जगदलपुर : बस्तर में जीवनदायिनी इंद्रावती नदी भी बारिश के दौरान बाढ़ की स्थिति पैदा करती है. लिहाजा इंद्रावती के नदी तट महादेव घाट में राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने बचाव राहत का मॉकड्रिल किया. जिसमें एसडीआरएफ और नगर सेना के जवानों ने अपने पूरे साजो सामान और संसाधनों के साथ तैयारियों का परीक्षण किया था. इस दौरान बस्तर जिले के कलेक्टर और एसपी के साथ ही विभागीय अधिकारी मौजूद थे.
गोताखोरों ने बचाई डूबने वालों की जान : मॉकड्रिल के दौरान गोताखोरों ने नदी में डूब रहे व्यक्तियों को बाहर निकालने की प्रैक्टिस की. बाढ़ के दौरान किस तरह से लोगों की जान बचाई जा सकती है इसका भी अभ्यास किया. साथ ही एसडीआरएफ के पास मौजूद संसाधनों को टेस्ट भी किया. अपने प्रदर्शन के दौरान नदी में मोटर बोट से फर्राटे के साथ पहुंचकर लोगों की जिंदगी को बचाने का अभ्यास जवानों ने बखूबी किया. आपको बता दें कि बस्तर संभाग में एसडीआरएफ की कुल 32 टीम बनाई गई है जो संभाग के 7 जिलों में मानसून के दौरान तैनात रहेंगे.
''जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की निगरानी में होमगार्ड के तत्वधान में बाढ़ की स्थिति से पूरी तरह निपटने के लिए मॉकड्रिल किया गया है. होमगार्ड के पास मौजूद सभी उपकरणों के साथ तैराकों ने मॉकड्रिल किया. इसके अवाला बाढ़ आपदा बचाव टीम का संपर्क नंबर भी सार्वजनिक किया गया है. ताकि जहां कहीं बाढ़ की स्थित निर्मित हो. वहां टीम आसानी से पहुंच सकें.-विजय दयाराम,बस्तर कलेक्टर
इस दौरान होम गार्ड के जवानों ने भी मॉकड्रिल किया और बाढ़ बचाव की ट्रेनिंग की.
'' जगदलपुर शहर इंद्रावती नदी के बिल्कुल नजदीक स्थित है. लगातार बारिश के कारण निचली बस्तियां धीरे धीरे भरने लगती है. किसी व्यक्ति के डूबने की जानकारी लगते ही SDRF की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की आवश्यक कार्रवाई करती है. जिसे देखते हुए होमगार्ड के प्रशिक्षित जवानों के द्वारा सभी तरह का मॉकड्रिल किया गया.- जितेंद्र सिंह मीणा, एसपी बस्तर
आपको बता दें कि बस्तर जिले के मंगड़ू कचौरा, गणपति रिसॉर्ट, महादेव घाट, घोटिया और इंद्रावती नदी से लगे सभी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा होती है. साथ ही इंद्रावती नदी के तट पर बसे गांव भी प्रभावित होते हैं. इसे देखते हुए एसडीआरएफ, नगर सेना और बाढ़ आपदा के जवानों की टीम पहले से ही अभ्यास कर बाढ़ से निपटने की अपनी तैयारी कर रही है.