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आखिर क्यों हो रही बस्तर के ग्रामीण इलाकों में बिजली की कमी? - बस्तर में गर्मी में बिजली की खपत

गर्मी के दिनों में बस्तर के ग्रामीण इलाकों में सबसे अधिक बिजली की खपत होती (Electricity consumption in summer in Bastar ) है. यही कारण है कि बिजली की किल्लत भी ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रही है.

power shortage in bastar
बस्तर में बिजली की कमी
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Published : May 18, 2022, 11:13 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर: बस्तर में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार हो रही बिजली कटौती के कारण ग्रामीण और शहरवासियों को काफी दिक्कतें हो रही (Electricity consumption in summer in Bastar) है. मेंटेनेंस और बिजली के अधिक उपयोग और ट्रांसफार्मरों के ऊपर पड़ रहे दबाव की वजह से यह परेशानी लोगों को झेलनी पड़ रही है. इन दिनों बस्तर में चल रहे आंधी-तूफान और बारिश से भी विद्युत विभाग बिजली को शटडाउन कर देता है, जिससे लोगों की मुश्किलें है बढ़ जाती हैं.

उच्चदाब के नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे: दरअसल, विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा शहरी क्षेत्र में आवश्यकतानुसार पुराने ट्रांसफॉर्मरों को बदलकर उच्चदाब के नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में दशकों पुराने ट्रांसफॉर्मर लगे हैं. जो अब धोखा दे रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में जब विद्युतीकरण हुई थी तब से अब तक एक बार भी ट्रांसफॉर्मर बदले नहीं गए हैं. हालांकि जहां पर ट्रासफॉर्मर अधिक खराब होते हैं. ग्रामीण की लगातार मांग रही वहां भी नए ट्रांसफॉर्मर लगे. पुराने ट्रांसफॉर्मर के कारण ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीण इलाकों में बिजली की कमी

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती जा रही बिजली खपत: शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की खपत हर साल बढ़ती जा रही है. बिजली की खपत बढ़ने से ट्रांसफॉर्मर में दबाव पड़ रहा है. गांवों में अधिकांश जगहों पर विद्युतीकरण के दौरान लगे ट्रांसफॉर्मर ही आज भी काम कर रहे हैं, जबकि पहले लगे ट्रासफॉर्मर की क्षमता कम है. बस्तर ब्लॉक के परचनपाल में 400 केवी का विद्युत केन्द्र स्थापित होने के बाद सरप्लस बिजली हो गयी है. ऐसे में भविष्य में बिजली की खपत को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में भी उच्चदाब वाले ट्रांसफॉर्मर लगाने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें: बस्तर में मौसम ने बदली करवट, दोपहर बाद तेज आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश

अधिक हो रहा कूलर एसी का उपयोग: इस विषय में विद्युत विभाग के शहरी इंजीनियर प्रदीप अग्रवानी का कहना है, "गर्मी की वजह से लोग एसी, कुलर का उपयोग कर रहे हैं. जिसकी वजह से ट्रांसफार्मरों पर अधिक दबाव पड़ता रहा है. इससे जंपर लाइन पिघल जाती है. इससे कुछ क्षेत्रों में प्रभाव जरूर पड़ता है. लेकिन उसे तत्काल ही व्यवस्थित करने की कोशिश की जाती है. इसके साथ ही कई घरों में क्षमता से ज्यादा बिजली उपयोग की जाती है. जिस वजह से ट्रांसफार्मरों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है. ऐसी शिकायतें जब बिजली विभाग को मिलती है उस सूरत में उन पर पेनाल्टी की कार्रवाई भी की जाती है. इसके अलावा आंधी-तूफान से बिजली तारों के ऊपर पेड़ के ढंगाल भी टूट कर गिर जाते हैं. जिससे बिजली प्रभावित होती है और लोगों को थोड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ता है. हालांकि विद्युत विभाग लगातार मेंटेनेंस करने की कोशिश कर रही है ताकि लोगों को कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े."

बस्तर: बस्तर में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार हो रही बिजली कटौती के कारण ग्रामीण और शहरवासियों को काफी दिक्कतें हो रही (Electricity consumption in summer in Bastar) है. मेंटेनेंस और बिजली के अधिक उपयोग और ट्रांसफार्मरों के ऊपर पड़ रहे दबाव की वजह से यह परेशानी लोगों को झेलनी पड़ रही है. इन दिनों बस्तर में चल रहे आंधी-तूफान और बारिश से भी विद्युत विभाग बिजली को शटडाउन कर देता है, जिससे लोगों की मुश्किलें है बढ़ जाती हैं.

उच्चदाब के नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे: दरअसल, विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा शहरी क्षेत्र में आवश्यकतानुसार पुराने ट्रांसफॉर्मरों को बदलकर उच्चदाब के नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में दशकों पुराने ट्रांसफॉर्मर लगे हैं. जो अब धोखा दे रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में जब विद्युतीकरण हुई थी तब से अब तक एक बार भी ट्रांसफॉर्मर बदले नहीं गए हैं. हालांकि जहां पर ट्रासफॉर्मर अधिक खराब होते हैं. ग्रामीण की लगातार मांग रही वहां भी नए ट्रांसफॉर्मर लगे. पुराने ट्रांसफॉर्मर के कारण ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीण इलाकों में बिजली की कमी

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती जा रही बिजली खपत: शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की खपत हर साल बढ़ती जा रही है. बिजली की खपत बढ़ने से ट्रांसफॉर्मर में दबाव पड़ रहा है. गांवों में अधिकांश जगहों पर विद्युतीकरण के दौरान लगे ट्रांसफॉर्मर ही आज भी काम कर रहे हैं, जबकि पहले लगे ट्रासफॉर्मर की क्षमता कम है. बस्तर ब्लॉक के परचनपाल में 400 केवी का विद्युत केन्द्र स्थापित होने के बाद सरप्लस बिजली हो गयी है. ऐसे में भविष्य में बिजली की खपत को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में भी उच्चदाब वाले ट्रांसफॉर्मर लगाने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें: बस्तर में मौसम ने बदली करवट, दोपहर बाद तेज आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश

अधिक हो रहा कूलर एसी का उपयोग: इस विषय में विद्युत विभाग के शहरी इंजीनियर प्रदीप अग्रवानी का कहना है, "गर्मी की वजह से लोग एसी, कुलर का उपयोग कर रहे हैं. जिसकी वजह से ट्रांसफार्मरों पर अधिक दबाव पड़ता रहा है. इससे जंपर लाइन पिघल जाती है. इससे कुछ क्षेत्रों में प्रभाव जरूर पड़ता है. लेकिन उसे तत्काल ही व्यवस्थित करने की कोशिश की जाती है. इसके साथ ही कई घरों में क्षमता से ज्यादा बिजली उपयोग की जाती है. जिस वजह से ट्रांसफार्मरों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है. ऐसी शिकायतें जब बिजली विभाग को मिलती है उस सूरत में उन पर पेनाल्टी की कार्रवाई भी की जाती है. इसके अलावा आंधी-तूफान से बिजली तारों के ऊपर पेड़ के ढंगाल भी टूट कर गिर जाते हैं. जिससे बिजली प्रभावित होती है और लोगों को थोड़ी समस्या का सामना भी करना पड़ता है. हालांकि विद्युत विभाग लगातार मेंटेनेंस करने की कोशिश कर रही है ताकि लोगों को कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े."

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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