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बस्तर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खुले स्कूल, बच्चों में पढ़ाई को लेकर खुशी

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Published : Aug 2, 2021, 4:10 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

छत्तीसगढ़ में करीब 2 साल बाद छात्र पढ़ाई के लिए स्कूल पहुंचे. जगदलपुर के छात्र-छात्राओं ने स्कूल खुलने को लेकर काफी खुशी जताई है. स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पढ़ाई-लिखाई शुरू हुई. इस दौरान छात्राएं काफी खुश नजर आए.

unlocked school in bastar
बस्तर में अनलॉक स्कूल

जगदलपुर: राज्य शासन से आदेश मिलने के बाद बस्तर जिले में भी सरकारी और इंग्लिश मीडियम स्कूलों को आज से खोल दिया गया है. जिले के 95% स्कूल आज खुल गए हैं. जिनमें शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों की स्कूलें भी शामिल है. कई जगहों में दो पाली में लगने वाले स्कूलों में 50% बच्चे पहुंच रहे हैं. वहीं सभी स्कूलों में कोरोना से बचने के लिए खास सतर्कता बरती जा रही है.

बस्तर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खुले स्कूल

बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ ही कई जगहों पर कोरोना जांच भी कराई गई. हालांकि राहत भरी खबर यह है कि, जांच के दौरान कहीं भी बच्चे कोरोना संक्रमित नहीं मिले हैं. वहीं कुछ बच्चों में सर्दी खांसी के लक्षण दिखने के बाद उन्हें एहतियात के तौर पर वापस घर भेज दिया गया.

शहर के विवेकानंद स्कूल में आज दो पाली में कक्षाएं संचालित की गई. पहली पाली में दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवी के बच्चों को क्लास लगाई गई. वहीं दूसरी पाली में सातवीं, आठवीं, दसवीं और 12वीं के बच्चे की कक्षाएं संचालित की गई. स्कूल की प्राचार्य ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि स्कूल में कोरोना से बचने के लिए सारे नियमों का पालन किया जा रहा है. वहीं आज करीब 699 दिनों बाद स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों का शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया और इस दौरान बच्चों का स्वागत किया गया.

उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ बच्चों में सर्दी खांसी के लक्षण दिखें, जिन्हें एहतियात के तौर पर घर वापस भेज दिया गया है. वहीं उन्होंने कहा कि 50% बच्चे की उपस्थिति में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. प्राचार्य ने बताया कि स्कूल के सभी शिक्षकों के साथ ही पूरे स्टाफ का वैक्सीनेशन किया जा चुका है और बच्चे किसी भी तरह कोरोना संक्रमण के संपर्क में ना आए, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल में हैंडवॉश के साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जा रहा है.

रायपुर में लगभग दो साल बाद खुले स्कूल, ऐसे हुई पहले दिन पढ़ाई

बताया जा रहा है कि जिले में 95% स्कूलों को खोल दिया गया है. शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी आज स्कूल खुलने के मौके पर शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया. शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी जिले के अलग-अलग ग्रामीण अंचलों में इन प्रवेश शाला उत्सव में शामिल हुए. वहीं स्कूल खुलने से पहले ही जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी स्कूलों को सैनिटाइज भी किया गया.

वहीं सबसे बड़ी बात यह रही कि बस्तर जिले में आज स्कूल खुलने के पहले दिन जांच के दौरान ज्यादा बच्चे संक्रमित नहीं पाए गए. हालांकि कई बच्चों में सर्दी, खांसी के लक्षण दिखने के बाद उन्हें वापस घर भेज दिया गया. वहीं आज से स्कूल खुलने से बच्चों में भी काफी खुशी देखने को मिली.

thermal scanning of children
बच्चों की थर्मल स्कैनिंग

छात्र-छात्राओं का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान उन्हें नेटवर्क के साथ ही और कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं आज से ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने से उन्हें काफी खुशी है. बच्चों का कहना है कि अब ऑफलाइन क्लास में वे अच्छे से पढ़ सकेंगे और स्कूलों में जिस तरह से कोरोना से बचने के लिए सुविधाएं हैं, उससे बच्चे भी संतुष्ट हैं. हालांकि बस्तर जिले में कुछ क्षेत्रों में कोरोना को लेकर अभी भी डर बना हुआ है. जिसके चलते कुछ पालकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा.

जगदलपुर: राज्य शासन से आदेश मिलने के बाद बस्तर जिले में भी सरकारी और इंग्लिश मीडियम स्कूलों को आज से खोल दिया गया है. जिले के 95% स्कूल आज खुल गए हैं. जिनमें शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों की स्कूलें भी शामिल है. कई जगहों में दो पाली में लगने वाले स्कूलों में 50% बच्चे पहुंच रहे हैं. वहीं सभी स्कूलों में कोरोना से बचने के लिए खास सतर्कता बरती जा रही है.

बस्तर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खुले स्कूल

बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के साथ ही कई जगहों पर कोरोना जांच भी कराई गई. हालांकि राहत भरी खबर यह है कि, जांच के दौरान कहीं भी बच्चे कोरोना संक्रमित नहीं मिले हैं. वहीं कुछ बच्चों में सर्दी खांसी के लक्षण दिखने के बाद उन्हें एहतियात के तौर पर वापस घर भेज दिया गया.

शहर के विवेकानंद स्कूल में आज दो पाली में कक्षाएं संचालित की गई. पहली पाली में दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवी के बच्चों को क्लास लगाई गई. वहीं दूसरी पाली में सातवीं, आठवीं, दसवीं और 12वीं के बच्चे की कक्षाएं संचालित की गई. स्कूल की प्राचार्य ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि स्कूल में कोरोना से बचने के लिए सारे नियमों का पालन किया जा रहा है. वहीं आज करीब 699 दिनों बाद स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों का शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया और इस दौरान बच्चों का स्वागत किया गया.

उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ बच्चों में सर्दी खांसी के लक्षण दिखें, जिन्हें एहतियात के तौर पर घर वापस भेज दिया गया है. वहीं उन्होंने कहा कि 50% बच्चे की उपस्थिति में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. प्राचार्य ने बताया कि स्कूल के सभी शिक्षकों के साथ ही पूरे स्टाफ का वैक्सीनेशन किया जा चुका है और बच्चे किसी भी तरह कोरोना संक्रमण के संपर्क में ना आए, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि स्कूल में हैंडवॉश के साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जा रहा है.

रायपुर में लगभग दो साल बाद खुले स्कूल, ऐसे हुई पहले दिन पढ़ाई

बताया जा रहा है कि जिले में 95% स्कूलों को खोल दिया गया है. शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी आज स्कूल खुलने के मौके पर शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया. शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी जिले के अलग-अलग ग्रामीण अंचलों में इन प्रवेश शाला उत्सव में शामिल हुए. वहीं स्कूल खुलने से पहले ही जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी स्कूलों को सैनिटाइज भी किया गया.

वहीं सबसे बड़ी बात यह रही कि बस्तर जिले में आज स्कूल खुलने के पहले दिन जांच के दौरान ज्यादा बच्चे संक्रमित नहीं पाए गए. हालांकि कई बच्चों में सर्दी, खांसी के लक्षण दिखने के बाद उन्हें वापस घर भेज दिया गया. वहीं आज से स्कूल खुलने से बच्चों में भी काफी खुशी देखने को मिली.

thermal scanning of children
बच्चों की थर्मल स्कैनिंग

छात्र-छात्राओं का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान उन्हें नेटवर्क के साथ ही और कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं आज से ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने से उन्हें काफी खुशी है. बच्चों का कहना है कि अब ऑफलाइन क्लास में वे अच्छे से पढ़ सकेंगे और स्कूलों में जिस तरह से कोरोना से बचने के लिए सुविधाएं हैं, उससे बच्चे भी संतुष्ट हैं. हालांकि बस्तर जिले में कुछ क्षेत्रों में कोरोना को लेकर अभी भी डर बना हुआ है. जिसके चलते कुछ पालकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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