बस्तर: बस्तर को नक्सलगढ़ के नाम से जाना जाता है. लेकिन प्राचीन काल से अब तक बस्तर को नेचुरल ब्यूटी का स्वर्ग कहा जाता है. यहां नदी, पहाड़, झरने और जंगल देखकर आप दीवाने हो जाएंगें. यहां की हरी भरी वादियों आपका दिल मोह लेगी. इसलिए नए साल के मौके पर अगर आप घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो बस्तर जरूर आईए. Chhattisgarh ka swarg Bastar
आप निहारते रह जाएंगे बस्तर की खूबसूरती: बस्तर की खूबसूरती को रचने में प्रकृति ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. प्रकृति ने बस्तर में पर्यटन स्थल के इतने रास्ते खोले हैं कि यदि कहीं रास्ता अगर बंद हो जाए. तो दूसरा रास्ता अपने आप ही पर्यटन के क्षेत्र में खुल जाता है. यदि आप और आपका परिवार नए साल में किसी खूबसूरत क्षेत्र में समय बिताना चाहते हैं. या पिकनिक मानना चाहते हैं तो बस्तर आपके लिए शानदार ऑपशन है. क्योंकि बस्तर की खूबसूरती मन मोह लेने वाली है. आज हम आपको बस्तर के कुछ ऐसे ही खूबसूरत पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे. जहां आप साल के अंत में और साल के शुरुआती दिनों में काफी मस्ती कर सकते हैं.
चित्रकोट जलप्रपात का क्या कहना: भारत के मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर बस्तर का चित्रकोट जल प्रपात आपका दिल मोह लेगा. चित्रकोट जलप्रपात बस्तर के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक में पड़ता है. 40 फीट की चौड़ाई से गिरता यह वाटरफॉल अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है. बस्तर की जीवनदायनी इंद्रावती नदी के जल को समेट कर यह जल प्रपात 90 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है. इस जलप्रपात का शोर आपके मन में प्रकृति के प्रति एक ऐसा प्रेम पैदा कर देगा, जिसे आप जीवन भर नहीं भूल पाएंगे. मानसून से लेकर हर मौसम में यह वाटरफॉल लोगों का मन मोह लेता है. यही वजह है कि देश के अलावा विदेशों से भी हजारों की संख्या में पर्यटक हर साल यहां पहुंचते हैं. कई फिल्मों की शूटिंग में यहां हुई है. इस वाटरफॉल के पास आपको ठहरने का भी ऑप्शन मिल जाएगा. यहां टेंट की सुविधा दी गई है. जिसमें रहकर आप प्रकृति के बीच ठहरने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं.
तीरथगढ़ जलप्रपात: बस्तर का दूसरा सबसे बड़ा जल प्रपात है तीरतगढ़ जल प्रपात. इसे बस्तर की जान भी कहा जाता है. इस वाटरफॉल में मुनगा बहार का पानी गिरता है. इस वाटरफॉल की खासियत है कि यहां का जल प्रपात थ्री स्टेप में होकर नीचे गिरता है. इस जलप्रपात की ऊंचाई 100 फीट से भी अधिक है. इसे करीब से देखने के लिए पर्यटकों को करीब 300-400 सीढ़ी नीचे उतरने की मशक्कत उठानी पड़ती है. इसे भी देखने के लिए हजारों लोग हर साल बस्तर पहुंचते हैं.
बस्तर में कई लुभावने वाटरफॉल: बस्तर में कई लुभावने वाटरफॉल हैं. जिनमें तामड़ाघूमर जलप्रपात, मेन्द्रीघूमर जलप्रपात, चित्रधारा जलप्रपात, मंडवा जलप्रपात और बिजाकसा जलप्रपात शामिल हैं.
बस्तर का कोटमसर गुफा: बस्तर में कांगेर वैली कई प्राकृतिक खूबसूरती और खजानों से भरपूर है. यहां कोटमसर गुफा है जो काफी बड़ा है. यह गुफा 50 फीट चौड़ी है. गुफा के अंदर कई तरह की आकृतियां हैं. गुफा के अंदर अंधी मछली पाई जाती है. इसके अलावा संगमरमर स्टोन से पानी की बूंदे गिरती है. यह स्टोन काफी चमकीली है. कांगेर वैली की अन्य गुफाओं की बात करे तो, यहां दंडक गुफ़ा, कैलाश गुफा, हरि गुफा, मादरकोंटा गुफा मौजूद है. यहां पर सभी प्रकार के सैलानी आकर नया साल मना सकते हैं. पर्यटक यहां कयाकिंग का भी मजा ले सकते हैं.
दलपत सागर को देख आप हो जाएंगे दीवाना: बस्तर का दलपत सागर अपने आप में काफी मशहूर है. यहां करीब 400 हेक्टेयर में फैला हुआ है. इसे बस्तर के राजा दलपत देव ने बनवाया था. इसकी खूबसूरती देख सैलानी दीवाने हो जाते हैं. इसके बीच में जिला प्रशासन ने आइलैंड का भी निर्माण किया है, जो और भी आकर्षक है. रात के समय लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. यहां रोजाना सुबह शाम में स्थानीय पर्यटक पहुंचते हैं.
बस्तर का मिचनार हिल स्टेशन: बस्तर में वाटरफॉल, तालाब और गुफा के बाद हिल स्टेशन भी है. यहां मिचनार हिल स्टेशन है. लोहंडीगुड़ा और तोकापाल ब्लॉक के बॉर्डर में मौजूद है. मिचनार गांव में यह हिल स्टेशन है इसलिए इसका नाम मिचनार हिल स्टेशन पड़ा. मिचनार हिल स्टेशन की ऊंचाई करीब 100 फी है. पर्यटकों को 100 फीट ऊंचे पहाड़ पर पैदल ही चलना पड़ता है. इस दौरान यहां आने वाले पर्यटकों को नेचुरल ब्यूटी को करीब से निहारने का मौका मिलता है. यहां आकर सैलानियों को ऊटी और बड़े बड़े हिल्स स्टेशन जैसा मजा मिलता है.