जगदलपुर: बस्तर संभाग में लगभग 55 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं होने की वजह से केंद्रों में जाम हो गया है. संभाग के 7 जिलों में से 4 में धान जाम पड़ा है. धान के उठाव को लेकर राज्य शासन भी गंभीर नहीं नजर आ रहा है. जिससे धान खराब होने की संभावना बढ़ गई है. जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि इस बात की जानकारी राज्य शासन को दे दी गई है. पत्र भी लिखा गया है लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.
जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि बस्तर संभाग के 7 जिलों में से 3 जिलों में जगदलपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा में धान का उठाव हो चुका है. जबकि अन्य 4 जिलों बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव में अभी भी कई हजार क्विंटल धान केंद्रों में जाम पड़ा है.
सबसे ज्यादा धान कोंडागांव जिले के केंद्रों में पड़ा हुआ है.
- विपणन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोंडागांव जिले के कुल 21 केंद्रों में 27 हजार क्विंटल धान जाम है.
- कांकेर जिले में कुल 86 केंद्रों में 22 हजार क्विंटल धान जाम है.
- नारायणपुर जिले में 1500 क्विंटल धान और बीजापुर में भी 5 हजार क्विंटल धान जाम है.
- कुल मिलाकर बस्तर संभाग भर में 56 हजार 300 क्विंटल धान का उठाव नहीं होने की वजह से केंद्रों में रखा हुआ है.
- धान को सुरक्षित रखने के निर्देश
अधिकारी ने बताया कि अब तक संभाग भर में 450 क्विंटल धान खराब होने के जानकारी मिली है. उनका कहना है कि लैम्प्स प्रबंधकों के द्वारा जाम पड़े इन धान के बोरियों को सुरक्षित रखने की पूरी व्यवस्था की गई है. मानसून को देखते हुए प्रबंधकों को लेटलतीफी की व्यवस्था और केंद्रों में रखरखाव की व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा गया है.
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धान खरीदी की तारीख खत्म हुए 3 महीने से ज्यादा हो चुके हैं. अधिकारी का कहना है कि केंद्रों में जाम पड़े धान के रखरखाव की पूरी व्यवस्था है. लेकिन बीते साल भी धान के रख-रखाव में लापरवाही बरते जाने की वजह से बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में कई हजार क्विंटल धान बारिश में भीगने की वजह से खराब हो चुका था. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि धान के उठाव को लेकर गंभीरता दिखाए, जिससे कि इस वर्ष भी बारिश की वजह से धान खराब होने की स्थिति पैदा ना हो सके. फिलहाल 56 हजार 300 क्विंटल धान का उठाव नहीं होने की वजह से धान के खराब होने की पूरी संभावना बनी हुई है.