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राजनांदगांव : छात्र आंदोलन का सहारा ले रहे नक्सली, शहरी नेटवर्क को मजबूत करने कर रहे इस्तेमाल

राजनांदगांव : शहरी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नक्सली अब छात्र आंदोलन का सहारा ले रहे हैं. इसके जरिए वे छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करते हुए अपने कैडर में शामिल कर रहे हैं. इस बात का खुलासा सरेंडर नक्सली विवेक उर्फ बंटी ने किया है.

नक्सली बंटी
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Published : Feb 18, 2019, 11:39 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर करने वाले नक्सली ने हमसे चर्चा करते हुए बताया कि नक्सली कॉलेजों में होने वाले छात्र आंदोलन पर नजर रखते हैं. वामपंथी विचारधारा के जरिए उन पर काम करते हुए उन्हें अपने कैडर में शामिल करते हैं. बता दें कि नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में शामिल होने वाले अधिकांश युवा उच्च शिक्षित हैं.

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उच्च शिक्षित बन रहे अर्बन नक्सली
राजनांदगांव पुलिस ने बीते दिनों में नक्सलियों के खिलाफ, जो कार्रवाई की है, उनमें नक्सली अर्बन नेटवर्क के सूत्रधार वेंकट को पकड़ने में सफलता हासिल की थी. वेंकट उच्च शिक्षित है. वह कॉलेज के समय से ही नक्सल संगठन से जुड़ा था.

पढ़ाई के दौरान ही हुए थे शामिल
सरेंडर नक्सली विवेक ने बताया कि 2004 में नागपुर में पढ़ाई के दौरान वह विद्यार्थी आंदोलन से जुड़ा और उसके बाद नक्सलियों के साथ शामिल हो गया.
2005 से 2009 तक नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लगातार उसने मजबूत किया. महाराष्ट्र के शहरी नेटवर्क में काम करते हुए वह नक्सलियों के सशस्त्र विंग केकेके एरिया कमेटी में शामिल हुआ. इसके बाद साल 2013 से लेकर 2016 तक सीसीएम का गार्ड रहा. गार्ड के बाद उसे फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. 2017 में सीसी कमेटी का एरिया सचिव बनाया गया. इसके तहत उसे नागपुर शहर भेजा गया, जहां उसे शहरी नेटवर्क को मजबूत करना था.

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मामले में एएसपी लखन पटले का कहना है कि पढ़े-लिखे युवाओं के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए पुलिस उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है. नक्सलियों से दोनों स्तर पर लड़ाई जारी है. पुलिस नक्सल मोर्चे पर जहां नक्सलियों से सीधे लोहा ले रही है. वहीं भटके हुए युवाओं को मोटिवेट करने के लिए भी सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए उन्हें समझाइश दी जा रही है.

राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर करने वाले नक्सली ने हमसे चर्चा करते हुए बताया कि नक्सली कॉलेजों में होने वाले छात्र आंदोलन पर नजर रखते हैं. वामपंथी विचारधारा के जरिए उन पर काम करते हुए उन्हें अपने कैडर में शामिल करते हैं. बता दें कि नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में शामिल होने वाले अधिकांश युवा उच्च शिक्षित हैं.

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उच्च शिक्षित बन रहे अर्बन नक्सली
राजनांदगांव पुलिस ने बीते दिनों में नक्सलियों के खिलाफ, जो कार्रवाई की है, उनमें नक्सली अर्बन नेटवर्क के सूत्रधार वेंकट को पकड़ने में सफलता हासिल की थी. वेंकट उच्च शिक्षित है. वह कॉलेज के समय से ही नक्सल संगठन से जुड़ा था.

पढ़ाई के दौरान ही हुए थे शामिल
सरेंडर नक्सली विवेक ने बताया कि 2004 में नागपुर में पढ़ाई के दौरान वह विद्यार्थी आंदोलन से जुड़ा और उसके बाद नक्सलियों के साथ शामिल हो गया.
2005 से 2009 तक नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लगातार उसने मजबूत किया. महाराष्ट्र के शहरी नेटवर्क में काम करते हुए वह नक्सलियों के सशस्त्र विंग केकेके एरिया कमेटी में शामिल हुआ. इसके बाद साल 2013 से लेकर 2016 तक सीसीएम का गार्ड रहा. गार्ड के बाद उसे फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. 2017 में सीसी कमेटी का एरिया सचिव बनाया गया. इसके तहत उसे नागपुर शहर भेजा गया, जहां उसे शहरी नेटवर्क को मजबूत करना था.

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मामले में एएसपी लखन पटले का कहना है कि पढ़े-लिखे युवाओं के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए पुलिस उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है. नक्सलियों से दोनों स्तर पर लड़ाई जारी है. पुलिस नक्सल मोर्चे पर जहां नक्सलियों से सीधे लोहा ले रही है. वहीं भटके हुए युवाओं को मोटिवेट करने के लिए भी सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए उन्हें समझाइश दी जा रही है.

Intro:राजनांदगांव. शहरी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नक्सली अब छात्र आंदोलन का सहारा ले रहे हैं छात्र आंदोलनों के जरिए वे छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करते हुए अपने कैडरों में शामिल कर रहे हैं इस बात का खुलासा सरेंडर नक्सली विवेक उर्फ बंटी ने किया है. नक्सली अपने शहरी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए छात्र नेताओं का सहारा लेकर काम को अंजाम दे रहे हैं.
राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बुधवार को सरेंडर करने वाले नक्सली नंदू उर्फ विवेक उर्फ बंटी ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए बताया कि नक्सली कॉलेजों में होने वाले छात्र आंदोलनों पर नजर रखते हैं छात्र नेताओं और उनके आंदोलनों के जरिए बेहतर काम करने वाले लोगों को अपने कैडर में शामिल करने का काम किया जाता है वामपंथी विचारधारा के जरिए उन पर काम करते हुए नक्सली उन्हें अपने कैडर में शामिल करते हैं.
बता दें कि नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में शामिल होने वाले अधिकांश युवा उच्च शिक्षित है छात्र आंदोलनों के जरिए जोड़ने के बाद से नक्सल नेताओं के संपर्क में आते ही वे नक्सली कैडरों को ज्वाइन कर रहे हैं राजनांदगांव पुलिस ने बीते दिनों में नक्सलियों के खिलाफ जो कार्रवाई की है उनमें नक्सली अर्बन नेटवर्क के सूत्रधार वेंकट को पकड़ने में सफलता हासिल की थी वेंकट उच्च शिक्षित और कॉलेज के समय से ही नक्सल संगठन से जुड़ चुका था ठीक ऐसा ही मामला विवेक और बंटी का भी है जो छात्र आंदोलन के जरिए नक्सली कैडरों से जुड़ गया है ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए सरेंडर नक्सली विवेक उर्फ बंटी ने बताया कि छात्र आंदोलन में बेहतर तरीके से प्रदर्शन करने वाले छात्रों को नक्सली करण में शामिल किया जाता है.
पढ़ाई के दौरान ही हुए थे शामिल
सरेंडर नक्सली विवेक ने बताया कि 2004 में नागपुर में पढ़ाई के दौरान वह विद्यार्थी आंदोलन से जुड़े और उसके बाद नक्सलियों के साथ शामिल हो गए 2005 से 2009 तक माओवादियों के शहरी नेटवर्क को लगातार उन्होंने मजबूत किया महाराष्ट्र के शहरी नेटवर्क में काम करते हुए वे माओवादियों के ससस्त्र विंग केकेके एरिया कमेटी में शामिल हुए इसके बाद 2013 से लेकर 2016 तक सीसीएम के गार्ड रहे इसके बाद उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था 2017 में सीसी कमेटी का एरिया सचिव भी बनाया गया इसके तहत उन्हें नागपुर शहर भेजा गया था जहां उन्हें शहरी नेटवर्क को मजबूत करना था.



Body:ऐसे काम करता था बंटी
पकड़ाए नक्सली विनय उर्फ बंटी ने बताया कि छात्र आंदोलनों के जरिए वे छात्रों से जुड़कर आंदोलनों की रूपरेखा तय करते थे और इनमें बेहतर करने वाले छात्रों को वामपंथी विचारधारा के जरिए मोटिवेट करते थे इसके बाद उन्हें नक्सली कैडर में शामिल किए जाने की प्रक्रिया अपनाई जाती थी. तकरीबन 12 साल तक उन्होंने ऐसे ही काम करते हुए नक्सलियों के लिए शहरी नेटवर्क को मजबूत किया.
दोनों स्तर पर जारी है लड़ाई
इस मामले में एएसपी लखन पटले का कहना है कि पढ़े लिखे युवाओं के लिए सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए पुलिस उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम करते आ रही है नक्सलियों से दोनों ही स्तर पर लड़ाई जारी है पुलिस नक्सल मोर्चे पर जहां नक्सलियों से सीधे लोहा ले रही है वहीं भटके हुए युवाओं को मोटिवेट करने के लिए भी सिविक एक्शन प्रोग्राम के जरिए उन्हें समझाइश दी जाती है।



Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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