जगदलपुर: सिंचाई परियोजना के तहत बस्तर जिले के भानपुरी इलाके में बने कोसारटेडा बांध की मुख्य नहर शुक्रवार को अचानक टूट गई. सोरगांव के पास नहर के टूट जाने से आस-पास के करीब 6 से 8 किसानों के करीब 20 एकड़ से ज्यादा खेतों में पानी भर गया. इससे किसानों के फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.
दरअसल कोसारटेडा बांध में पानी भर जाने के बाद किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए एक हफ्ते पहले नहर में पानी छोड़ा गया था, जहां से पानी का बहाव जारी था. इसी बीच सोरगांव के मारिपारा से होकर जाने वाली नहर शुक्रवार को अचानक टूट गई और पूरा पानी किसानों के खेतों में भरने लगा. नहर टूटने की वजह से किसानों का लगभग 20 एकड़ खेत में लगी फसल प्रभावित हुई है. इधर घटना के बाद कोसारटेडा बांध को बंद कर पानी के बहाव को रोक दिया गया है, लेकिन करीब 20 से 22 किलोमीटर की दूरी से तेज बहाव के साथ आ रहा पानी किसानों के खेतों में जमा होता चला गया. इससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.
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प्रभावित किसान छगन भारती ने बताया कि उन्होंने अपने 7 एकड़ खेत में धान की फसल लगाई थी, जो अब पूरी तरह खराब हो गई है. ऐसे ही 7 से 8 किसानों ने अपने खेतों में धान की फसल लगाई थी, जो पूरी तरह खराब हो गई है. जानकारी के मुताबिक इस नहर का निर्माण 2007-08 में हुआ था. वहीं 2017 से इस नहर की हालत और भी बदतर हो गई थी, लेकिन जलसंसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने इसके मरम्मत की सुध नहीं ली और आज इस नहर के टूट जाने से किसानों का लगभग 20 एकड़ में लगाई गई फसल बर्बाद हो गई. हालांकि जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने नहर की जल्द मरम्मत करवाने की बात कही है.
प्रदेश के कई बांध अभी से भरे
बता दें कि मौसम विभाग ने इस साल प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना जताई है. अब तक की बारिश से प्रदेश के कई बांध भर चुके हैं. कोरबा जिले के बांगो बांध, हसदेव बांध, बालोद के तांदुला डैम, धमतरी के गंगरेल डैम सहित प्रदेश के अन्य बड़े बांधों में अभी से पानी भर गया है, जिससे किसानों ने खुशी जाहिर की है. किसानों का कहना है कि इसका फायदा उन्हें सबसे ज्यादा मिलेगा. वहीं आने वाले कुछ दिनों की बारिश के बाद बांध के गेट भी खोले जा सकते हैं.