जगदलपुर: मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का असर अब पूरे संभाग में दिखने लगा है. ETV भारत की खबर के बाद लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम अंदरूनी क्षेत्रों में पहुंचकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है. साथ ही उन्हें दवा मुहैया कराया जा रहा है, जिसकी वजह से मलेरिया मुक्त अभियान के दूसरे चरण में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में कमी आई है. बस्तर में अभियान के दूसरे चरण में अब तक 1.31 प्रतिशत मलेरिया पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. जबकि मलेरिया के पहले चरण के दौरान जांच में 4.7 प्रतिशत मरीजों की पुष्टि हुई थी.
वहीं मलेरिया की जांच और इलाज के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम की ओर से लोगों को इससे बचाव और मच्छरदानी लगाकर सोने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसका भी सकारात्मक असर बस्तर में देखने को मिला है. वहीं दूसरे चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से ग्रामीणों को मेडिकेटेड मच्छरदानी बांटी जा रही है. साथ ही स्थानीय लोगों के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 4964 घरों में मच्छरों का लार्वा नष्ट किया है.
दूसरे चरण में घटी मलेरिया पीड़ितोंं की संख्या
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मलेरिया मुक्त अभियान के पहले चरण जनवरी-फरवरी और मार्च महीने में 14 लाख लोगों की मलेरिया जांच की गई थी. जिसमें 64 हजार 646 लोग मलेरिया पीड़ित पाए गए थे. इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा थी. वहीं दूसरे चरण के अभियान का दायरा बढ़ाते हुए ज्यादा लोगों को इसमें शामिल करते हुए 23 लाख 40 हजार लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत दूसरे चरण में अब तक 22 लाख 34 हजार लोगों की जांच की गई है और इनमें से 29 हजार 275 लोग ही मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं.
31 जुलाई तक चलेगा अभियान का दूसरा चरण
6 जून से दूसरे चरण की शुरुआत हुई है. दूसरे चरण के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक 4 लाख 71 हजार 879 घरों में मलेरिया की जांच कर चुकी है. जांच में शामिल 15 हजार 593 गर्भवती महिलाओं में से 306 महिलाएं ही पॉजिटिव पाई गई हैं. वहीं अभियान का दूसरा चरण 31 जुलाई तक चलेगा.
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मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान संभाग के सभी सातों जिलों के 30 ऐसे विकास खंडों में संचालित किया जा रहा है, जहां से हर साल प्रदेश में मलेरिया की 80 प्रतिशत शिकायतें आती है. वर्तमान में इस क्षेत्र के 3226 गांव में से 2804 गांव में जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी व्यक्तियों की जांच कर रही है. वहीं जांच के बाद मलेरिया पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पीड़ितों को तत्काल अपने सामने ही दवा की पहली खुराक दे रहे है.
केंद्र सरकार ने की अभियान की सराहना
वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच छत्तीसगढ़ में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान संचालित करने को लेकर केंद्र सरकार ने भी सराहना की है. इस अभियान का क्रियान्वयन स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह के नेतृत्व में किया जा रहा है. मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान बस्तर संभाग को मलेरिया के साथ-साथ एनीमिया और कुपोषण से भी मुक्त करने के अभियान के रूप में मील का पत्थर साबित हो रहा है.