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संगठन में शामिल नहीं होने पर नक्सलियों ने ग्रामीणों को पीटा

नक्सलियों के ख़ौफ़ में रात गुजारने को मजबूर हैं ग्रामीण, संगठन में शामिल होने का ग्रामीणों पर नक्सली बना रहे दबाव. ग्रामीणों ने पुलिस कैम्प खोले जाने की की मांग.

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Published : Apr 24, 2019, 9:52 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: एक साल पहले तक नक्सलमुक्त मान लिए गए बस्तर जिले में फिर से नक्सलियों ने अपने संगठन का विस्तार करना शुरू कर दिया है.

नक्सलियों ने की ग्रामीणों की पिटाई


मौत का फरमान कर रहे जारी
नक्सली अब दरभा एरिया के गांव तक आ पहुंचे हैं. वे यहां के गांव में रहने वाले ग्रामीणों के साथ बुरी तरह से मारपीट कर रहे हैं और संगठन में शामिल न होने पर मौत की सजा का फरमान जारी कर रहे हैं. नक्सलियों को लेकर ग्रामीणों में इतना खौफ है कि वो छिप-छिपकर अपने दिन गुजारने को मजबूर है.


इलाके में सक्रीय हैं नक्सली
दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद से बस्तर में नक्सल संगठन लगातार सक्रीय है. आलम ये है कि 'सात जिलों वाले बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के पास तक नक्सली ग्रामीणों से मारपीट कर दोबारा अपना खौफ कायम करने में लगे हुए हैं.


ग्रामीणों को दे रहे यातनाएं
अंदरूनी इलाकों में ही नहीं बल्कि बस्तर जिले के ही कई गांवों में इन दिनों नक्सलियों की सक्रियता बढ़ गयी है. वे लगातार ग्रामीणों की बैठकें ले कर ग्रामीणों को अपने संगठन में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं. इसके साथ ही जो भी ग्रामीण इनकी बात नहीं मानता उसे ये बुरी तरह से यातनाएं दे रहे हैं.


संगठन में करना चाहते हैं शामिल
इन ग्रामीण अंचलों के हालात बेहद चिंताजनक हैं. दरभा ब्लॉक में मौजूद छिंदगुर, कोलेंग और मुंडागुढा इलाके में नक्सली फिर से सक्रिय होने के फिराक में है और इसी इलाके के आठ युवाओं को नक्सली किसी भी कीमत पर अपने संगठन में शामिल करना चाहते हैं.


बना रहे दबाव
जो भी शख्स नक्सलियों की बात नहीं मानता उसके लिए 'लाल आतंक' ने सजा मुकर्रर कर रही है. कमोबेश ऐसे ही हालात इलाके के दर्जनों गावों में हैं. ग्रामीण ने बताया कि 'कुछ दिन पहले नक्सली उनके गांव में आए थे और उन्हें नक्सली संगठन में शामिल करने के लिए दबाव बनाते रहे.


पुलिस से की कैंप खोलने की मांग
ग्रामीणों के नक्सलियों के संगठन में शामिल होने से मना करने पर नक्सलियों ने डंडो से उसकी पिटाई कर दी. ग्रामीणों ने पुलिस से मुडागढ़ गांव में एक पुलिस कैम्प खोले जाने की मांग की है.


ग्रामीणों ने दिया प्रशासन का साथ
दरअसल इन इलाकों में कुछ साल पहले तक नक्सलियों का वर्चस्व रहा है. धीरे-धीरे ग्रामीणों को नक्सलवाद की हकीकत समझ आयी और उन्होंने पुलिस और प्रशासन का साथ देना शुरू किया. लगातार नक्सलियों के खिलाफ चले अभियानों में यहां के कई नक्सल लीडर मारे गए और यह इलाका अपेक्षाकृत महफूज हो गया.


वर्चस्व कायम करना चाहते हैं नक्सली
इलाके में कुछ जगह पुलिस के कैंप भी खोले गए, लेकिन अब नक्सली एक बार फिर इस इलाके में वर्चस्व कायम करना चाहते हैं. रात के वक्त नक्सली आते हैं और ग्रामीणों की बैठकें लेते हैं. इस पुरे मामले को बस्तर पुलिस सिर्फ लोकसभा चुनाव में हुए सफल मतदान पर नक्सलियों की प्रतिक्रिया मान रही है. पुलिस का खुद ये भी मानना है की यह इलाका संवेदनशील है पर वे हर जगह कैम्प स्थापित कर पाने में असमर्थ हैं.

जगदलपुर: एक साल पहले तक नक्सलमुक्त मान लिए गए बस्तर जिले में फिर से नक्सलियों ने अपने संगठन का विस्तार करना शुरू कर दिया है.

नक्सलियों ने की ग्रामीणों की पिटाई


मौत का फरमान कर रहे जारी
नक्सली अब दरभा एरिया के गांव तक आ पहुंचे हैं. वे यहां के गांव में रहने वाले ग्रामीणों के साथ बुरी तरह से मारपीट कर रहे हैं और संगठन में शामिल न होने पर मौत की सजा का फरमान जारी कर रहे हैं. नक्सलियों को लेकर ग्रामीणों में इतना खौफ है कि वो छिप-छिपकर अपने दिन गुजारने को मजबूर है.


इलाके में सक्रीय हैं नक्सली
दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद से बस्तर में नक्सल संगठन लगातार सक्रीय है. आलम ये है कि 'सात जिलों वाले बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के पास तक नक्सली ग्रामीणों से मारपीट कर दोबारा अपना खौफ कायम करने में लगे हुए हैं.


ग्रामीणों को दे रहे यातनाएं
अंदरूनी इलाकों में ही नहीं बल्कि बस्तर जिले के ही कई गांवों में इन दिनों नक्सलियों की सक्रियता बढ़ गयी है. वे लगातार ग्रामीणों की बैठकें ले कर ग्रामीणों को अपने संगठन में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं. इसके साथ ही जो भी ग्रामीण इनकी बात नहीं मानता उसे ये बुरी तरह से यातनाएं दे रहे हैं.


संगठन में करना चाहते हैं शामिल
इन ग्रामीण अंचलों के हालात बेहद चिंताजनक हैं. दरभा ब्लॉक में मौजूद छिंदगुर, कोलेंग और मुंडागुढा इलाके में नक्सली फिर से सक्रिय होने के फिराक में है और इसी इलाके के आठ युवाओं को नक्सली किसी भी कीमत पर अपने संगठन में शामिल करना चाहते हैं.


बना रहे दबाव
जो भी शख्स नक्सलियों की बात नहीं मानता उसके लिए 'लाल आतंक' ने सजा मुकर्रर कर रही है. कमोबेश ऐसे ही हालात इलाके के दर्जनों गावों में हैं. ग्रामीण ने बताया कि 'कुछ दिन पहले नक्सली उनके गांव में आए थे और उन्हें नक्सली संगठन में शामिल करने के लिए दबाव बनाते रहे.


पुलिस से की कैंप खोलने की मांग
ग्रामीणों के नक्सलियों के संगठन में शामिल होने से मना करने पर नक्सलियों ने डंडो से उसकी पिटाई कर दी. ग्रामीणों ने पुलिस से मुडागढ़ गांव में एक पुलिस कैम्प खोले जाने की मांग की है.


ग्रामीणों ने दिया प्रशासन का साथ
दरअसल इन इलाकों में कुछ साल पहले तक नक्सलियों का वर्चस्व रहा है. धीरे-धीरे ग्रामीणों को नक्सलवाद की हकीकत समझ आयी और उन्होंने पुलिस और प्रशासन का साथ देना शुरू किया. लगातार नक्सलियों के खिलाफ चले अभियानों में यहां के कई नक्सल लीडर मारे गए और यह इलाका अपेक्षाकृत महफूज हो गया.


वर्चस्व कायम करना चाहते हैं नक्सली
इलाके में कुछ जगह पुलिस के कैंप भी खोले गए, लेकिन अब नक्सली एक बार फिर इस इलाके में वर्चस्व कायम करना चाहते हैं. रात के वक्त नक्सली आते हैं और ग्रामीणों की बैठकें लेते हैं. इस पुरे मामले को बस्तर पुलिस सिर्फ लोकसभा चुनाव में हुए सफल मतदान पर नक्सलियों की प्रतिक्रिया मान रही है. पुलिस का खुद ये भी मानना है की यह इलाका संवेदनशील है पर वे हर जगह कैम्प स्थापित कर पाने में असमर्थ हैं.

नक्सलियों के ख़ौफ़ में रात गुजारने को मजबूर ग्रामीण, संगठन में शामिल होने  दबाव बना रहे नक्सली , ग्रामीणों ने पुलिस कैम्प खोले जाने की की मांग। 

 

 

जगदलपुर।  एक वर्ष पहले तक नक्सलमुक्त मान लिए गए बस्तर जिले में फिर से नक्सलियों ने अपने संगठन का विस्तार करना शुरू  कर दिया है।  नक्सली अब दरभा एरिया के गांव तक आ रहे हैं ग्रामीणों के साथ बुरी तरह से मारपीट  कर रहे हैं। और संगठन में शामिल न होने पर मौत की सजा का फरमान जारी कर रहे हैं।  इसके चलते ग्रामीणों में इतना आतंक है की वे छिप छिप कर अपने दिन गुज़ार रहे हैं। 


 

वो1-  दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद से बस्तर में नक्सल संगठन लगातार सक्रीय है।  आलम ये है की सात जिलों वाले बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के समीप तक नक्सली ग्रामीणों से मारपीट कर दोबारा अपना खौफ क़ायम करने में लगे हुए हैं।  अंदरूनी इलाकों में ही नहीं बल्कि बस्तर जिले के ही कई गावों में इन दिनों नक्सलियों की सक्रियता बढ़ गयी है।  वे लगातार ग्रामीणों की बैठकें ले रहे हैं।  अपने संगठन में शामिल होने का दबाव बना रहे हैं और आतंक क़ायम रखने के लिए ग्रामीणों को बुरी तरह से यातनाएं दे रहे हैं।  इन ग्रामीण अंचलों के हालात  बेहद चिंताजनक है। दरभा ब्लॉक में स्थित छिंदगुर, कोलेंग और मुंडागुढा  इलाके में नक्सली फिर से सक्रिय होने के फिराक में है और इसी इलाके  के 8 युवा ग्रामीणो  को किसी भी कीमत पर नक्सली अपने संगठन में शामिल करना चाहते हैं। और शामिल न होने पर मौत की सजा मुक़र्रर की गयी है।  कमोबेश ऐसे ही हालत दर्जनों गावों में हैं। गांव के एक ग्रामीण ने बताया कि कुछ दिन पूर्व नक्सली उनके गांव में आये थे और उन्हें नक्सली संगठन में शामिल करने के लिए दबाव बनाते रहे, और इसी दौरान उनके द्वारा संगठन में शामिल होने से मना करने पर नक्सलियों ने हाथ डंडो से उसकी बेहरमी से पिटाई कर दी । ग्रामीण ने बताया कि उन्होंने पुलिस से मुडागढ़ गांव में एक पुलिस कैम्प खोले जाने की मांग की है।  

 

बाइट1 - ग्रामीण 

 

वो2- दरअसल इन इलाकों में कुछ वर्ष पहले तक नक्सलियों का वर्चस्व रहा है।  धीरे धीरे ग्रामीणों को नक्सलवाद की हकीकत समझ आयी और उन्होंने पुलिस और प्रशासन का साथ देना शुरू किया।  लगातार नक्सलियों के खिलाफ चले अभियानों में यहाँ के कई नक्सल लीडर मारे गए और यह इलाका अपेक्षाकृत मेहफ़ूज़ हो गया।  इलाके में कुछ जगह सुरक्षाबलों के केम्प भी खोले गए।  लेकिन अब नक्सली पुनः इस इलाके को अपने वर्चस्व का इलाका बनाना चाहते हैं।  रात में नक्सली आते हैं और ग्रामीणों की बैठकें लेते हैं। इस पुरे मामले को बस्तर पुलिस सिर्फ लोकसभा में हुए सफल मतदान पर नक्सलियों की प्रतिक्रिया मान रही है।  पुलिस का खुद ये भी मानना है की यह इलाका संवेदनशील है  ग्रामीणों के लिए हर जगह कैम्प स्थापित कर पाने में पुलिस असमर्थ है।  

 

बाइट2 - संजय महादेवा,  एएसपी  बस्तर पुलिस 
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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