जगदलपुर : बस्तर घने जंगलों से घिरा है. बस्तर के जंगलों में जंगली जानवरों की मौजूदगी हमेशा नजर आती है. जानवरों के लिए बस्तर का वन्य क्षेत्र बेहद ही अनुकूल है. लेकिन बस्तर में जंगली जानवरों की मौजूदगी से लोगों में भय का माहौल बना हुआ है.इन दिनों बस्तर के अलग-अलग वन परिक्षेत्रों से तेंदुए की पालतू मवेशियों को निशाना बनाने की घटनाएं सामने आई है.जिसके कारण कई गांवों में दहशत का माहौल बन चुका है.
कहां है तेंदुए का आतंक ? : जगदलपुर जिले के रतेंगा स्थित बीजाकासा जलप्रपात के नजदीक तेंदुए का आतंक देखने को मिला है.जहां गुरुवार देर रात तेंदुए ने एक किसान के घर में बने बाड़ी में घुसकर एक मवेशी को अपना शिकार बनाया. सुबह जब ग्रामीण उठे तब उन्होंने मृत मवेशी को देखा. मवेशी के शव के पास तेंदुए के पंजे के निशान थे.
वन विभाग के अधिकारियों ने किया मुआयना :घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और वरिष्ठ पशु चिकित्सक अधिकारी अपने टीम के साथ मौके पर पहुंचे.इसके बाद आवश्यक कार्रवाई के बाद वेटनरी डॉक्टर्स की टीम ने मृत मवेशी के शव का पीएम किया. पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ. नेगी ने बताया कि तेंदुए ने 5 से 6 वर्ष के बैल का शिकार किया है. ऐसा लग रहा है कि तेंदुआ बहुत ही ताकतवर है.
''वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है. मवेशी की पीएम रिपोर्ट मिल चुकी है. इसके साथ ही वन विभाग की टीम इलाके में आवश्यक कार्रवाई कर रही है.'' बीएल सुरोजिया, रेंजर बस्तर वन परिक्षेत्र
अब तक 10 मवेशी तेंदुए के शिकार : चित्रकोट वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाश ठाकुर के मुताबिक इस इलाके में अब तक करीब 8 से 10 मवेशियों को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया है. जिन लोगों के मवेशियों को शिकार बनाया गया है उन्हें वन विभाग ने उचित मुआवजा दिया है. इस घटना के कुछ ही दिन पहले चित्रकोट वन परिक्षेत्र के साकरगांव में तेंदुआ ग्रामीणों के फंदे में फंस गया था. जिसके बाद वन विभाग की टीम ने मौके पहुंचकर तेंदुए का रेस्क्यू किया था. वहीं बीजकासा में एक बार फिर तेंदुए की मौजूदगी ने ग्रामीणों के अंदर दहशत का माहौल है.