जगदलपुर: बीजापुर जिले के सिलगेर में नए पुलिस कैंप (silger police camp) के विरोध में पिछले 12 मई से लगातार ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी है. ग्रामीणों के इस आंदोलन को 1 महीने बीतने वाले हैं. लगातार ग्रामीण इस कैंप के विरोध में मौके पर डटे हुए हैं. इस मामले में बस्तर आईजी सुंंदरराज पी. (Bastar Range IG P Sundarraj) का कहना है कि बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार खुल रहे कैंपों के खुलने से नक्सली पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं. इस कारण नक्सली ग्रामीणों की आड़ में कैंप का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस पूरे मामले की दंडाधिकारी जांच की जा रही है. बकायदा कांग्रेस प्रतिनिधि दल भी इस मामले को लेकर ग्रामीणों से मिलने पहुंचा और ग्रामीणों के साथ काफी सकारात्मक चर्चा भी हुई है. आईजी ने कहा कि प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से जो भी ग्रामीण नक्सलियों का साथ देंगे. उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
'पिछले 2 सालों में 28 से ज्यादा पुलिस कैंप खुले'
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि बस्तर रेंज में खासकर घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले 2 सालों में 28 से ज्यादा नए पुलिस कैंप खोले गए हैं. इस पुलिस कैंप से लगातार न सिर्फ उन गांवो में विकास पहुंच रहा है, बल्कि नक्सलियों की पैठ भी कमजोर होते जा रही है. जिससे नक्सली पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं. आईजी ने बताया कि दंतेवाड़ा के पोटाली पुलिस कैंप के बनने के दौरान भी ग्रामीणों को भड़का कर नक्सलियों ने विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन अब वहां की तस्वीर बदल चुकी है. ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने के साथ क्षेत्र का विकास भी हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को देखकर नक्सली बौखला गए हैं. जिसके कारण विरोध कर रहे हैं.
सिलगेर गोलीकांड: ग्रामीणों की सात मांगें, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से मांगा वक्त
'कैंप के विरोध के पीछे नक्सली साजिश'
आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि सिलगेर गांव में पुलिस कैंप के विरोध के पीछे नक्सलियों की साजिश है. 17 मई को पुलिस के फायरिंग से तीन नक्सलियों की मौत हुई है. जबकि 18 लोग घायल हुए. जिनमें ग्रामीणों के साथ जवान भी शामिल हैं. आईजी का कहना है कि इस घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से इस पूरे मामले की दंडाधिकारी से जांच कराई जा रही है. बकायदा कांग्रेस प्रतिनिधि दल भी इस मामले को लेकर ग्रामीणों से मिलने पहुंचा और ग्रामीणों के साथ काफी सकारात्मक चर्चा भी हुई है. आईजी ने बताया कि ग्रामीणों ने 7 मांगें रखी हैं. इन मांगों को लेकर कांग्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मांगों पर विचार भी किया जा सकता है. वही दंडाधिकारी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मामले को आगे बढ़ाया जा सकता है. आईजी सुंदरराज पी ने उम्मीद जताई है कि शासन की तरफ से जो ग्रामीणों से चर्चा की गई है. निश्चित रूप से इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. शासन की ओर से अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. जांच के बाद ही इसके तथ्य सामने आ सकेंगे.
सुकमा में सिलगेर फायरिंग के विरोध में नक्सलियों ने बुलाया बंद, सुरक्षाबल अलर्ट
'ग्रामीणों को नक्सलियों के बहकावे में आने से रोका जाए'
आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि ग्रामीणों की आड़ में नक्सली भी इस विरोध में शामिल हैं. नक्सली ही ग्रामीणों को बहका रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से जो भी ग्रामीण नक्सलियों का साथ देंगे. उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. फिलहाल पुलिस की पहली प्राथमिकता है कि इस आंदोलन को खत्म कराया जाए और ग्रामीणों को नक्सलियों के बहकावे में नहीं आने दिया जाए. आईजी सुंदरराज ने बताया कि नक्सलियों ने ग्रामीणों पर दबाव पूर्वक इस आंदोलन में शामिल होने को कहा है. आईजी का दावा है कि नक्सलियों ने ग्रामीणों को साफ तौर पर कहा है कि अगर वह इस आंदोलन में शामिल नहीं होते हैं तो उनकी खेती-बाड़ी छीन ली जाएगी. यहां तक उन पर दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी नक्सलियों ने दी है. ऐसे में पुलिस के लिए पहली चुनौती है कि ग्रामीणों को नक्सलियों के बहकावे में आने से रोका जाए.
'प्रतिनिधिमंडल की ग्रामीणों से विस्तृत चर्चा हुई'
आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि जो प्रतिनिधिमंडल ग्रामीणों से मिलने पहुंचा था. उनकी और ग्रामीणों की विस्तृत चर्चा हुई है. निश्चित रूप से इस चर्चा से आने वाले दिनों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. फिलहाल मौके पर जवान तैनात हैं. पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है. आईजी का कहना है कि फिलहाल इस मामले में दंडाधिकारी जांच जारी है.