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Protest For Shifting Of Polling Booth : सुकमा के कोंटा में पोलिंग बूथ शिफ्ट करने का विरोध, ग्रामीणों ने गांव में ही वोटिंग करने की उठाई मांग, 5 हजार मतदाता होंगे प्रभावित

Protest For Shifting Of Polling Booth सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा के छह मतदान केंद्रों को नक्सली जोन बताते हुए शिफ्ट किया गया है.जिसका विरोध अब ग्रामीण करने लगे हैं.ग्रामीणों की मांग है कि यदि मतदान केंद्र शिफ्ट हुए तो दूरी की वजह से बुजुर्ग वोट नहीं डाल पाएंगे.क्योंकि गांव से मतदान केंद्र पहुंचने में कई अड़चने हैं. इससे पोलिंग परसेंट घटेगा.आपको बता दें इस चुनाव से पहले के सभी चुनाव में मतदान केंद्र गांवों में ही थे. Sukma News

Protest For Shifting Of Polling Booth
सुकमा के कोंटा में पोलिंग बूथ शिफ्ट करने का विरोध
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 29, 2023, 3:20 PM IST

Updated : Sep 29, 2023, 11:42 PM IST

सुकमा के कोंटा में पोलिंग बूथ शिफ्ट करने का विरोध

सुकमा : छत्तीसगढ़ में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव है. ऐसे में नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा से एक अच्छी तस्वीर सामने आई है. चुनाव का हिस्सा बनने की मांग को लेकर सुकमा जिले में सैकड़ों आदिवासियों ने गुरुवार को एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया. नक्सलियों का डर दिखाकर निर्वाचन अधिकारी ने छह मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया था. इन मतदान केंद्रों में वोट डालने वाले वोटर्स ने फिर से केंद्रों को पहले वाली जगह में ही करने की मांग की है.इसके लिए ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम सुकमा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

नक्सली दहशत हुई कम,तो क्यों पोलिंग बूथ में बदलाव ? : ग्रामीण प्रदर्शनकारी महिला ने बताया कि सुकमा जिले के गोन्डेरास, मारोकी, गुफडी, मानकापाल, गोंदपल्ली के 6 पोलिंग बूथ को करीब 10 से 12 किलोमीटर दूर शिफ्ट किया गया है. जब नक्सलियों का मूवमेंट था, उस दौरान के सभी चुनाव में ग्रामीण अपने ही पंचायतों में अपना मतदान करते थे.अब इन इलाकों में नक्सली बैकफुट पर हैं.

'' नक्सलवाद को खत्म करने की बात कही जाती है. इन गांवों के पास सुरक्षाबल के कैम्प भी हैं. इसके बावजूद भी निर्वाचन आयोग ने पोलिंग बूथ को शिफ्ट कर दिया है. जो पूरी तरह से गलत है. जैसे पहले के चुनाव में मतदान होते थे. वैसे ही अभी भी मतदान केन्द्रों को पंचायत में ही कर देना चाहिए'' प्रदर्शनकारी महिला

पहले के मुकाबले अब इलाका ज्यादा सुरक्षित : मारोकी के सरपंच छविंद्र मरकाम के मुताबिक जब पहले इलाका सुरक्षित नहीं था. उस दौरान पंचायतों में मतदान होता था.लेकिन अब जब गांव के पास ही कैंप बन गए हैं तो मतदान केंद्रों को 12 किलोमीटर दूर शिफ्ट कर दिया गया है.

'' गांव और मतदान केंद्रों के बीच नदी, नाला, पहाड़ है. पंचायत के युवा को मतदान करने जा सकते हैं. लेकिन बुजुर्ग लोग वहां तक कैसे पहुंचकर मतदान करेंगे. यदि पोलिंग बूथ गांव में रहेगा तो ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना नहीं पड़ेगा.पोलिंग बूथ दूर शिफ्ट करने पर मतदान प्रतिशत घटेगा.'' छविंद्र मरकाम, सरपंच,मारोकी पंचायत

विकास की आस में मतदान केंद्र तक जान जोखिम में डालकर पहुंचे ग्रामीण
पोलिंग बूथों पर लगी ग्रामीणों की भीड़ ने बताई अपनी परेशानी
सुकमा नगरीय निकाय चुनाव में 66 फीसदी मतदान


शिफ्ट किए गए बूथों में कितने मतदाता ? : सुकमा जिले के इन 6 मतदान केंद्रों में करीब 5 हजार मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं. यदि मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया जाता है. तो मत प्रतिशत में कमी देखने को मिलेगी. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कोंटा विधानसभा सीट पर जीत का अंतर लगभग 5 हजार वोट था.अब सुकमा जिले में 6 मतदान केंद्रों के मतदाता लोकतंत्र का हिस्सा बनने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.यदि वक्त रहते इन पोलिंग बूथों को शिफ्ट नहीं किया गया,तो आने वाले चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.

सुकमा के कोंटा में पोलिंग बूथ शिफ्ट करने का विरोध

सुकमा : छत्तीसगढ़ में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव है. ऐसे में नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा से एक अच्छी तस्वीर सामने आई है. चुनाव का हिस्सा बनने की मांग को लेकर सुकमा जिले में सैकड़ों आदिवासियों ने गुरुवार को एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया. नक्सलियों का डर दिखाकर निर्वाचन अधिकारी ने छह मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया था. इन मतदान केंद्रों में वोट डालने वाले वोटर्स ने फिर से केंद्रों को पहले वाली जगह में ही करने की मांग की है.इसके लिए ग्रामीणों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम सुकमा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

नक्सली दहशत हुई कम,तो क्यों पोलिंग बूथ में बदलाव ? : ग्रामीण प्रदर्शनकारी महिला ने बताया कि सुकमा जिले के गोन्डेरास, मारोकी, गुफडी, मानकापाल, गोंदपल्ली के 6 पोलिंग बूथ को करीब 10 से 12 किलोमीटर दूर शिफ्ट किया गया है. जब नक्सलियों का मूवमेंट था, उस दौरान के सभी चुनाव में ग्रामीण अपने ही पंचायतों में अपना मतदान करते थे.अब इन इलाकों में नक्सली बैकफुट पर हैं.

'' नक्सलवाद को खत्म करने की बात कही जाती है. इन गांवों के पास सुरक्षाबल के कैम्प भी हैं. इसके बावजूद भी निर्वाचन आयोग ने पोलिंग बूथ को शिफ्ट कर दिया है. जो पूरी तरह से गलत है. जैसे पहले के चुनाव में मतदान होते थे. वैसे ही अभी भी मतदान केन्द्रों को पंचायत में ही कर देना चाहिए'' प्रदर्शनकारी महिला

पहले के मुकाबले अब इलाका ज्यादा सुरक्षित : मारोकी के सरपंच छविंद्र मरकाम के मुताबिक जब पहले इलाका सुरक्षित नहीं था. उस दौरान पंचायतों में मतदान होता था.लेकिन अब जब गांव के पास ही कैंप बन गए हैं तो मतदान केंद्रों को 12 किलोमीटर दूर शिफ्ट कर दिया गया है.

'' गांव और मतदान केंद्रों के बीच नदी, नाला, पहाड़ है. पंचायत के युवा को मतदान करने जा सकते हैं. लेकिन बुजुर्ग लोग वहां तक कैसे पहुंचकर मतदान करेंगे. यदि पोलिंग बूथ गांव में रहेगा तो ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना नहीं पड़ेगा.पोलिंग बूथ दूर शिफ्ट करने पर मतदान प्रतिशत घटेगा.'' छविंद्र मरकाम, सरपंच,मारोकी पंचायत

विकास की आस में मतदान केंद्र तक जान जोखिम में डालकर पहुंचे ग्रामीण
पोलिंग बूथों पर लगी ग्रामीणों की भीड़ ने बताई अपनी परेशानी
सुकमा नगरीय निकाय चुनाव में 66 फीसदी मतदान


शिफ्ट किए गए बूथों में कितने मतदाता ? : सुकमा जिले के इन 6 मतदान केंद्रों में करीब 5 हजार मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं. यदि मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया जाता है. तो मत प्रतिशत में कमी देखने को मिलेगी. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कोंटा विधानसभा सीट पर जीत का अंतर लगभग 5 हजार वोट था.अब सुकमा जिले में 6 मतदान केंद्रों के मतदाता लोकतंत्र का हिस्सा बनने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.यदि वक्त रहते इन पोलिंग बूथों को शिफ्ट नहीं किया गया,तो आने वाले चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.

Last Updated : Sep 29, 2023, 11:42 PM IST
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