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ताड़मेटला अग्निकांड में जांच आयोग की सुनवाई फिर टली, नहीं पहुंचा कोई गवाह

जगदलपुर में ताड़मेटला अग्निकांड में जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की सुनवाई फिर टल गई है. जानकारी के मुताबिक 105 गवाहों का बयान दर्ज किया जाना था, लेकिन एक भी गवाह आयोग के सामने नहीं पहुंचा.

Hearing of the commission of inquiry postponed
ताड़मेटला अग्निकांड में जांच आयोग की सुनवाई फिर टली
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Published : Jan 18, 2020, 7:16 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: ताड़मेटला अग्निकांड के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की सुनवाई एक बार फिर टल गई है. दरअसल तय तारीख के मुताबिक 17 और 18 जनवरी को कुल 105 गवाहों का बयान दर्ज किया जाना था, लेकिन इनमें से एक भी गवाह आयोग के सामने पेश नहीं हो पाया जिसके कारण 33वीं बार आयोग की सुनवाई फिर टल गई.

ताड़मेटला अग्निकांड में जांच आयोग की सुनवाई फिर टली

खास बात यह है कि राज्य सरकार ने 18 जनवरी को होने वाली आयोग की सुनवाई को अंतिम सुनवाई कहा था. लेकिन समन भेजने के बावजूद इस प्रभावित गांव से 105 गवाहों में एक भी गवाह अपना बयान दर्ज करने नही पहुंचा. बताया जा रहा है कि इन ग्रामीणों को समन देने पहुंचे कर्मचारियों को ग्रामीणों ने वापस भेज दिया.

फिर टली सुनवाई

जानकारी के मुताबिक 105 गवाहों में से 19 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, और 2 ग्रामीण केन्द्रीय जेल मे बंद है. साथ ही 20 ग्रामीण इस आगजनी कांड के बाद गांव छोड़ चुके है. जबकि 13 ग्रामीण काम की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं. आयोग अन्य बचे 51 ग्रामीणों की राह तक रहा था, लेकिन इनमें से भी एक भी गवाह सुनवाई में नहीं पहुंचा.

पढ़े: छत्तीसगढ़ बजट: क्या चाहते हैं आप, इस नंबर और ईमेल पर सरकार को बताएं

यह था पूरा मामला
दरअसल 2011 में सुकमा जिले के तीन नक्सल प्रभावित गांव मोरपल्ली, ताड़मेटला और तिम्मापुरम में आगजनी की घटना हुई थी. इसमें 250 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया गया था, इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. जिसमें पिछले 9 सालों में अब तक 200 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके है. जबकि 103 गवाह के बयान दर्ज किए जाने है. वहीं 31 मार्च 2020 को आयोग का कार्यकाल पूरा हो रहा है और अभी तक पूरे गवाहों के बयान नहीं हो पाए हैं.

जगदलपुर: ताड़मेटला अग्निकांड के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की सुनवाई एक बार फिर टल गई है. दरअसल तय तारीख के मुताबिक 17 और 18 जनवरी को कुल 105 गवाहों का बयान दर्ज किया जाना था, लेकिन इनमें से एक भी गवाह आयोग के सामने पेश नहीं हो पाया जिसके कारण 33वीं बार आयोग की सुनवाई फिर टल गई.

ताड़मेटला अग्निकांड में जांच आयोग की सुनवाई फिर टली

खास बात यह है कि राज्य सरकार ने 18 जनवरी को होने वाली आयोग की सुनवाई को अंतिम सुनवाई कहा था. लेकिन समन भेजने के बावजूद इस प्रभावित गांव से 105 गवाहों में एक भी गवाह अपना बयान दर्ज करने नही पहुंचा. बताया जा रहा है कि इन ग्रामीणों को समन देने पहुंचे कर्मचारियों को ग्रामीणों ने वापस भेज दिया.

फिर टली सुनवाई

जानकारी के मुताबिक 105 गवाहों में से 19 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, और 2 ग्रामीण केन्द्रीय जेल मे बंद है. साथ ही 20 ग्रामीण इस आगजनी कांड के बाद गांव छोड़ चुके है. जबकि 13 ग्रामीण काम की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं. आयोग अन्य बचे 51 ग्रामीणों की राह तक रहा था, लेकिन इनमें से भी एक भी गवाह सुनवाई में नहीं पहुंचा.

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यह था पूरा मामला
दरअसल 2011 में सुकमा जिले के तीन नक्सल प्रभावित गांव मोरपल्ली, ताड़मेटला और तिम्मापुरम में आगजनी की घटना हुई थी. इसमें 250 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया गया था, इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. जिसमें पिछले 9 सालों में अब तक 200 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके है. जबकि 103 गवाह के बयान दर्ज किए जाने है. वहीं 31 मार्च 2020 को आयोग का कार्यकाल पूरा हो रहा है और अभी तक पूरे गवाहों के बयान नहीं हो पाए हैं.

Intro:जगदलपुर। ताडमेटला आगजनीकाण्ड जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आय़ोग की सुनवाई आज एक बार फिर टल गई है। दरअसल तय ताऱीक के अनुसार 17 और 18 जनवरी को कुल 105 गवांहो का बयान दर्ज किया जाना था, लेकिन इनमे से एक भी गवाह आयोग के समक्ष पेश नही हो पाया और इसके साथ ही 33 वें बार आयोग की सुनवाई फिर टल गई है।




Body:खास बात यह है कि राज्य सरकार ने आज होने वाली आयोग की सुनवाई को  अंतिम सुनवाई कहा था। लेकिन समन भेजने के बावजुद इस प्रभावित गांव से 105 गवाहो मे एक भी गवाह अपना बयान दर्ज करने नही पंहुचा। बताया जा रहा है कि इन ग्रामीणो को समन देने पंहुचे कर्मचारियो को ग्रामीणो ने वापस भेज दिया। और इस दो दिन की सुनवाई मे एक भी गवाह नही पंहुचा।


Conclusion:जानकारी के मुताबिक 105 गवाहो मे 19 ग्रामीणो की मौत हो चुकी है, और 2 ग्रामीण केन्द्रीय जेल मे बंद है। साथ ही 20 ग्रामीण इस आगजनी काण्ड के बाद गांव छोड चुके है, 13 ग्रामीण काम की तलाश मे अन्य राज्यो मे पलायन कर चुके है। आयोग अन्य बचे 51 ग्रामीणो की राह तक रहा था, लेकिन इनमे से भी एक भी गवाह सुनवाई मे नही पंहुचा।

क्या है मामला

दरअसल सन 2011 मे सुकमा जिले के तीन नक्सल प्रभावित गांव मोरपल्ली, ताडमेटला और तिम्मापुरम मे आगजनी की घटना हुई थी जिसमे 250 से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया गया था, इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने  न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। जिसमे मे अब तक पिछले 9 सालों मे 200 से अधिक लोगो के बयान दर्ज किये जा चुके है. जबकि 103 गवाह के बयान दर्ज किये जाने है। और 31 मार्च 2020 को आयोग का कार्यकाल पूरा हो रहा है और अभी तक पूरे गवाहों के बयान नही हो पाये है।       
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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