जगदलपुर: कोरोना काल की वजह से करीब 2 महीने के बाद सोमवार को जगदलपुर नगर निगम में सामान्य सभा की बैठक हुई. इस बैठक में व्यक्तिगत टिप्पणी को लेकर निगम के नेता प्रतिपक्ष और सफाई सभापति के बीच जमकर बवाल हुआ. जिसके बाद सदन में झूमा झटकी की नौबत आ गई. व्यक्तिगत टिप्पणी से नाराज सफाई सभापति विक्रम डांगी ने निगम नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे पर चढ़ाई कर दी और इस दौरान बीच-बचाव करने आए पक्ष विपक्ष के नेताओं के बीच जमकर हंगामा हुआ और सदन में झूमा झटकी की नौबत आ गई.
छाया रहा वीड हार्वेस्टर मशीन खरीद का मुद्दा
जिसके बाद मजबूरन सामान्य सभा को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा. वहीं सदन में हो हंगामे के बीच इस सामान्य सभा में शहर के विकास कार्यो को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा ही नहीं हुई. हालांकि डस्टबिन खरीदी में हुए गड़बड़ी और जलकुंभी सफाई, वीड हार्वेस्टर मशीन खरीदी जांच का मुद्दा छाया रहा.
व्यक्तिगत टिप्पणी खड़ा हुआ विवाद
लगभग 2 महीने बाद आज नगर निगम में सामान्य सभा की बैठक हुई. इस बैठक के शुरुआत में सामान्य सभा के एजेंडो पर पक्ष विपक्ष के बीच चर्चा हुई और प्रश्नकाल के दौरान डस्टबिन खरीदी में लाखों रुपए के हुए भ्रष्टाचार पर निगम के सफाई सभापति विक्रम डांगी से सवाल जवाब किया गया. इस दौरान निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने सफाई सभापति विक्रम डांगी (Cleaning Chairman Vikram Dangi) पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर दी. जिससे नाराज हुए विक्रम डांगी ने संजय पांडे पर चढ़ाई कर दी और दोनों के बीच जमकर झूमा झटकी हुई. इस बीच पक्ष विपक्ष के नेताओं को भी बीच बचाव के लिए आना पड़ा.
डस्टबिन खरीदी का मामला
नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने कहा कि निगम के सफाई सभापति हमेशा अपने गुंडागर्दी की वजह से सुर्खियों में छाए रहते हैं और वे निगम में भी गुंडागर्दी करते हैं. उन्होंने कहा कि डस्टबिन खरीदी के मामले (Dustbin Purchase Case) में जब उनसे सवाल-जवाब किया गया तो वे इसका जवाब नहीं दे पाए और व्यक्तिगत टिप्पणी की बात को लेकर उनसे झुमाझटकी करने में उतर आए जो सदन में शोभा नहीं देता है.
डस्टबिन खरीदी घोटाला
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक तरफ निगम सरकार डस्टबिन खरीदी के नाम पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करती है और दूसरी तरफ सत्ता का धौंस दिखाकर सवाल पूछने पर मारपीट के लिए उतारू होती है. उन्होंने बताया कि निगम में जो डस्टबिन खरीदी की गई है. उसकी मार्केट दर प्रति नग 3 हजार रुपये है, जबकि निगम ने इसे 7 हजार प्रति नग की लागत से खरीदा है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में डस्टबिन खरीदी में घोटाला (Dustbin Purchase Scam) किया गया है और पैसों का जमकर बंदरबांट किया गया है. लेकिन जब इसी सवाल को पूछा गया तो सफाई सभापति भड़क गए और जवाब देने के बजाय झूमा झटकी में उतर आये.
क्वालिटी में विवाद पर बवाल
इधर निगम के सफाई सभापति विक्रम डांगी का कहना है कि निगम में डस्टबिन की खरीदी प्रदेश सरकार के कहने पर ही हुई और इसके गुणवत्ता पर सवाल उठने पर लोहे के स्टैंड को बदल वाया भी गया और अच्छी क्वालिटी की मंगाई गई, बकायदा डस्टबिन खरीदी के बाद इसके क्वालिटी में विवाद होने के बाद इसकी जांच की गई और जांच में विपक्ष के भी दो पार्षदों को शामिल किया गया है.
व्यक्तिगत टिप्पणी से बिगड़ा मामला
सभापति ने कहा कि डस्टबिन खरीदी से लेकर इसकी जांच और रिप्लेसमेंट की पूरी जानकरी उनके पास है. जब वह प्रश्नकाल के दौरान जवाब दे रहे थे तो निगम नेता प्रतिपक्ष को यह ना गंवारा गुजरा और वे उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने लगे, उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को यह समझना चाहिए कि निगम के सदन में व्यक्तिगत टिप्पणी करना उन्हें शोभा नहीं देता. बावजूद इसके उन्होंने उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी किए और झूमा झटकी करने लगे.
हंगामे की प्लानिंग का आरोप
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने आज सदन में पहले से ही इस हंगामे की प्लानिंग कर रखी थी और इसलिए पत्रकार सदन में अपने पार्टी के जिला अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं को इकट्ठा कर रखा था. ताकि निगम के सामान्य सभा में उनके सामने यह बवाल कर सके और विकास कार्यों को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा ना हो सके.
व्यक्तिगत टिप्पणी से बिगड़ा सदन का माहौल- महापौर
वहीं महापौर का कहना है कि आज सामान्य सभा में शहर के विकास कार्यो के एजेंडो पर चर्चा किया जाना था. लेकिन विपक्ष ने अपने प्री प्लानिंग के तहत उनके सभापति पर व्यक्तिगत टिप्पणी की और सदन में माहौल खराब किया. साथ ही विपक्ष के नेता झूमा झटकी में उतर गए.
झूमाझटकी की कड़ी निंदा
महापौर ने कहा कि डस्टबिन खरीदी में किसी तरह का कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है और टेंडर के प्रक्रिया के तहत ही डस्टबिन की खरीदी की गई है. हालांकि डस्टबिन के स्टैंड के क्वालिटी को लेकर जरूर सवाल उठाया गया. जिसके बाद सभी लोहे के स्टैंड और कुछ डस्टबिन को बदलवाये भी गए, लेकिन विपक्ष ने जानबूझकर इस तरह के अनर्गल आरोप लगाया और उनके सफाई सभापति पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर सदन का माहौल खराब किया. इधर महापौर ने सदन में हुए इस झूमा झटकी की कड़ी निंदा (Strong Condemnation of Jiggle) की है.