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World Tourism Day: बस्तर की हसीन वादियां देख रोमांचित हो जाएगा आपका मन - बस्तर पर्यटन स्थल

बस्तर की हसीन वादियां और मनमोहक सौन्दर्य बहुत ही अद्भुत हैं. इन्हीं पहाड़ों पर बसी है अद्भुत बस्तर. जहां पर आसमान छूते पहाड़, कलकल बहती नदियां, झरने के साथ दूर तक फैली जंगल लोगों को अपनी ओर खींच रही है.

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Published : Sep 27, 2019, 3:24 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: आदिवासी संस्कृति और सैकड़ों साल की सभ्यता को अपने अंदर समेटे बस्तर इन दिनों पर्यटन का हब बनते जा रहा है. बस्तर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति के लिए देश भर में मशहूर होते जा रहा है. यहां की हसीन वादियां और मनमोहक सौन्दर्य बहुत ही अद्भुत हैं. इन्हीं पहाड़ों पर बसी है अद्भुत बस्तर. जहां पर आसमान छूते पहाड़, कलकल बहती नदियां, झरने के साथ दूर तक फैली जंगल लोगों को अपनी ओर खींच रही है.

बस्तर की हसीन वादियां देख रोमांचित हो जाएगा आपका मन

पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बने बस्तर के पर्यटन स्थल देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है, यही कारण है कि न सिर्फ देश के कोने-कोने से बल्की विदेशी पर्यटक भी बस्तर में आकर प्रकृति की इन अनमोल धरोहरों को अपने यदों कैद करना चाहते हैं.

  • यहां कई ऐसे जलप्रपात है जिसे देखने देश-विदेश से लोग बस्तर आते हैं. जगदलपुर का चित्रकोट वाटरफॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है. इसके अलावा तीरथगढ़ जलप्रपात, चित्रधारा, कांगेर धारा, तामरघुमर और मेंद्रीघुमर जलप्रपात भी अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है.
  • बस्तर में हजारों साल पुराने कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा जैसी अन्य कई गुफाएं भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आर्कषण का केंद्र है.
  • इन पर्यटन स्थलों के साथ धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण लगभग एक हजार साल पुराना नारायण पाल का विष्णु मंदिर भी लोगों को विशेष पसंद आ रहा है.
  • 90 फीट की उंचाई से गिरता पानी और उससे उठती धुंध लोगों को एक अगलग ही दुनिया का आनंद दिलाता है.
  • उंचाई से गिरता तीरथगढ़ जलप्रपात देख दूध की नदी का अनुभूति कराता है.

जगदलपुर: आदिवासी संस्कृति और सैकड़ों साल की सभ्यता को अपने अंदर समेटे बस्तर इन दिनों पर्यटन का हब बनते जा रहा है. बस्तर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति के लिए देश भर में मशहूर होते जा रहा है. यहां की हसीन वादियां और मनमोहक सौन्दर्य बहुत ही अद्भुत हैं. इन्हीं पहाड़ों पर बसी है अद्भुत बस्तर. जहां पर आसमान छूते पहाड़, कलकल बहती नदियां, झरने के साथ दूर तक फैली जंगल लोगों को अपनी ओर खींच रही है.

बस्तर की हसीन वादियां देख रोमांचित हो जाएगा आपका मन

पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बने बस्तर के पर्यटन स्थल देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है, यही कारण है कि न सिर्फ देश के कोने-कोने से बल्की विदेशी पर्यटक भी बस्तर में आकर प्रकृति की इन अनमोल धरोहरों को अपने यदों कैद करना चाहते हैं.

  • यहां कई ऐसे जलप्रपात है जिसे देखने देश-विदेश से लोग बस्तर आते हैं. जगदलपुर का चित्रकोट वाटरफॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है. इसके अलावा तीरथगढ़ जलप्रपात, चित्रधारा, कांगेर धारा, तामरघुमर और मेंद्रीघुमर जलप्रपात भी अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है.
  • बस्तर में हजारों साल पुराने कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा जैसी अन्य कई गुफाएं भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आर्कषण का केंद्र है.
  • इन पर्यटन स्थलों के साथ धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण लगभग एक हजार साल पुराना नारायण पाल का विष्णु मंदिर भी लोगों को विशेष पसंद आ रहा है.
  • 90 फीट की उंचाई से गिरता पानी और उससे उठती धुंध लोगों को एक अगलग ही दुनिया का आनंद दिलाता है.
  • उंचाई से गिरता तीरथगढ़ जलप्रपात देख दूध की नदी का अनुभूति कराता है.
Intro:जगदलपुऱ। भाषा, बोली, सभ्यता, संस्कृति एंव भौगोलिक विभिदताओ से वनाआच्छिदत बस्तर मे मौजुद प्राकृतिक सौंदर्य और दशर्नीय स्थलो की मनमोहक छटा देशभर के पर्यटको को अपनी ओर आर्कषित करते है,पर्यटको के आर्कषण का केन्द्र बने बस्तर के पर्यटन स्थल देशभर मे अपनी एक अलग पहचान बना चुके है, यही कारण है कि न सिर्फ देश के कोने कोने से बल्की विदेशी पर्यटक भी बस्तर मे आकर प्रकृति की इन अनमोल धरोहरो को अपने जहन एंव कैमरे मे कैद करने को लालायित रहते है।Body:देश विदेश से बस्तर आने वाले पर्य़टको के लिए खास आर्कषण के केन्द्र चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ जलप्रपात , चित्रधारा, कांगेर धारा, तामरघुमर, एंव मेंद्रीघुमर जलप्रपात अपने प्राकृतिक सौंदर्य मे अव्दितीय है ही साथ ही हजारो वर्ष पूर्व प्राकृतिक रूप से निर्मित कैलाशगुफा, कोटमसर गुफा जैसी अन्य कई गुफाए भी इन पर्यटको के लिए बेहद दर्शनीय एंव रूचि का केंद्र होती है, इन पर्यटन स्थलो के साथ ही धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण समझे जाने वाले लगभग एक हजार वर्ष पूराने नारायणपाल का विष्णुमंदिर चित्रकोट जलप्रपात के नजदीक लगभग 15 सौ वर्ष पूराने शिवलिंग की विशेष महत्ता तो है ही साथ ही बेहद प्राचीन मामा भांचा का मंदिर जो अपने भीतर कई पौराणिक कथा एंव मान्यताओ को समाएं हुए है यह भी धार्मिक पर्य़टको के लिए विशेष आर्कषण का केन्द्र है।Conclusion:देश मे मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात पंहुचे पर्यटक बताते है कि यह पर्यटन स्थल बेहद खूबसूरत एंव प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है , बस्तर के पर्यटन स्थल देशभर मे मौजुद पर्यटन स्थलो से भी ज्यादा सुंदर एंव आर्कषक है , लगभग 90 फीट की उंचाई से गिरते लाखो क्यूसिक पानी से उठती धुंध एंव बादल गरजने जैसी आवाज बेहद मोहक और दिल की गहराईयो तक उतर जाने वाली महसूस होती है, बस्तर की विशाल गुफाए ऐतिहासिक मंदिर मुर्तिया अपनी एक खास छाप जहन पर छोड जाती है, कितने बार भी यंहा आने पर हर बार नया ही प्रतीत होता है, तीरथगढ जलप्रपात एक एसा पर्यटन स्थल है जो हमने अब तक कही नही देखा, हजारो फीट गहरी खाई और बेहद उंचाई से चट्टानो पर गिरता झरना किसी बेहते दूध सा प्रतीत होता है, यंहा के घने जंगल और इनमे विचरण करते जंगली जानवर निश्चित तौर पर देश की अनमोल धरा है, सैकडो वर्ष पुरानी मुर्तिया एंव मंदिर बस्तर मे प्राचीन समय से धार्मिक मान्यताओ के ज्वलंत प्रमाण है।

बस्तर के पर्यटन स्थलो के विकास के लिए शासन द्वारा समय समय पर कई योजनाओ पर काम किया गया है, बस्तर के पर्यटन स्थलो के प्रचार की दृष्टि से भी शासन स्तर पर कार्य किया गया है, बस्तर के पर्यटन स्थल पर आने वाले पर्यटको की सुख सुविधाओ को ध्यान मे रखकर रेस्ट हाउस , कई रिसॉर्ट बनाये गये है, इनके अलावा कई निजी रिसार्ट भी बस्तर मे मौजुद है जो बस्तर आने वाले पर्यटको के ठहरने खाने पीने एंव घुमने के लिए वाहन ईत्यादि की उचित व्यवस्था करते है, पर्यटन स्थलो पर पर्यटको को किसी भी तरह की परेशानी न हो एंव उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाते है, यही कारण है कि बस्तर आने वाले देशी विदेशी पर्यटको की संख्या मे पिछले 10 सालो मे काफी ईजाफा हुआ है। समुचे देश मे मशहूर बस्तर के पर्यटन स्थल जलप्रपात एंव पौराणिक मंदिर मुर्तिया को देखने के लिए हर साल लाखो की संख्या मे पर्यटक बस्तर आते है, इससे एक ओर जंहा स्थानीय लोगो को रोजगार और व्यवसाय के अवसर मिलते है, वही बस्तर की लोकप्रियता को देश के कोने कोने मे पंहुचाने मे ये पर्यटक साहयक सिध्द होते है।
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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