जगदलपुर : बस्तर में गौण खनिज के अवैध उत्खनन और वन संपदाओं के दोहन पर रोक लगाने के लिए मुंडापाल गांव ने बड़ा फैसला लिया है. इस ऐतिहासिक फैसले के तहत अब बिना ग्रामसभा की अनुमति के गांव में गौण खनिज का उत्खनन नहीं हो सकेगा.
साथ ही वन संसाधन का भी दोहन कोई नहीं कर पाएगा और न ही कोई बाहरी व्यक्ति इस गांव में अपना मकान, या जमीन की खरीद फरोख्त कर सकेगा. जमीन खरीदी के लिए भी पहले ग्रामसभा से अनुमति लेनी होगी.
वन प्रबंधन समिति और विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर मुंडापाल के ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है. अब सामुदायिक वन संसाधन पर सिर्फ मुंडापाल गांव ही दावा कर सकता है.
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'अधिकार का हो रहा था हनन'
गांव के मुखिया बलवीर मौर्य ने बताया कि 'वन अधिकार नियम 2006 के अनुसार ग्राम पंचायतों को गांव में सामुदायिक अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन पर अधिकार पारित है. लेकिन इस अधिकार का लगातार हनन हो रहा था'
उन्होंने कहा 'अधिकार को लागू करने पहली बार मुंडापाल में एक बैठक आयोजित की गई थी. जिसमे गांव के ग्रामीणजन और वन समिति के सदस्य मौजूद थे. ग्राम सभा में सर्वसम्मति से यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया'
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इसलिए लिया गया है फैसला
बता दें कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि बस्तर जिले में लगातार भोले-भाले ग्रामीणों से जमीन लेकर वन संपदाओं का लगातार दोहन कर किया जा रहा था और ग्रामीणों के अधिकारों का हनन किया जा रहा था. इसी वजह से बस्तर जिले के मुंडापाल ग्राम में इसकी शुरुआत की गई है. और धीरे-धीरे बस्तर जिले के सभी गांवो में इस फैसले को लागू किया जाएगा.