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राज्य महिला आयोग ने दिया ऐतिहासिक फैसला, 61 भू प्रभावित महिलाओं को मिलेगी NMDC में नौकरी

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक (Kiranmayi Nayak) ने जिला कलेक्ट्रेट (Collectorate Jagdalpur) में जन सुनवाई रखी थी. इस दौरान 61 महिलाओं को एनएमडीसी स्टील प्लांट (NMDC Steel Plant) में नौकरी देने का आदेश महिला आयोग ने जारी किया है.

State Women Commission gave a historic decision 61 land affected women will get jobs in NMDC
राज्य महिला आयोग
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Published : Jul 13, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: पिछले 12 वर्षों से नगरनार NMDC स्टील प्लांट (NMDC Steel Plant) में नौकरी पाने के लिए भूख हड़ताल से लेकर चक्का जाम तक कर चुके भू प्रभावित महिलाओं के पक्ष में फैसला आया है. मंगलवार को राज्य महिला आयोग (State Women Commission) की जनसुनवाई में यह ऐतिहासिक फैसला हुआ. 71 भू प्रभावित महिलाओं में से 61 महिलाओं को एनएमडीसी स्टील प्लांट में नौकरी देने का आदेश महिला आयोग की अध्यक्ष ने दिया है.

राज्य महिला आयोग अध्यक्ष

दरअसल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक (State Women Commission chairperson Kiranmayi Nayak) की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट में जन सुनवाई रखी गई थी. इसमें कुल 98 प्रकरण पर सुनवाई की गई, इसमें से 71 प्रकरण नगरनार के भू प्रभावित महिलाओं को NMDC प्लांट में नौकरी दिए जाने के संबंध में था. जनसुनवाई के दौरान अध्यक्ष ने 71 में से 61 भू प्रभावित महिलाओं को एनएमडीसी स्टील प्लांट में नौकरी देने का फैसला सुनाया है.

दरसअल नगरनार में जमीन अधिग्रहण के दौरान एनएमडीसी प्रबंधन ने मुआवजा देने के साथ ही जमीन अधिग्रहण किए गए परिवार में से एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही थी और कुछ लोगों को नौकरी भी दी गई. लेकिन जिन घरों में बेटी है उन्हें प्रबंधन की तरफ से नौकरी नहीं दी गई ,जबकि समानता का अधिकार के तहत अपनी जमीन प्लांट के लिए दिए घर के बेटियों को भी नौकरी दिया जाना था. कुल 71 भू प्रभावित महिलाएं नौकरी के लिए लगातार एनएमडीसी मुख्यालय का चक्कर काटती रही, यहां तक कि उन्हें भूख हड़ताल पर बैठने के साथ ही सड़क पर आंदोलन के लिए भी उतरना पड़ा, पिछले 12 वर्षों से एनएमडीसी प्लांट में नौकरी पाने के लिए महिलाओं को संघर्ष करना पड़ रहा था. लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी. अब राज्य महिला आयोग की तरफ से जनसुनवाई में यह रास्ता साफ हुआ. अब महिलाओं को NMDC में नौकरी मिल पाएगी.

किरंदुल में PWD और NMDC के बीच फंसी जर्जर पुलिया, बारिश में हुई खतरनाक

इस मामले में बस्तर कलेक्टर को भी जांच करने के आदेश दिए गए थे, कलेक्टर ने जांच में पाया कि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 में संशोधन हो चुका है, इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय के हाल ही के निर्णय में बेटा और बेटी को समान अधिकार देने का निर्देश दिए हैं, ऐसे में इन 71 मामलो में से 10 मामलों में वन टाइम सेटलमेंट और नौकरी दिये जाने के निर्देश हैं. इस कारण इन 71 प्रकरण में से 10 प्रकरणों में वन टाइम सेटलमेंट की जांच कर 10 दिन के भीतर रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि इन 10 मामलों में भी उचित निर्णय लिया जा सके. वहीं आज 61 भू प्रभावित महिलाओं को नौकरी के लिए पात्र पाए जाने पर इनकी नौकरी के लिए एनएमडीसी के हैदराबाद कार्यालय से आवश्यक कार्रवाई पूरी कराने के निर्देश आयोग के अध्यक्ष ने कलेक्टर बस्तर को दिए हैं.

इसके साथ ही आज जन सुनवाई के दौरान अन्य 20 प्रकरणों की सुनवाई पूरी कर मामले को निराकृत किया गया, जिसमें दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, मानसिक प्रताड़ना से संबंधित प्रकरण शामिल थे.

जगदलपुर: पिछले 12 वर्षों से नगरनार NMDC स्टील प्लांट (NMDC Steel Plant) में नौकरी पाने के लिए भूख हड़ताल से लेकर चक्का जाम तक कर चुके भू प्रभावित महिलाओं के पक्ष में फैसला आया है. मंगलवार को राज्य महिला आयोग (State Women Commission) की जनसुनवाई में यह ऐतिहासिक फैसला हुआ. 71 भू प्रभावित महिलाओं में से 61 महिलाओं को एनएमडीसी स्टील प्लांट में नौकरी देने का आदेश महिला आयोग की अध्यक्ष ने दिया है.

राज्य महिला आयोग अध्यक्ष

दरअसल राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक (State Women Commission chairperson Kiranmayi Nayak) की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट में जन सुनवाई रखी गई थी. इसमें कुल 98 प्रकरण पर सुनवाई की गई, इसमें से 71 प्रकरण नगरनार के भू प्रभावित महिलाओं को NMDC प्लांट में नौकरी दिए जाने के संबंध में था. जनसुनवाई के दौरान अध्यक्ष ने 71 में से 61 भू प्रभावित महिलाओं को एनएमडीसी स्टील प्लांट में नौकरी देने का फैसला सुनाया है.

दरसअल नगरनार में जमीन अधिग्रहण के दौरान एनएमडीसी प्रबंधन ने मुआवजा देने के साथ ही जमीन अधिग्रहण किए गए परिवार में से एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही थी और कुछ लोगों को नौकरी भी दी गई. लेकिन जिन घरों में बेटी है उन्हें प्रबंधन की तरफ से नौकरी नहीं दी गई ,जबकि समानता का अधिकार के तहत अपनी जमीन प्लांट के लिए दिए घर के बेटियों को भी नौकरी दिया जाना था. कुल 71 भू प्रभावित महिलाएं नौकरी के लिए लगातार एनएमडीसी मुख्यालय का चक्कर काटती रही, यहां तक कि उन्हें भूख हड़ताल पर बैठने के साथ ही सड़क पर आंदोलन के लिए भी उतरना पड़ा, पिछले 12 वर्षों से एनएमडीसी प्लांट में नौकरी पाने के लिए महिलाओं को संघर्ष करना पड़ रहा था. लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी. अब राज्य महिला आयोग की तरफ से जनसुनवाई में यह रास्ता साफ हुआ. अब महिलाओं को NMDC में नौकरी मिल पाएगी.

किरंदुल में PWD और NMDC के बीच फंसी जर्जर पुलिया, बारिश में हुई खतरनाक

इस मामले में बस्तर कलेक्टर को भी जांच करने के आदेश दिए गए थे, कलेक्टर ने जांच में पाया कि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 में संशोधन हो चुका है, इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय के हाल ही के निर्णय में बेटा और बेटी को समान अधिकार देने का निर्देश दिए हैं, ऐसे में इन 71 मामलो में से 10 मामलों में वन टाइम सेटलमेंट और नौकरी दिये जाने के निर्देश हैं. इस कारण इन 71 प्रकरण में से 10 प्रकरणों में वन टाइम सेटलमेंट की जांच कर 10 दिन के भीतर रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि इन 10 मामलों में भी उचित निर्णय लिया जा सके. वहीं आज 61 भू प्रभावित महिलाओं को नौकरी के लिए पात्र पाए जाने पर इनकी नौकरी के लिए एनएमडीसी के हैदराबाद कार्यालय से आवश्यक कार्रवाई पूरी कराने के निर्देश आयोग के अध्यक्ष ने कलेक्टर बस्तर को दिए हैं.

इसके साथ ही आज जन सुनवाई के दौरान अन्य 20 प्रकरणों की सुनवाई पूरी कर मामले को निराकृत किया गया, जिसमें दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, मानसिक प्रताड़ना से संबंधित प्रकरण शामिल थे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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