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बस्तर : वन संपदा बचाने की दिशा में मुंडापाल गांव का ऐतिहासिक फैसला

गौण खनिज के अवैध उत्खनन और वन संपदाओं के दोहन पर रोक लगाने के लिए मुंडापाल गांव आगे आया है. अब ग्रामसभा से अनुमति मिलने पर ही गांव में गौण खनिज का उत्खनन किया जा सकेगा.

वन संपदा की खातिर उठाया कदम
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Published : Nov 2, 2019, 11:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर : बस्तर में गौण खनिज के अवैध उत्खनन और वन संपदाओं के दोहन पर रोक लगाने के लिए मुंडापाल गांव ने बड़ा फैसला लिया है. इस ऐतिहासिक फैसले के तहत अब बिना ग्रामसभा की अनुमति के गांव में गौण खनिज का उत्खनन नहीं हो सकेगा.

वन संपदा की खातिर उठाया कदम

साथ ही वन संसाधन का भी दोहन कोई नहीं कर पाएगा और न ही कोई बाहरी व्यक्ति इस गांव में अपना मकान, या जमीन की खरीद फरोख्त कर सकेगा. जमीन खरीदी के लिए भी पहले ग्रामसभा से अनुमति लेनी होगी.

वन प्रबंधन समिति और विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर मुंडापाल के ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है. अब सामुदायिक वन संसाधन पर सिर्फ मुंडापाल गांव ही दावा कर सकता है.

पढ़ें : बस्तर की जेलों में बंद 300 निर्दोष आदिवासियों की जल्द होगी रिहाई: कवासी लखमा

'अधिकार का हो रहा था हनन'

गांव के मुखिया बलवीर मौर्य ने बताया कि 'वन अधिकार नियम 2006 के अनुसार ग्राम पंचायतों को गांव में सामुदायिक अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन पर अधिकार पारित है. लेकिन इस अधिकार का लगातार हनन हो रहा था'

उन्होंने कहा 'अधिकार को लागू करने पहली बार मुंडापाल में एक बैठक आयोजित की गई थी. जिसमे गांव के ग्रामीणजन और वन समिति के सदस्य मौजूद थे. ग्राम सभा में सर्वसम्मति से यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया'

पढ़ें :बस्तरवासियों को लगा जोर का झटका, सपना बनकर रह गई उड़ान योजना

इसलिए लिया गया है फैसला

बता दें कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि बस्तर जिले में लगातार भोले-भाले ग्रामीणों से जमीन लेकर वन संपदाओं का लगातार दोहन कर किया जा रहा था और ग्रामीणों के अधिकारों का हनन किया जा रहा था. इसी वजह से बस्तर जिले के मुंडापाल ग्राम में इसकी शुरुआत की गई है. और धीरे-धीरे बस्तर जिले के सभी गांवो में इस फैसले को लागू किया जाएगा.

जगदलपुर : बस्तर में गौण खनिज के अवैध उत्खनन और वन संपदाओं के दोहन पर रोक लगाने के लिए मुंडापाल गांव ने बड़ा फैसला लिया है. इस ऐतिहासिक फैसले के तहत अब बिना ग्रामसभा की अनुमति के गांव में गौण खनिज का उत्खनन नहीं हो सकेगा.

वन संपदा की खातिर उठाया कदम

साथ ही वन संसाधन का भी दोहन कोई नहीं कर पाएगा और न ही कोई बाहरी व्यक्ति इस गांव में अपना मकान, या जमीन की खरीद फरोख्त कर सकेगा. जमीन खरीदी के लिए भी पहले ग्रामसभा से अनुमति लेनी होगी.

वन प्रबंधन समिति और विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर मुंडापाल के ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है. अब सामुदायिक वन संसाधन पर सिर्फ मुंडापाल गांव ही दावा कर सकता है.

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'अधिकार का हो रहा था हनन'

गांव के मुखिया बलवीर मौर्य ने बताया कि 'वन अधिकार नियम 2006 के अनुसार ग्राम पंचायतों को गांव में सामुदायिक अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन पर अधिकार पारित है. लेकिन इस अधिकार का लगातार हनन हो रहा था'

उन्होंने कहा 'अधिकार को लागू करने पहली बार मुंडापाल में एक बैठक आयोजित की गई थी. जिसमे गांव के ग्रामीणजन और वन समिति के सदस्य मौजूद थे. ग्राम सभा में सर्वसम्मति से यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया'

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इसलिए लिया गया है फैसला

बता दें कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि बस्तर जिले में लगातार भोले-भाले ग्रामीणों से जमीन लेकर वन संपदाओं का लगातार दोहन कर किया जा रहा था और ग्रामीणों के अधिकारों का हनन किया जा रहा था. इसी वजह से बस्तर जिले के मुंडापाल ग्राम में इसकी शुरुआत की गई है. और धीरे-धीरे बस्तर जिले के सभी गांवो में इस फैसले को लागू किया जाएगा.

Intro:जगदलपुर । बस्तर में लगातार हो रहे गौण खनिज के अवैध उत्खनन और वन संपदाओं के दोहन पर रोक लगाने जिले के मुंडापाल गांव में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है । जिसके तहत अब बिना ग्रामसभा के अनुमति के गांव में गौण खनिज का अवैध उत्खनन नहीं हो पाएगा । साथ ही वन संसाधन का भी दोहन कोई नहीं कर पाएगा । और ना ही कोई बाहरी व्यक्ति इस गांव में अपना मकान, या जमीन की खरीद फरोख्त कर सकेगा। और इसके लिए सबसे पहले ग्रामसभा से अनुमति लेनी होगी।


Body:दरअसल वन प्रबंधन समिति और विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर मुंडापाल के ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है कि अब सामुदायिक वन संसाधन पर सिर्फ मुंडापाल गांव ही दावा कर सकता है । और इस ग्राम के लोगो के अनुमति के बिना कोई भी बाहरी व्यक्ति ना ही गांव में गौण खनिज का उत्खनन कर सकता है । और ना ही वन संपदा का दोहन कर सकता है ।इस गांव के मुखिया बलवीर मौर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि वन अधिकार नियम 2006 के अनुसार ग्राम पंचायतों को ग्राम में सामुदायिक अधिकार व सामुदायिक वन संसाधन पर अधिकार पारित है। लेकिन इस अधिकार का पालन नही किया जा रहा था । इस अधिकार को लागू करने पहली बार मुंडापाल में एक बैठक आयोजित की गई थी। जिसमे गांव के ग्रामीणजन और वन समिति के सदस्य मौजूद थे। इस ग्राम सभा मे सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि ग्राम का सीमांकन कर उस क्षेत्र में किसी तरह से भी बाहरी व्यक्ति के या दूसरे गांव के ग्रामीणों द्वारा वन संपदाओं से लेकर गौण खनिज का उत्खनन नहीं किया जाएगा। और बिना ग्राम सभा से अनुमति लिए गांव में कोई भी खरीद-फरोख्त नही किया जाएगा।

Conclusion:यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि बस्तर जिले में लगातार भोले-भाले ग्रामीणों से जमीन लेकर और साथ ही वन संपदा ओं का लगातार दोहन कर ग्रामीणों के अधिकारों का हनन किया जा रहा था। जिस वजह से इस दोहन को रोकने के लिए बस्तर जिले के मुंडापाल ग्राम में इसकी शुरुआत की गई है। और धीरे-धीरे बस्तर जिले के सभी ग्रामों में इस फैसले को लागू किया जाएगा।

बाईट1-बलवीर मौर्य, मुखिया ग्राम मुंडापाल
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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