बस्तर: छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा सीट में बस्तर संभाग की कोंटा विधानसभा सीट पर कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है. यहां से प्रदेश के उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा विधायक हैं. यह 5 बार इस सीट से लगातार जीत हासिल कर चुके हैं. कवासी लखमा की नक्सली क्षेत्र में अच्छी पैठ हैं और अपने अलग अंदाज के लिए वह जाने जाते हैं.
कवासी लखमा का जीवन परिचय: कवासी लखमा का जन्म साल 1953 में हुआ था. माड़िया जाति के कवासी लखमा का जन्म छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के नागरास गांव में हुआ था. इनकी पत्नी का नाम कवासी बुधरी है. कवासी लखमा के 2 बेटे और 2 बेटियां हैं. जिनमें एक बेटा युवा नेता है और सुकमा जिला पंचायत का अध्यक्ष है. कवासी लखमा फिलहाल कोंटा विधानसभा सीट से विधायक हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री भी हैं.
दिलचस्प रहा कवासी लखमा का राजनीतिक सफर: कवासी लखमा ने वार्ड पंच से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. वे वर्ष 1995-96 में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सुकमा के अध्यक्ष रहे. 1998 में वे पहली बार कोंटा विधानसभा से विधायक चुने गए. जिसके बाद 2003, 2008, 2013, 2018 में निरंतर विधायक चुने गए. साल 2000 याचिका समिति प्रत्यायुक्त विधान समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने. 2002 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष जिला दंतेवाड़ा बने. जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक जगदलपुर के अध्यक्ष बने. साल 2004 में सरकारी उपक्रम संबंधी समिति, याचिका समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने. 2008 से अपने 2018 तक पीसीसी सदस्य कोंटा से बने.
पांच बार लगातार जीत चुके हैं लखमा: कोंटा विधानसभा से कवासी लखमा विधायक हैं. जो लगातार 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से कोंटा विधानसभा सीट है. साल 1998 में पहली बार कोंटा विधानसभा से कवासी लखमा को टिकट मिली. जिसके बाद कवासी लखमा विधानसभा सीट जीत गए. जिसके बाद जीत का सिलसिला कोंटा विधानसभा में जारी था. साल 2003 में जीत मिली. साल 2008 से साल 2013 तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रही. इसके बावजूद कवासी लखमा कोंटा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर सीट को जीतते आये. 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कवासी लखमा में 5वीं बार चुनाव जीत कर सीट अपने नाम किया. यही कारण है कि बस्तर संभाग के कोंटा विधानसभा सीट को एक अभेद किला माना जाता है. इस साल दोबारा कांग्रेस के प्रत्याशी बनने के लिए कवासी लखमा में अपनी दावेदारी ठोंकी है.