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बस्तर में बिकती है देश की सबसे महंगी सब्जी, खाने के बाद नहीं भूल पाएंगे टेस्ट - हजारों लोग इसके स्वाद के दीवाने हैं

3 स्टार होटल के डिश से भी ज्यादा महंगी है बोडा सब्जी जो इन दिनों बस्तर के बाजरों में बिक रही है, जिसके स्वाद के हजारों लोग कायल हैं.

बोड़ा देश की सबसे महंगी सब्जी
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Published : Jul 20, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर इलाके में एक ऐसी सब्जी है, जिसके स्वाद के हजारों लोग कायल हैं. इतना ही नहीं इसकी कीमत चिकन से भी ज्यादा है. इस सब्जी का नाम है 'बोड़ा' है, जो छत्तीसगढ़ में ही नहीं अन्य राज्यों में भी इसकी अच्छी खासी डिमांड है. बोड़ा के दीवाने सैंकड़ो किमी की दूरी तय कर जदगलपुर के बाजारों में पहुंचते हैं और बेशुमार कीमती सब्जी को खरीदते हैं. साथ ही इस लजीज स्वाद की सब्जी का लुत्फ उठाते हैं.

देश की सबसे महंगी सब्जी बोड़ा

लजीज स्वाद के लाखों दिवाने
बता दें कि बस्तर के जंगलों में उपज रहे बोड़ा सब्जी की ज्यादातर लोग दीवाने हैं और लोगों की इसी दीवानगी के चलते ये सब्जी बस्तर में 1200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. ''बोड़ा'' कहलाने वाली ये सब्जी देश की सबसे महंगी शाकाहारी सब्जियों में शुमार है. जो ज़मीन के अंदर उगता है और ये सिर्फ साल वृक्षों के नीचे ही पाया जाता है, जिसके लजीज स्वाद के लाखों लोग दिवाने हैं.

12 सौ रुपए किलो बिकता है बोडा
अनोखी बात ये है की यह ज़मीन के अंदर उगने वाला एक तरह का फंगस है, जो प्राकृतिक ढंग से ही उगता है, इसमें कोई बीज नहीं होता, इसके उत्पादन की तकनीक को खोज पाने में वैज्ञानिक अब तक नाकाम रहे हैं. प्राकृतिक रूप से निश्चित अवधि के लिए ही इसका उगना और इसका स्वादिष्टता ने इसे विशेष बना दिया है. इसकी डिमांड के चलते ये यहां 1200 रुपये किलो की दर से बिकती है. 300 से भी अधिक किलोमीटर दूर के दूसरे राज्यों तक इसकी सप्लाई भी होती है.

लोगों का कहना है कि ये मांसाहारी व्यंजनों से भी अधिक स्वादिष्ट है. वातावरण में आए परिवर्तन के चलते जब बोड़ा की आवक कम होती है तो लोग मुंह मांगी कीमत पर इसे खरीदने को तैयार रहते हैं. वर्षा ऋतू में बस्तर और उसके सीमावर्ती राज्यों में गर्मी के चलते जब लोग मांसाहार अधिक पसंद नहीं करते तब साल वनों के द्वीप में उपजने वाले बोडे की सब्जी ही घर-घर में बनती है.

इसके फायदे-
जानकारी के मुताबिक बोड़ा में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, फैट और एनीमिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जिसके चलते ये स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. मटमैले रंग के चलते इसे धरती के अंदर खोज पाना बड़ा मुश्किल होता है. बोड़ा की पैदावार कृत्रिम ढंग से कर पाने की जुगत में लगे वैज्ञानिक यदि सफल हो जाएं तो ये सब्जी देश और दुनिया भर के सब्जी बाज़ार में धूम मचा सकती है.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर इलाके में एक ऐसी सब्जी है, जिसके स्वाद के हजारों लोग कायल हैं. इतना ही नहीं इसकी कीमत चिकन से भी ज्यादा है. इस सब्जी का नाम है 'बोड़ा' है, जो छत्तीसगढ़ में ही नहीं अन्य राज्यों में भी इसकी अच्छी खासी डिमांड है. बोड़ा के दीवाने सैंकड़ो किमी की दूरी तय कर जदगलपुर के बाजारों में पहुंचते हैं और बेशुमार कीमती सब्जी को खरीदते हैं. साथ ही इस लजीज स्वाद की सब्जी का लुत्फ उठाते हैं.

देश की सबसे महंगी सब्जी बोड़ा

लजीज स्वाद के लाखों दिवाने
बता दें कि बस्तर के जंगलों में उपज रहे बोड़ा सब्जी की ज्यादातर लोग दीवाने हैं और लोगों की इसी दीवानगी के चलते ये सब्जी बस्तर में 1200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. ''बोड़ा'' कहलाने वाली ये सब्जी देश की सबसे महंगी शाकाहारी सब्जियों में शुमार है. जो ज़मीन के अंदर उगता है और ये सिर्फ साल वृक्षों के नीचे ही पाया जाता है, जिसके लजीज स्वाद के लाखों लोग दिवाने हैं.

12 सौ रुपए किलो बिकता है बोडा
अनोखी बात ये है की यह ज़मीन के अंदर उगने वाला एक तरह का फंगस है, जो प्राकृतिक ढंग से ही उगता है, इसमें कोई बीज नहीं होता, इसके उत्पादन की तकनीक को खोज पाने में वैज्ञानिक अब तक नाकाम रहे हैं. प्राकृतिक रूप से निश्चित अवधि के लिए ही इसका उगना और इसका स्वादिष्टता ने इसे विशेष बना दिया है. इसकी डिमांड के चलते ये यहां 1200 रुपये किलो की दर से बिकती है. 300 से भी अधिक किलोमीटर दूर के दूसरे राज्यों तक इसकी सप्लाई भी होती है.

लोगों का कहना है कि ये मांसाहारी व्यंजनों से भी अधिक स्वादिष्ट है. वातावरण में आए परिवर्तन के चलते जब बोड़ा की आवक कम होती है तो लोग मुंह मांगी कीमत पर इसे खरीदने को तैयार रहते हैं. वर्षा ऋतू में बस्तर और उसके सीमावर्ती राज्यों में गर्मी के चलते जब लोग मांसाहार अधिक पसंद नहीं करते तब साल वनों के द्वीप में उपजने वाले बोडे की सब्जी ही घर-घर में बनती है.

इसके फायदे-
जानकारी के मुताबिक बोड़ा में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, फैट और एनीमिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जिसके चलते ये स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. मटमैले रंग के चलते इसे धरती के अंदर खोज पाना बड़ा मुश्किल होता है. बोड़ा की पैदावार कृत्रिम ढंग से कर पाने की जुगत में लगे वैज्ञानिक यदि सफल हो जाएं तो ये सब्जी देश और दुनिया भर के सब्जी बाज़ार में धूम मचा सकती है.

Intro:जगदलपुर। दुनिया में तरह तरह की चीज़ें लोग खाते हैं।  तरह तरह की ऐसी सब्जियां भी होती हैं जिन्हे हम जानते तक नहीं।  बस ऐसी ही एक अनोखी और महंगी सब्जी के बारे में हम आपको बता रहे हैं जिसे न तो हम उगा सकते हैं और न ही साधारण तरीके से इसे खोज सकते हैं। बस्तर के जंगलों में ऐसी ही एक सब्जी इन दिनों उपज रही है  जिसके जायके के लोग दीवाने हैं और लोगों की इसी दीवानगी के चलते ये सब्जी बस्तर में 1200 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है।''बोड़ा'' कहलाने वाली ये सब्जी देश की सबसे महंगी शाकाहारी सब्जियों में शुमार है।  






Body:बस्तर में हो रही बारिश और उमस से ग्रामीण काफी खुश हैं क्योंकि बारिश और उमस का मौसम साल वृक्षों के नीचे उगने वाली अनोखी सब्जी ''बोड़ा'' के उगने के लिए अनुकूल माना जाता है।  इस समय वनांचलों में जंगल जाकर ग्रामीण बोड़ा एकत्र करने में लगे हुए हैं और उन्हें बाज़ारों में बेच कर अच्छी रकम कमा रहे हैं।  दरअसल बोड़ा ज़मीन के अंदर उगता है और ये सिर्फ साल वृक्षों के नीचे ही पाया जाता है।  फफूंद प्रजाति की इस सब्जी के लज़ीज़ स्वाद के लोग दीवाने हैं। बस्तर के ग्रामीणों के लिए यह तेंदुपत्ता और महुवा के बाद जीवनोपार्जन का मुख्य स्त्रोत है। बारिश के मौसम के साथ  बोड़ा के बाजार में आने का सिलसिला शुरू हो गया है।


Conclusion:अनोखी बात ये है की यह ज़मीन के अंदर उगने वाला एक तरह का फंगस है जो प्राकृतिक ढंग से ही उगता है, इसमें कोई बीज नहीं होता, इसके उत्पादन की कृत्रिम तकनीक को खोज पाने में वैज्ञानिक अब तक नाकाम रहे हैं।  प्राकृतिक रूप से निश्चित अवधि के लिए ही इसका उगना और इसकी स्वादिष्टता ने इसे विशेष बना दिया है।  आलम ये है की इसकी डिमांड के चलते ये यहाँ 1200 रुपये किलो की दर से बिकती है। 300 से भी अधिक किलोमीटर दूर के दूसरे राज्यों तक इसकी सप्लाई भी होती है।  
शहरी लोगों में इस सब्जी के प्रति ज़बरदस्त आकर्षण है। लोगों का कहना है की ये मांसाहारी व्यंजनों  से भी अधिक स्वादिष्ट है।  वातावरण में आये परिवर्तन के चलते जब बोड़ा की आवक कम होती है तो लोग मुंह मांगी कीमत पर इसे खरीदने को तैयार रहते हैं।  वर्षा ऋतू में बस्तर और उसके सीमावर्ती राज्यों में गर्मी के चलते जब लोग मांसाहार अधिक पसंद नहीं करते तब साल वनों के द्वीप में उपजने वाले बोडे की सब्जी ही घर घर में बनती है।
जानकारी के मुताबिक बोड़ा में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, फैट और एनीमिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जिसके चलते ये स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है।  मटमैले रंग के चलते इसे धरती के अंदर खोज पाना बड़ा मुश्किल होता है। बोड़ा की पैदावार कृत्रिम ढंग से कर पाने की जुगत में लगे वैज्ञानिक यदि सफल हो जाएं तो ये सब्जी देश और दुनिया  भर के सब्जी बाज़ार में धूम मचा सकती है।

बाईट1- रत्ना , बोडा विक्रेता  

बाईट2- रक्षा ठाकुर, बोडा विक्रेता  

बाईट3- आशु तिवारी, स्थानीय
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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