जगदलपुर: आज हमारी फ्रेंडलिस्ट सोशल साइट पर बहुत लंबी भले हो लेकिन रियल लाइफ में स्कूल, कॉलेज और काम के दौरान बनाए दोस्त ही काम आते हैं. किस्से तो हमने भगवान कृष्ण और सुदामा के भी खूब सुने हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम की दोस्ती छोड़िए आज आप छत्तीसगढ़ की 611 साल पुरानी एक ऐसी परंपरा के बारे में जानिए, जिसमें एक खास दिन भगवान के सामने लोग दोस्त बनाते हैं और जिंदगी भर दोस्ती निभाते हैं. और इनकी दोस्ती में अनफ्रेंड करने का ऑप्शन भी नहीं होता.
छत्तीसगढ़ का आदिवासी क्षेत्र बस्तर की पहचान उनकी संस्कृत और परंपराओं की वजह से भी है. वैसे तो भगवान जगन्नाथ की पूरी की रथ यात्रा विश्व भर में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां के लोग भी भगवान जगन्नाथ को मानते हैं और धूमधाम से उनकी यात्रा निकालते हैं. छत्तीसगढ़ में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन से ही 11 दिवसीय गोंचा पर्व की भी शुरुआत हो जाती है. यहां गोंचा पर्व हर क्षेत्र के लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. बस्तर में गोंचा पर्व करीब 611 साल पहले से मनाया जा रहा है. गोंचा त्यौहार के दौरान कई रस्मों रिवाज भी होते हैं. इन्हीं रिवाजों में एक है मीत बांधना. मीत यानी दोस्त.
- मीत बांधने के बाद एक दोस्त दूसरे दोस्त को धान की बाली, चंपाफूल, भौजली और कमल का फूल भेंट करते हैं. इसके बाद दोनों में दोस्ती की शुरुआत होती है.
- मीत बांधने की रस्म से शुरू हुई दोस्ती कई पीढ़ियों तक निभाई जाती है.
25 साल से निभा रही हैं दोस्ती
इसी परंपरा से 25 साल पहले दोस्त बनी राधिका पांडेय और तमासी खंबारी बताती हैं, वे स्कूल लाइफ से एक दूसरे की दोस्त बनी थी, और आज तक उनकी दोस्ती कायम है. खंबारी कहती हैं, इन 25 साल में वे सभी सुख-दुख में एक का साथ निभाती आ रही हैं और आगे भी निभाती रहेंगी.
सालों से चली आ रही है परंपरा
तमासी खंबारी जैसी ही उनकी दोस्त राधिका पांडेय भी 25 साल से बखूबी अपनी दोस्ती निभा रही हैं और अपने दोस्त की हर सुख-दुख में साथ निभाने का वादा कर रही है. बस्तर में मीत बांधने की पंरपरा सदियों से चली आ रही है. हांलाकि आधुनिक युग में यह पंरपरा लगभग विलुप्त होने के कगार पर है, हालांकि राधिका और तमासी जैसी मीत ने इस परंपरा को आज भी जिंदा रखा है.
इस दोस्ती में अनफ्रेंड करने का ऑप्शन नहीं
जहां एक ओर आधुनिकता ने नई पीढ़ियों को भारत की परंपरा से दूर कर रहा है, वहीं राधिका और तमासी की दोस्ती ने ऐसी पंरपरा को 611 साल बाद भी जिंदा रखा है. सोशल साइट्स पर बने दोस्त कब किस बात से नाराज होकर आपकी दोस्ती ठुकरा दे पता नहीं, लेकिन मीत बांधने का मतलब हैं दो लोगों के बीच हुई दोस्ती जो पीढ़ी दर पीढ़ी निभाई जाएगी. और इनकी दोस्ती कभी अनफ्रैंड नहीं होगी.