मिल पा रही है. मामला जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर पेंड्री गांव का है. जहां के रहने वाले दुर्गा प्रसाद पहले से दो दिव्यांग बच्चों का दर्द झेल रहे थे कि, भाग्य ने उनकी पत्नी को कैंसर जैसी बीमारी दे दिया. सुकून से जिंदगी जी रहे परिवार को हालात ने साहूकारों के दरवाजे तक पहुंचा दिया, लेकिन सरकारी मदद और सिस्टम को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा.
कलेक्टर जनदर्शन में कई बार दे चुके हैं आवेदन
दुर्गा प्रसाद प्रशासन से मदद के लिए कलेक्टर जनदर्शन में कई बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन आज तक प्रशासन ने इनकी सुध नहीं ली. प्रशासन की अनदेखी से दुर्गा प्रसाद के परिवार की हालत बद से बदतर होते जा रहा हैं. दुर्गा प्रसाद के पास अपनी जमीन नहीं है, लिहाजा अब धीरे-धीरे रिश्तेदार और साहूकार भी दूर जाने लगे हैं. ऐसी स्थिति में वो आत्महत्या करने की बात तक कह रहा है, लेकिन सरकार को इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
दम तोड़ने लगा है स्मार्ट कार्ड
फिलहाल सरकारी मदद के नाम पर दुर्गा प्रसाद को खाने के लिए सिर्फ 35 किलो चावल मिल रहा है. थोड़ी मदद सरकार के दिए स्मार्ट कार्ड से मिल रहा है, लेकिन कैंसर जैसे बीमारी के लिए स्मार्ट कार्ड भी दम तोड़ने लगा है.