जगदलपुर : बस्तर में मानव तस्करी के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. आदिवासियों को रुपयों का लालच देकर उन्हें दूसरे प्रदेशों में ले जाकर बधंक बना लिया जाता है. अब तक यही जानकारी मिलती थी कि बस्तर के युवा किसी प्रदेश में फंसे हुए हैं, लेकिन अब जो मामला सामने आया है वो काफी चौंकाने वाला है, जहां राजधानी रायपुर में पढ़ रही आदिवासी युवतियों को सरकारी नौकरी का लालच देकर उन्हें केरल भेज दिया गया, जिसके बाद लगभग 3 महीने से फंसी बालिकाओं को लाने के लिए परिजन पुलिस और श्रम विभाग से गुहार लगा रहे हैं.
मामला, जगदलपुर के धुरगुडा गांव का है, जहां तस्करी का शिकार हुई बालिकाओं के परिजनों ने बताया कि 6 महीने पहले कंप्यूटर की शिक्षा देने के नाम पर रायपुर के रहने वाले फिरोज खान और देवेंद्र साहू नाम के युवक गांव की 5 बालिकाओं को अपने साथ ले गए और वहां से सरकारी नौकरी का लालच देकर केरल भेज दिया, जहां बालिकाएं एक कपड़े की फैक्ट्री के मालिक के चंगुल में फंस गईं और उन्हें मालिक ने बंधक बना लिया. जब लड़कियों ने इसका विरोध किया तो उनसे मारपीट कर बंधक बनाकर काम कराया जाने लगा.
बच्चियों को मिल रही है जान से मारने की धमकी
परिजनों के मुताबिक लड़कियों को आने नहीं दिया जा रहा है और जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. जगदलपुर पहुंचे लड़कियों के परिजनों ने सीएसपी और श्रम विभाग से बच्चों को वापस लाने की गुहार लगाई है. इधर शिकायत मिलने के बाद CSP ने बताया कि धुरगुडा की पांच लड़कियों के साथ जिले की कुल 18 बालिकाएं हैं, जो केरल की इसी कपड़ा फैक्ट्री के मालिक के चंगुल में फंसी हुई हैं और पुलिस इसकी पतासाजी में जुटी हुई है.
'जल्द होगी कार्रवाई'
CSP का कहना है कि जल्द ही श्रम विभाग के कुछ कर्मचारियों के साथ पुलिस की एक टीम को रवाना किया जाएगा और इस मामले में जल्द कार्रवाई की जाएगी.