ETV Bharat / state

जगदलपुर : जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा कराने विपक्ष ने फूंका बिगुल - आदिवासी ग्रामीण जगदलपुर

बस्तर के केंद्रीय जेल में नक्सल मामलों में सालों से बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा कराने के लिए विपक्ष अब आवाज उठा रहा है. इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की फिराक में है.

जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों की रिहाई की मांग करते परिजन
author img

By

Published : Sep 15, 2019, 5:29 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: जिला मुख्यालय के केंद्रीय जेल में सालों से बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने की मांग अब तेजी से उठने लगी है. इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरने की फिराक में है.

सरकार की कथनी और करनी में है फर्क : अजीत जोगी

दरअसल, कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टों में नक्सल मामलों में सालों से जेल मे बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार बनने के आठ महीने बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई न होता देख विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.

सरकार की कथनी और करनी में है फर्क : अजीत जोगी
अपने तय वादे के मुताबिक निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने के फैसले पर कोई अमल होता न देख छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस-जे के सुप्रीमो अजीत जोगी ने सरकार की कथनी और करनी दोनों में अंतर बताया है.

जोगी का कहना है कि, 'प्रदेश सरकार नक्सल मामलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा कराने में अब कोई रूचि नहीं दिखा रही है जबकि उन्होंने सरकार बनते ही बस्तर के आदिवासी भाइयों से इस मामले को प्राथमिकता से लेने का वादा किया था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने 8 महीने बीत गए और अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.'

जोगी ने कहा कि, 'सरकार ने अब तक एक भी आदिवासी को रिहा नहीं की है और अन्य निर्दोष आदिवासियों को उल्टा जेल में बंद कर रही है.'

पढ़े- शिक्षामंत्री को हाईजैक करने वाले बृहस्पति सिंह के बयान पर बोले सिंहदेव, दी ये सलाह

सरकार कर रही है मामले पर विचार : शिव डहरिया
वहीं इस मामले में प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि इसे लेकर सरकार गंभीर है और इस पर विचार भी कर रही है, जो आदिवासी निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है. उनके साथ अन्याय होने नहीं दिया जाएगा.
बता दें कि दो दिन पहले ही सुकमा के दोरनापाल में हजारों की संख्या में आदिवासी ग्रामीणों ने इस बात को लेकर प्रर्दशन भी किया था. सरकार बनने के आठ महीने बाद भी जांच कमेटी का गठन नहीं किया जा सका है.

जगदलपुर: जिला मुख्यालय के केंद्रीय जेल में सालों से बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने की मांग अब तेजी से उठने लगी है. इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरने की फिराक में है.

सरकार की कथनी और करनी में है फर्क : अजीत जोगी

दरअसल, कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टों में नक्सल मामलों में सालों से जेल मे बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार बनने के आठ महीने बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई न होता देख विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.

सरकार की कथनी और करनी में है फर्क : अजीत जोगी
अपने तय वादे के मुताबिक निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने के फैसले पर कोई अमल होता न देख छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस-जे के सुप्रीमो अजीत जोगी ने सरकार की कथनी और करनी दोनों में अंतर बताया है.

जोगी का कहना है कि, 'प्रदेश सरकार नक्सल मामलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा कराने में अब कोई रूचि नहीं दिखा रही है जबकि उन्होंने सरकार बनते ही बस्तर के आदिवासी भाइयों से इस मामले को प्राथमिकता से लेने का वादा किया था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने 8 महीने बीत गए और अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.'

जोगी ने कहा कि, 'सरकार ने अब तक एक भी आदिवासी को रिहा नहीं की है और अन्य निर्दोष आदिवासियों को उल्टा जेल में बंद कर रही है.'

पढ़े- शिक्षामंत्री को हाईजैक करने वाले बृहस्पति सिंह के बयान पर बोले सिंहदेव, दी ये सलाह

सरकार कर रही है मामले पर विचार : शिव डहरिया
वहीं इस मामले में प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि इसे लेकर सरकार गंभीर है और इस पर विचार भी कर रही है, जो आदिवासी निर्दोष हैं, उन्हें फंसाया गया है. उनके साथ अन्याय होने नहीं दिया जाएगा.
बता दें कि दो दिन पहले ही सुकमा के दोरनापाल में हजारों की संख्या में आदिवासी ग्रामीणों ने इस बात को लेकर प्रर्दशन भी किया था. सरकार बनने के आठ महीने बाद भी जांच कमेटी का गठन नहीं किया जा सका है.

Intro:जगदलपुर। जगदलपुर के केन्द्रीय जेल मे सालो से बंद निर्दोष आदिवासियो को रिहा करने की मांग अब तेजी से उठने लगी है, और अब इस मामले को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेरने के फिराक मे है।  दरअसल कांग्रेस ने अपने मेनीफेस्टो मे नक्सल मामलो मे सालो से जेल मे बंद निर्दोष आदिवासियो को रिहा करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार बनने के 8 महीने बाद भी इस मामले मे अब तक कोई ठोस कदम नही उठा पाने से अब विपक्ष सरकार को घेरते नजर आ रही है।


Body:अपने तय वायदे के अनुसार निर्दोष आदिवासियो को रिहा करने के फैसले पर कोई अमल होता न देख छत्तीसगढ जनता कांग्रेस के सुप्रिमो अजीत जोगी ने सरकार के कथनी औऱ करनी मे अंतर बताया है अजीत जोगी का कहना है कि प्रदेश सरकार नक्सल मामलो मे बंद निर्दोष आदिवासियो को रिहा कराने मे अब कोई रुचि नही दिखा रही है, जबकि उन्होने सरकार बनते ही इस मामले को प्राथमिकता से लेने का बस्तर के आदिवासियो भाईयो से वादा किया था, प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार बने 8 महीने बीत गये और इस मामले मे अब तक कोई फैसला नही लिया गया है।


Conclusion:जोगी ने कहा कि सरकार अब तक एक भी आदिवासी को रिहा नही कर पाई है और अन्य निर्दोष आदिवासियों को उल्टा जेल में बंद कर रही है। वही इस मामले मे प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है और इस पर विचार भी कर रही है, जो आदिवासी निर्दोष है जिन्हे फसाया गया है उनके साथ अन्याय होने नही दिया जायेगा।
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व ही सुकमा जिले के दोरनापाल मे हजारो की संख्या मे  आदिवासी ग्रामीणो ने इस बात को लेकर प्रर्दशन भी किया था कि सरकार निर्दोष आदिवासियो के रिहाई को लेकर अपने ही किये गये वायदे को लेकर गंभीर नही है 8 महीने बीत जाने के बावजुद सरकार अब तक कमेटी भी गठन नही कर सकी है।       

बाईट1- अजीत जोगी, सुप्रिमो

बाईट2- शिव डहरिया, नगरीय प्रशासन मंत्री
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.