जगदलपुर: ताड़मेटला अग्निकांड के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की सुनवाई एक बार फिर टल गई है. दरअसल तय तारीख के मुताबिक 17 और 18 जनवरी को कुल 105 गवाहों का बयान दर्ज किया जाना था, लेकिन इनमें से एक भी गवाह आयोग के सामने पेश नहीं हो पाया जिसके कारण 33वीं बार आयोग की सुनवाई फिर टल गई.
खास बात यह है कि राज्य सरकार ने 18 जनवरी को होने वाली आयोग की सुनवाई को अंतिम सुनवाई कहा था. लेकिन समन भेजने के बावजूद इस प्रभावित गांव से 105 गवाहों में एक भी गवाह अपना बयान दर्ज करने नही पहुंचा. बताया जा रहा है कि इन ग्रामीणों को समन देने पहुंचे कर्मचारियों को ग्रामीणों ने वापस भेज दिया.
फिर टली सुनवाई
जानकारी के मुताबिक 105 गवाहों में से 19 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, और 2 ग्रामीण केन्द्रीय जेल मे बंद है. साथ ही 20 ग्रामीण इस आगजनी कांड के बाद गांव छोड़ चुके है. जबकि 13 ग्रामीण काम की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं. आयोग अन्य बचे 51 ग्रामीणों की राह तक रहा था, लेकिन इनमें से भी एक भी गवाह सुनवाई में नहीं पहुंचा.
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यह था पूरा मामला
दरअसल 2011 में सुकमा जिले के तीन नक्सल प्रभावित गांव मोरपल्ली, ताड़मेटला और तिम्मापुरम में आगजनी की घटना हुई थी. इसमें 250 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया गया था, इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. जिसमें पिछले 9 सालों में अब तक 200 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके है. जबकि 103 गवाह के बयान दर्ज किए जाने है. वहीं 31 मार्च 2020 को आयोग का कार्यकाल पूरा हो रहा है और अभी तक पूरे गवाहों के बयान नहीं हो पाए हैं.