राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर करने वाले नक्सली ने हमसे चर्चा करते हुए बताया कि नक्सली कॉलेजों में होने वाले छात्र आंदोलन पर नजर रखते हैं. वामपंथी विचारधारा के जरिए उन पर काम करते हुए उन्हें अपने कैडर में शामिल करते हैं. बता दें कि नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में शामिल होने वाले अधिकांश युवा उच्च शिक्षित हैं.
उच्च शिक्षित बन रहे अर्बन नक्सली
राजनांदगांव पुलिस ने बीते दिनों में नक्सलियों के खिलाफ, जो कार्रवाई की है, उनमें नक्सली अर्बन नेटवर्क के सूत्रधार वेंकट को पकड़ने में सफलता हासिल की थी. वेंकट उच्च शिक्षित है. वह कॉलेज के समय से ही नक्सल संगठन से जुड़ा था.
पढ़ाई के दौरान ही हुए थे शामिल
सरेंडर नक्सली विवेक ने बताया कि 2004 में नागपुर में पढ़ाई के दौरान वह विद्यार्थी आंदोलन से जुड़ा और उसके बाद नक्सलियों के साथ शामिल हो गया.
2005 से 2009 तक नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लगातार उसने मजबूत किया. महाराष्ट्र के शहरी नेटवर्क में काम करते हुए वह नक्सलियों के सशस्त्र विंग केकेके एरिया कमेटी में शामिल हुआ. इसके बाद साल 2013 से लेकर 2016 तक सीसीएम का गार्ड रहा. गार्ड के बाद उसे फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. 2017 में सीसी कमेटी का एरिया सचिव बनाया गया. इसके तहत उसे नागपुर शहर भेजा गया, जहां उसे शहरी नेटवर्क को मजबूत करना था.
मामले में एएसपी लखन पटले का कहना है कि पढ़े-लिखे युवाओं के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए पुलिस उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है. नक्सलियों से दोनों स्तर पर लड़ाई जारी है. पुलिस नक्सल मोर्चे पर जहां नक्सलियों से सीधे लोहा ले रही है. वहीं भटके हुए युवाओं को मोटिवेट करने के लिए भी सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए उन्हें समझाइश दी जा रही है.