जगदलपुर: नक्सलियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक के बनियागांव के रहने वाले डीआरजी जवान श्रवण कश्यप का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके गृहग्राम पहुंचा. यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ जनप्रतिनिधियों और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया.
डीआरजी में पदस्थ थे शहीद श्रवण कश्यप
श्रवण कश्यप जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे, जिसके बाद उन्हें डीआरजी में तैनात किया गया था. लगातार वे नक्सल ऑपरेशन में जाते थे. शनिवार को नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में जवान श्रवण कश्यप ने नक्सलियों का डटकर सामना किया और शहादत को प्राप्त हुए. सोमवार को उनके गृह ग्राम में जब पार्थिव शरीर को लाया गया तो उन्हें अंतिम सलामी देने पूरा गांव उमड़ पड़ा.
पूरे गांव में शोक की लहर
श्रवण कश्यप के परिवार में उनके माता-पिता पत्नी और एक 4 साल का बच्चा है. श्रवण कुमार के शहादत से पूरे गांव में शोक का माहौल है. अंतिम संस्कार में बनियागांव के साथ-साथ आस-पास के गांव का जनसैलाब उमड़ पड़ा. बस्तर के सांसद दीपक बैज, बस्तर प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल समेत बस्तर के तमाम नेता शहीद जवान के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे.
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4 साल के बेटे ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया. शहीद श्रवण कश्यप के 4 साल के बेटे वरुण कश्यप ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. परिवार के साथ साथ पूरा गांव श्रवण कश्यप की शहादत से गम में डूबा हुआ है. गांव के सरपंच ने बताया कि श्रवण कश्यप घर में एकलौते बेटे थे. उनके बड़े भाई के पहले ही मौत हो चुकी है. ऐसे में सारी जिम्मेदारी श्रवण कश्यप पर थी. साथ ही श्रवण कश्यप की पत्नी 2 माह की गर्भवती है. इस दु:खद घटना से परिवार के साथ साथ पूरे गांव को गहरा दुख पहुंचा है. पूरा गांव श्रवण कश्यप के शहादत को हमेशा याद रखेगा. अंत्योष्टि के दौरान पूरे गांव ने श्रवण कश्यप के शहादत को सलाम किया.
केंद्रीय गृहमंत्री, सीएम ने दी श्रद्धांजलि
शनिवार को बीजापुर जिले के जोनागुड़ा में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शहीद जवानों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी गई. शहर के पुलिस लाइन में देश के गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत पुलिस के आला अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुठभेड़ में शहीद जवानों को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी, जिसके बाद जवानों के पार्थिव शरीर को उनके गृह ग्राम भेजा गया.