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जगदलपुर: वन अधिकार से वंचित करने के आदेश से आक्रोशित आदिवासी, निकाली रैली

जगदलपुर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदिवासियों को वन भूमि अधिकार से वंचित करने के आदेश से आदिवासी आक्रोशित नजर आ रहे हैं. आदिवासियों ने इस आदेश पर पुनर्विचार के लिए रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा.

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Published : Mar 2, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

न अधिकार से वंचित करने के आदेश से आक्रोशित आदिवासी

जगदलपुर में जिलेभर से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे आदिवासियों ने शहर में विशाल रैली निकालकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाते हुए बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. हालांकि 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 राज्यों को दिए गए इस बेदखली के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.

वीडियो


इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होनी है, लेकिन रैली की शक्ल में शहर पहुंचे इन आदिवासियों ने उन एनजीओ से भी सवाल किया है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका लगाई थी कि आदिवासियों से जंगल में जंगली जानवरों को खतरा है.


'आदिवासी और जंगल एक-दूसरे के पूरक'
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने ऐसे एनजीओ से सवाल करते हुए पूछा है कि, 'आदिवासी और जंगल एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों को ही एक-दूसरे से कोई खतरा नहीं है, लेकिन बस्तर में नक्सलियों से मोर्चा ले रही सीआरपीएफ जैसी पैरामिलिट्री फोर्स के कारनामों पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता'.


'CRPF द्वारा पेड़ों की कटाई की गई'
प्रकाश ठाकुर ने सीआरपीएफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'बस्तर में इन्होंने अपने कैंप लगाने के लिए अंधाधुंध वनों की कटाई की है जिसका वन विभाग के पास भी कोई हिसाब नहीं है पर आज तक न किसी एनजीओ ने और न ही किसी जिम्मेदार ने इस मामले को संज्ञान में लिया और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई की गई'.

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जगदलपुर में जिलेभर से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे आदिवासियों ने शहर में विशाल रैली निकालकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाते हुए बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. हालांकि 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 राज्यों को दिए गए इस बेदखली के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.

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इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होनी है, लेकिन रैली की शक्ल में शहर पहुंचे इन आदिवासियों ने उन एनजीओ से भी सवाल किया है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका लगाई थी कि आदिवासियों से जंगल में जंगली जानवरों को खतरा है.


'आदिवासी और जंगल एक-दूसरे के पूरक'
सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने ऐसे एनजीओ से सवाल करते हुए पूछा है कि, 'आदिवासी और जंगल एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों को ही एक-दूसरे से कोई खतरा नहीं है, लेकिन बस्तर में नक्सलियों से मोर्चा ले रही सीआरपीएफ जैसी पैरामिलिट्री फोर्स के कारनामों पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता'.


'CRPF द्वारा पेड़ों की कटाई की गई'
प्रकाश ठाकुर ने सीआरपीएफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'बस्तर में इन्होंने अपने कैंप लगाने के लिए अंधाधुंध वनों की कटाई की है जिसका वन विभाग के पास भी कोई हिसाब नहीं है पर आज तक न किसी एनजीओ ने और न ही किसी जिम्मेदार ने इस मामले को संज्ञान में लिया और न ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई की गई'.

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Intro:जगदलपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 राज्यों के 11 लाख आदिवासियों को वन भूमि अधिकार से वंचित करते हुए उन्हें बेदखल किए जाने का आदेश देने के बाद अब आदिवासियों में इस आदेश को लेकर आक्रोश व विरोध के स्वर नजर आने लगे हैं। जगदलपुर में आज जिले भर से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे आदिवासियों ने शहर में विशाल रैली निकालकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार करने का गुहार लगाते हुए बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। हालांकि 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 राज्यों को दिए गए इस बेदखली के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी गई है और इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होनी है। लेकिन आज रैली की शक्ल में शहर पहुंचे इन आदिवासियों ने उन एनजीओ से भी सवाल किया है कि जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका लगाई थी कि आदिवासियों से जंगल में जंगली जानवरों को खतरा है। सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने ऐसे एनजीओ से सवाल करते हुए पूछा है कि आदिवासी और जंगल एक दूसरे के पूरक हैं ।और दोनों को ही एक दूसरे से कोई खतरा नहीं है ।लेकिन बस्तर में नक्सलियों से मोर्चा ले रही सीआरपीएफ जैसे पैरामिलिट्री फोर्स के कारनामों पर कभी ध्यान नहीं दिया जाता ।प्रकाश ठाकुर ने सीआरपीएफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि बस्तर में इन्होंने अपने कैंप लगाने के लिए अंधाधुंध वनों की कटाई की है जिसका वन विभाग के पास भी कोई हिसाब नहीं है ।पर आज तक ना किसी एनजीओ ने और ना ही किसी जिम्मेदार ने इसे संज्ञान में लिया और ना ही किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई है।ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदिवासियों के जंगलों में कार्रवाई करना पक्षपातपूर्ण है।


Body:बाईट1- प्रकाश ठाकुर, जिला अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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