बलौदाबाजार: बलौदाबाजार भाटापारा के कलेक्टर दीपक सोनी इन दिनों फुल एक्शन में है. सरकारी स्कूल में शिक्षा को लेकर कलेक्टर साहब बेहद सजग हैं. यही वजह है कि स्कूल से लंबे समय से गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों पर कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई की है. पांच शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है. सभी सरकारी टीचर सहायक ग्रेड तीन के कर्मचारी हैं. जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.
शिक्षकों पर सरकारी नियमों के उल्लंघन का आरोप: जिन शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है. उनके खिलाफ सरकारी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है. कलेक्टर के आदेश के मुताबिक, विकासखंड सिमगा के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ तीन शिक्षक और दो सहायक ग्रेड तीन के कर्मचारी पर कार्रवाई हुई है. इन सभी कर्मचारियों पर आरोप है कि ये लोग अनाधिकृत रूप से लंबे समय तक अपनी ड्यूटी से नदारद थे. जिसके कारण उन्हें बर्खास्त किया गया
बलौदाबाजार में जिन कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है. उनके नाम कुछ इस प्रकार हैं.
- अमित बहादुर,सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला रिंगनी, विकासखंड सिमगा
- कल्पना कश्यप – सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला मोपर, विकासखंड सिमगा
- गीतेंद्र सिंह ध्रुव– सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला छेरकाडीह, विकासखंड सिमगा
- शरद कुमार यादव – सहायक ग्रेड तीन, शासकिय उच्च माध्यमिक विद्यालय केसदा
- गौरव कुमार साहू– सहायक ग्रेड तीन, शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कामता
ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर कार्रवाई: बलौदाबाजार कलेक्टर ने ड्यूटी से गैरहाजिर रहने पर यह कार्रवाई की है. जिला प्रशासन का कहना है कि जांच में यह पाया गया कि इन सरकारी कर्मचारियों ने अनाधिकृत रूप से छुट्टी ली थी. इसके अलावा ये सरकारी सेवक के कार्य के निभाने में फेल हो गए. इनकी गैरहाजिरी से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई. इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.
बर्खास्तगी की कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत की गई है. इसमें कर्मचारियों के अनुशासन और नियमों का उल्लंघन गंभीर माना जाता है. इन कर्मचारियों की तरफ से नियम 18, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3(1)(1)(2)(3) का उल्लंघन किया गया है. इसके अलावा अवकाश नियम 7 का उल्लंघन किया गया है. जो मिस कंडक्ट की श्रेणी में आता है-दीपक सोनी, कलेक्टर, बलौदाबाजार
कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि यह कार्रवाई सरकारी सेवकों को अनुशासन और जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए की गई है. जिससे भविष्य में कोई ऐसी गलती न करे. सरकारी कार्य में लापरवाही या आज्ञा का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह कदम सरकारी कर्मचारियों के अंदर अनुशासन लाने के लिए जरूरी है. इससे सरकारी कर्मियों में जरूरी संदेश जाएगा.