जगदलपुर: आदिवासी संस्कृति और सैकड़ों साल की सभ्यता को अपने अंदर समेटे बस्तर इन दिनों पर्यटन का हब बनते जा रहा है. बस्तर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति के लिए देश भर में मशहूर होते जा रहा है. यहां की हसीन वादियां और मनमोहक सौन्दर्य बहुत ही अद्भुत हैं. इन्हीं पहाड़ों पर बसी है अद्भुत बस्तर. जहां पर आसमान छूते पहाड़, कलकल बहती नदियां, झरने के साथ दूर तक फैली जंगल लोगों को अपनी ओर खींच रही है.
World Tourism Day: बस्तर की हसीन वादियां देख रोमांचित हो जाएगा आपका मन
बस्तर की हसीन वादियां और मनमोहक सौन्दर्य बहुत ही अद्भुत हैं. इन्हीं पहाड़ों पर बसी है अद्भुत बस्तर. जहां पर आसमान छूते पहाड़, कलकल बहती नदियां, झरने के साथ दूर तक फैली जंगल लोगों को अपनी ओर खींच रही है.
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पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बने बस्तर के पर्यटन स्थल देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है, यही कारण है कि न सिर्फ देश के कोने-कोने से बल्की विदेशी पर्यटक भी बस्तर में आकर प्रकृति की इन अनमोल धरोहरों को अपने यदों कैद करना चाहते हैं.
- यहां कई ऐसे जलप्रपात है जिसे देखने देश-विदेश से लोग बस्तर आते हैं. जगदलपुर का चित्रकोट वाटरफॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है. इसके अलावा तीरथगढ़ जलप्रपात, चित्रधारा, कांगेर धारा, तामरघुमर और मेंद्रीघुमर जलप्रपात भी अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है.
- बस्तर में हजारों साल पुराने कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा जैसी अन्य कई गुफाएं भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आर्कषण का केंद्र है.
- इन पर्यटन स्थलों के साथ धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण लगभग एक हजार साल पुराना नारायण पाल का विष्णु मंदिर भी लोगों को विशेष पसंद आ रहा है.
- 90 फीट की उंचाई से गिरता पानी और उससे उठती धुंध लोगों को एक अगलग ही दुनिया का आनंद दिलाता है.
- उंचाई से गिरता तीरथगढ़ जलप्रपात देख दूध की नदी का अनुभूति कराता है.
जगदलपुर: आदिवासी संस्कृति और सैकड़ों साल की सभ्यता को अपने अंदर समेटे बस्तर इन दिनों पर्यटन का हब बनते जा रहा है. बस्तर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति के लिए देश भर में मशहूर होते जा रहा है. यहां की हसीन वादियां और मनमोहक सौन्दर्य बहुत ही अद्भुत हैं. इन्हीं पहाड़ों पर बसी है अद्भुत बस्तर. जहां पर आसमान छूते पहाड़, कलकल बहती नदियां, झरने के साथ दूर तक फैली जंगल लोगों को अपनी ओर खींच रही है.
पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बने बस्तर के पर्यटन स्थल देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है, यही कारण है कि न सिर्फ देश के कोने-कोने से बल्की विदेशी पर्यटक भी बस्तर में आकर प्रकृति की इन अनमोल धरोहरों को अपने यदों कैद करना चाहते हैं.
- यहां कई ऐसे जलप्रपात है जिसे देखने देश-विदेश से लोग बस्तर आते हैं. जगदलपुर का चित्रकोट वाटरफॉल को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है. इसके अलावा तीरथगढ़ जलप्रपात, चित्रधारा, कांगेर धारा, तामरघुमर और मेंद्रीघुमर जलप्रपात भी अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है.
- बस्तर में हजारों साल पुराने कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा जैसी अन्य कई गुफाएं भी हैं, जो पर्यटकों के लिए आर्कषण का केंद्र है.
- इन पर्यटन स्थलों के साथ धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण लगभग एक हजार साल पुराना नारायण पाल का विष्णु मंदिर भी लोगों को विशेष पसंद आ रहा है.
- 90 फीट की उंचाई से गिरता पानी और उससे उठती धुंध लोगों को एक अगलग ही दुनिया का आनंद दिलाता है.
- उंचाई से गिरता तीरथगढ़ जलप्रपात देख दूध की नदी का अनुभूति कराता है.
बस्तर के पर्यटन स्थलो के विकास के लिए शासन द्वारा समय समय पर कई योजनाओ पर काम किया गया है, बस्तर के पर्यटन स्थलो के प्रचार की दृष्टि से भी शासन स्तर पर कार्य किया गया है, बस्तर के पर्यटन स्थल पर आने वाले पर्यटको की सुख सुविधाओ को ध्यान मे रखकर रेस्ट हाउस , कई रिसॉर्ट बनाये गये है, इनके अलावा कई निजी रिसार्ट भी बस्तर मे मौजुद है जो बस्तर आने वाले पर्यटको के ठहरने खाने पीने एंव घुमने के लिए वाहन ईत्यादि की उचित व्यवस्था करते है, पर्यटन स्थलो पर पर्यटको को किसी भी तरह की परेशानी न हो एंव उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाते है, यही कारण है कि बस्तर आने वाले देशी विदेशी पर्यटको की संख्या मे पिछले 10 सालो मे काफी ईजाफा हुआ है। समुचे देश मे मशहूर बस्तर के पर्यटन स्थल जलप्रपात एंव पौराणिक मंदिर मुर्तिया को देखने के लिए हर साल लाखो की संख्या मे पर्यटक बस्तर आते है, इससे एक ओर जंहा स्थानीय लोगो को रोजगार और व्यवसाय के अवसर मिलते है, वही बस्तर की लोकप्रियता को देश के कोने कोने मे पंहुचाने मे ये पर्यटक साहयक सिध्द होते है।