जगदलपुर: चुनाव आते ही तमाम नेता वोट मांगने के लिए हाथ जोड़कर जनता के दरबार में पहुंच जाते हैं. जहां वे लम्बे-चौड़े वादे भी कर आते हैं और भोली-भाली जनता उनकी बातों में भी आ जाती है, लेकिन चुनाव नतीजे आते ही ये नेता बरसाती मेंढक की तरह फिर से लापता हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ जगदलपुर के रमैया वार्ड के लोगों के साथ जो अब अपनी गलती को सुधारने और नेताओं को सबक सिखाने के लिए नगरीय निकाय चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है.
पूरा मामला शहर के रमैया वार्ड का है, जो जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां बरसात के दिनों में स्थिति ऐसी हो जाती है कि यहां के लोगों को अपने घरों के चौखट से सटाकर छोटी-छोटी दीवार बनानी पड़ती है, जिससे बारिश का पानी घर में न घुस सके. महापौर से लेकर विधायक तक ने चुनाव के वक्त वादा किया था कि शपथ लेते ही सबसे पहला काम उनके वार्ड की समस्या का समाधान करेंगे. वक्त बीत गया, लेकिन समस्याएं आज भी जस की तस हैं.
वादाखिलाफी से परेशान वार्डवासी
नेताओं के वादे और वादाखिलाफी से परेशान वार्डवासियों ने कई बार चक्का जाम किया, लेकिन प्रशासन और महापौर ने उन्हें समझाकर मामले शांत करा दिया. बार-बार लोगों के विरोध और प्रदर्शन को दबा दिया गया. हर बार आश्वासन दिया गया कि बरसात खत्म होते ही उनके क्षेत्र में नाली का निर्माण करा दिया जाएगा, लेकिन समस्या का स्थाई समाधान आज तक नहीं निकला.
निकाय चुनाव के बहिष्कार का फैसला
वार्डवासियों ने जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन को उनका वादा याद दिलाने के लिए ज्ञापन लेकर उनके कार्यालय भी पहुंचे, लेकिन मुलाकात न हो पाई. हर जगह से निराशा मिलने के बाद अब वार्डवासियों ने निकाय चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया है. इधर जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी इन वार्डवासियों की समस्या को लेकर मीडिया के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं.