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जगदलपुर में अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी अधूरा

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (sewerage treatment plant) का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. आगामी 6 महीनों में नगर निगम की तरफ से इस प्लांट का उपयोग किये जाने की बात आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने कही है. लेकिन सच्चाई कुछ और हैं...

underground drainage system
अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम
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Published : Jul 8, 2021, 8:31 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: शहर के 11 नालों का गंदा पानी दलपत सागर और इंद्रावती में ना जाए. इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट sewerage treatment plant तैयार किया जा रहा है. दो साल के अंदर ट्रीटमेंट प्लांट पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इस योजना को शुरू हुए 3 साल बीत चुके हैं लेकिन काम पूरा नहीं हो सका है. हालांकि निगम आयुक्त का कहना है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम अंतिम चरण में है और आने वाले कुछ महीनों में प्लांट का काम पूरा कर लिया जाएगा.

underground drainage system
सड़क पर भरा पानी

नहीं शुरू हुआ अंडर ग्राउंड ड्रेनेज का काम

संभाग मुख्यालय जगदलपुर शहर को स्मार्ट सिटी (smart City) के तर्ज पर विकसित करने के लिए पिछले कई सालों से प्लानिंग चल रही है. शहर में अंडरग्राउंड ड्रेनेज व्यवस्था के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की भी घोषणा की गई थी. लेकिन घोषणा हुए सालों बीत चुके हैं, अंडर ग्राउंड ड्रेनेज का काम तो शुरू नहीं हो सका, लेकिन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद 65 करोड़ की लागत से प्लांट के निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन किया गया.

underground drainage system
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

20% ही बचा है काम

घोषणा को तीन साल बीत चुके है. लगातार कछुआ गति से चल रहे इस कार्य की वजह से शहर का पूरा गंदा पानी दलपत सागर और प्राणदायिनी इंद्रावती नदी में छोड़ा जा रहा है. हालांकि निगम आयुक्त का कहना है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम 80% पूरा हो चुका है. कोरोना काल की वजह से और ठेकेदार की लेटलतीफी की वजह से यह काम पूरी तरह से रुक गया था, लेकिन एक बार फिर से काम अपने अंतिम चरण में है और आने वाले कुछ महीनों में प्लांट पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्लांट के बनने से शहर का पूरा गंदा पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से साफ होकर वापस नदी में छोड़ा जाएगा.

underground drainage system
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित होगा अंडरग्राउंड ड्रेनेज

निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि अभी अंडरग्राउंड ड्रेनेज को लेकर कोई प्लान नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए सबसे पहले अंडरग्राउंड ड्रेनेज व्यवस्था की सुविधा होनी चाहिए, लेकिन अब तक इसके लिए सरकार की ओर से कोई बजट नहीं मिल पाया है. वहीं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बाद अंडरग्राउंड ड्रेनेज व्यवस्था के लिए बजट मांगा जाएगा और जगदलपुर को भी स्मार्ट सिटी के तर्ज पर विकसित किया जाएगा.

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने कहा कि अभी शहर का पूरा गंदा पानी 11 सालों के माध्यम से दलपत सागर और इंद्रावती में पहुंचाया जा रहा है. वहीं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बन जाने से यह पूरा पानी प्लांट तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही सभी पाइप लाइनों को शहर के बाहर से दिया जा रहा है, ताकि किसी तरह की कोई दुविधा ना हो. वहीं कई जगहों पर अंडर ग्राउंड पाइप लाइन भी बिछाई गई है. ताकि गंदे नालों का पानी सड़क में ना बह सके.

55 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है प्लांट

आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कुल लागत 55 करोड़ रुपये हैं. वहीं 10 करोड़ रुपये इसके मेंटेनेंस की राशि है, 11 नालों के लिए शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम पहले ही किया जा चुका है. वहीं अब बालिकोंटा में जहां प्लांट बनाया जा रहा है, वहां पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने पर निश्चित तौर पर अब शहर का गंदा पानी ऐतिहासिक दलपत सागर और इंद्रावती नदी में नहीं जाएगा. वहीं हर दिन इस ट्रीटमेंट प्लांट में 25 लाख लीटर पानी साफ किया जाएगा और साफ पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा.

जगदलपुर: शहर के 11 नालों का गंदा पानी दलपत सागर और इंद्रावती में ना जाए. इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट sewerage treatment plant तैयार किया जा रहा है. दो साल के अंदर ट्रीटमेंट प्लांट पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इस योजना को शुरू हुए 3 साल बीत चुके हैं लेकिन काम पूरा नहीं हो सका है. हालांकि निगम आयुक्त का कहना है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम अंतिम चरण में है और आने वाले कुछ महीनों में प्लांट का काम पूरा कर लिया जाएगा.

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सड़क पर भरा पानी

नहीं शुरू हुआ अंडर ग्राउंड ड्रेनेज का काम

संभाग मुख्यालय जगदलपुर शहर को स्मार्ट सिटी (smart City) के तर्ज पर विकसित करने के लिए पिछले कई सालों से प्लानिंग चल रही है. शहर में अंडरग्राउंड ड्रेनेज व्यवस्था के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की भी घोषणा की गई थी. लेकिन घोषणा हुए सालों बीत चुके हैं, अंडर ग्राउंड ड्रेनेज का काम तो शुरू नहीं हो सका, लेकिन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद 65 करोड़ की लागत से प्लांट के निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन किया गया.

underground drainage system
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

20% ही बचा है काम

घोषणा को तीन साल बीत चुके है. लगातार कछुआ गति से चल रहे इस कार्य की वजह से शहर का पूरा गंदा पानी दलपत सागर और प्राणदायिनी इंद्रावती नदी में छोड़ा जा रहा है. हालांकि निगम आयुक्त का कहना है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम 80% पूरा हो चुका है. कोरोना काल की वजह से और ठेकेदार की लेटलतीफी की वजह से यह काम पूरी तरह से रुक गया था, लेकिन एक बार फिर से काम अपने अंतिम चरण में है और आने वाले कुछ महीनों में प्लांट पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्लांट के बनने से शहर का पूरा गंदा पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से साफ होकर वापस नदी में छोड़ा जाएगा.

underground drainage system
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित होगा अंडरग्राउंड ड्रेनेज

निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि अभी अंडरग्राउंड ड्रेनेज को लेकर कोई प्लान नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए सबसे पहले अंडरग्राउंड ड्रेनेज व्यवस्था की सुविधा होनी चाहिए, लेकिन अब तक इसके लिए सरकार की ओर से कोई बजट नहीं मिल पाया है. वहीं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बाद अंडरग्राउंड ड्रेनेज व्यवस्था के लिए बजट मांगा जाएगा और जगदलपुर को भी स्मार्ट सिटी के तर्ज पर विकसित किया जाएगा.

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने कहा कि अभी शहर का पूरा गंदा पानी 11 सालों के माध्यम से दलपत सागर और इंद्रावती में पहुंचाया जा रहा है. वहीं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बन जाने से यह पूरा पानी प्लांट तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही सभी पाइप लाइनों को शहर के बाहर से दिया जा रहा है, ताकि किसी तरह की कोई दुविधा ना हो. वहीं कई जगहों पर अंडर ग्राउंड पाइप लाइन भी बिछाई गई है. ताकि गंदे नालों का पानी सड़क में ना बह सके.

55 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है प्लांट

आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कुल लागत 55 करोड़ रुपये हैं. वहीं 10 करोड़ रुपये इसके मेंटेनेंस की राशि है, 11 नालों के लिए शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम पहले ही किया जा चुका है. वहीं अब बालिकोंटा में जहां प्लांट बनाया जा रहा है, वहां पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने पर निश्चित तौर पर अब शहर का गंदा पानी ऐतिहासिक दलपत सागर और इंद्रावती नदी में नहीं जाएगा. वहीं हर दिन इस ट्रीटमेंट प्लांट में 25 लाख लीटर पानी साफ किया जाएगा और साफ पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाएगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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