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बोधघाट परियोजना को लेकर सीएम बघेल कर रहे तानाशाही- मनीष कुंजाम

बोधघाट परियोजना को लेकर आदिवासी नेता मनीष कुंजाम ने सीएम बघेल पर तानाशाही करने के आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो एक बार फिर आदिवासी अपने हितों की रक्षा के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है.

Manish Kunjam targeted cm bhupesh
आदिवासी नेता मनीष कुंजाम
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Published : Feb 13, 2021, 5:59 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बोधघाट परियोजना के शुरू होने में अभी समय है. इस परियोजना का लगातार विरोध किया जा रहा है. इस मुद्दे पर अब सियासत चरम पर है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस परियोजना को आदिवासी किसानों के हित में बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होकर इसका विरोध कर रहे हैं. इस परियोजना से प्रभावित होने वाले क्षेत्र के ग्रामीण भी राज्य सरकार का विरोध कर रहे हैं.

मनीष कुंजाम का सीएम पर निशाना

इस परियोजना के विरोध में आदिवासियों का साथ दे रहे आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने भी जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा कर अपनी बात रखी. सीपीआई नेता मनीष कुंजाम का कहना है कि इस परियोजना को बिना सोचे समझे लाया गया है. इससे कितने किसानों को नुकसान होगा इसका आकलन भी नहीं किया गया है. बोधघाट मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान पूरी तरह से तानाशाह लग रहा है. कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि यह वही पार्टी है जो चुनाव के बाद टाटा से प्रभावित किसानों को उनकी जमीन वापस दिलवाने का दंभ भर रही थी. अब यही पार्टी उसी क्षेत्र में किसानों की जमीन डुबोने पर आतुर है.

बोधघाट परियोजना के लिए पहले ग्रामीणों से बात करें सीएम-मनीष कुंजाम

मनीष कुंजाम ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि यह सोची समझी रणनीति है. किसानों का हित केवल एक दिखावा है. परियोजना के पूरे होते ही इनके मालिक जो बड़े-बड़े व्यापारी हैं, वे सामने आ जाएंगे.

एक बार फिर लामबंद होंगे बस्तर के आदिवासी

मनीष कुंजाम ने स्थानीय विधायकों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सभी विधायक डरे हुए हैं. यदि उनके द्वारा विरोध किया जाएगा तो उन्हें अपनी जेब भरने का मौका नहीं मिलेगा. मनीष कुंजाम ने कहा कि बस्तर में 1874 से 1910 तक कई बार आदिवासियों ने अपने हक के लिए बड़ी लड़ाइयां लड़ी है और जरूरत पड़ी तो एक बार फिर आदिवासी अपने हितों की रक्षा के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है.

प्लांट के निजीकरण से स्थानीय कर्मचारियों की होगी छटनी

इसके अलावा नगरनार स्टील प्लांट के विनीवेशीकरण पर भी मनीष कुंजाम ने इसे बस्तर के हित में नहीं होना बताया. उनका कहना है कि जिस दिन प्लांट का निजीकरण होगा उस दिन सभी स्थानीय लोगों की नौकरी लगी है, सबसे पहले उन सबकी छंटनी की जाएगी. उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासियों का विकास हो पर उनके संस्कृति को बचाकर हो.

जगदलपुर: बोधघाट परियोजना के शुरू होने में अभी समय है. इस परियोजना का लगातार विरोध किया जा रहा है. इस मुद्दे पर अब सियासत चरम पर है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस परियोजना को आदिवासी किसानों के हित में बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम अपनी ही सरकार के खिलाफ खड़े होकर इसका विरोध कर रहे हैं. इस परियोजना से प्रभावित होने वाले क्षेत्र के ग्रामीण भी राज्य सरकार का विरोध कर रहे हैं.

मनीष कुंजाम का सीएम पर निशाना

इस परियोजना के विरोध में आदिवासियों का साथ दे रहे आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने भी जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा कर अपनी बात रखी. सीपीआई नेता मनीष कुंजाम का कहना है कि इस परियोजना को बिना सोचे समझे लाया गया है. इससे कितने किसानों को नुकसान होगा इसका आकलन भी नहीं किया गया है. बोधघाट मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान पूरी तरह से तानाशाह लग रहा है. कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि यह वही पार्टी है जो चुनाव के बाद टाटा से प्रभावित किसानों को उनकी जमीन वापस दिलवाने का दंभ भर रही थी. अब यही पार्टी उसी क्षेत्र में किसानों की जमीन डुबोने पर आतुर है.

बोधघाट परियोजना के लिए पहले ग्रामीणों से बात करें सीएम-मनीष कुंजाम

मनीष कुंजाम ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि यह सोची समझी रणनीति है. किसानों का हित केवल एक दिखावा है. परियोजना के पूरे होते ही इनके मालिक जो बड़े-बड़े व्यापारी हैं, वे सामने आ जाएंगे.

एक बार फिर लामबंद होंगे बस्तर के आदिवासी

मनीष कुंजाम ने स्थानीय विधायकों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सभी विधायक डरे हुए हैं. यदि उनके द्वारा विरोध किया जाएगा तो उन्हें अपनी जेब भरने का मौका नहीं मिलेगा. मनीष कुंजाम ने कहा कि बस्तर में 1874 से 1910 तक कई बार आदिवासियों ने अपने हक के लिए बड़ी लड़ाइयां लड़ी है और जरूरत पड़ी तो एक बार फिर आदिवासी अपने हितों की रक्षा के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है.

प्लांट के निजीकरण से स्थानीय कर्मचारियों की होगी छटनी

इसके अलावा नगरनार स्टील प्लांट के विनीवेशीकरण पर भी मनीष कुंजाम ने इसे बस्तर के हित में नहीं होना बताया. उनका कहना है कि जिस दिन प्लांट का निजीकरण होगा उस दिन सभी स्थानीय लोगों की नौकरी लगी है, सबसे पहले उन सबकी छंटनी की जाएगी. उन्होंने कहा कि बस्तर के आदिवासियों का विकास हो पर उनके संस्कृति को बचाकर हो.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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